सभी हिंदी ब्लॉगर्स को मेरा सादर नमस्कार।
पुरुषोत्तम दास टंडन (अंग्रेज़ी: Purushottam Das Tandon, जन्म- 1 अगस्त, 1882, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 1 जुलाई, 1962) आधुनिक भारत के प्रमुख स्वाधीनता सेनानियों में से एक थे। वे 'राजर्षि' के नाम से भी विख्यात थे। उन्होंने अपना जीवन एक वकील के रूप में प्रारम्भ किया था। हिन्दी को आगे बढ़ाने और इसे राष्ट्रभाषा का स्थान दिलाने के लिए पुरुषोत्तम दास जी ने काफ़ी प्रयास किये थे। वे हिन्दी को देश की आज़ादी के पहले आज़ादी प्राप्त करने का साधन मानते रहे और आज़ादी मिल जाने के बाद आज़ादी को बनाये रखने का। वर्ष 1950 में वे 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त हुए थे। पुरुषोत्तम दास टंडन को भारत के राजनीतिक और सामाजिक जीवन में नयी चेतना, नयी लहर, नयी क्रान्ति पैदा करने वाला कर्मयोगी कहा गया है। वर्ष 1961 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया था।
आज पुरुषोत्तम दास टंडन जी के 137वें जन्म दिवस पर हम सब उनके अतुलनीय योगदान को याद करते हुए उन्हें शत शत नमन करते हैं।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
अंधकार से ही जीवन व ज्ञान उपजा है
एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना..
इलेक्ट्रिक वाहन का समय अ गया है
एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना..
इलेक्ट्रिक वाहन का समय अ गया है
सावधान हो जाओ
Pushpa Priya - The Lady with a Golden Pen
Pushpa Priya - The Lady with a Golden Pen
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
5 टिप्पणियाँ:
बहुत सुंदर प्रस्तुति
बहुत विस्तृत जानकारी आदरणीय टंडन जी के बारे में ।
शानदार लिंक।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
सादर
व्वाहहहह..
बढ़िया..
सादर..
बहुत सुंदर लिंक्स।
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