सभी हिन्दी ब्लॉगर्स को मेरा नमस्कार।
कनाईलाल दत्त (अंग्रेज़ी: Kanailal Dutta; जन्म- 30 अगस्त, 1888 ई. हुगली ज़िला, बंगाल; मृत्यु- 10 नवम्बर, 1908 ई., कोलकाता) भारत की आज़ादी के लिए फाँसी के फंदे पर झूलने वाले अमर शहीदों में से एक थे। उन्होंने 1905 में बंगाल के विभाजन का पूर्ण विरोध किया था। अपनी स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करके कनाईलाल कोलकाता आ गये थे और बारीन्द्र कुमार के दल में शामिल हो गए। 1908 में मुजफ़्फ़रपुर के अंग्रेज़ अधिकारी किंग्सफ़ोर्ड पर हमला किया गया था। इस हमले में कनाईलाल दत्त, अरविन्द घोष, बारीन्द्र कुमार आदि पकड़े गये। इनके दल का एक युवक नरेन गोस्वामी अंग्रेज़ों का सरकारी मुखबिर बन गया। क्रांतिकारियों ने इससे बदला लेने का निश्चय कर लिया था। अपना यह कार्य पूर्ण करने के बाद ही कनाईलाल पकड़े गए और उन्हें फाँसी दे दी गई।
आज कनाईलाल दत्त जी के 109वें शहादत दिवस पर हम सब उनको शत शत नमन करते हैं।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
5 टिप्पणियाँ:
कनाईलाल दत्त जी के 109वें शहादत दिवस पर उनको नमन करती आजकी बुलेटिन में 'उलूक' के पन्ने को भी जगह देने के लिये आभार हर्षवर्धन।
समसामयिक विषयों से रूबरू कराता है आज का बुलेटिन, आभार !
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ,,,,
आभार ..जानदार प्रस्तुति
कृपया विश्लेषण का भी कोई हौसला अफजाई करे
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