Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 7 नवंबर 2017

बुजुर्ग दम्पति, डाक्टर की राय और स्वर्ग की सुविधाएं

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

एक बुजुर्ग दम्पति एक साथ गुज़र गए। जब ऊपर पहुँचे तो चित्रगुप्त ने बही खाता देख कर एक दूत से कहा, "इन्हें स्वर्ग में ले जाओ।"

दूत उन्हें स्वर्ग में ले गया। एक आलीशान बंगले में ले जाकर बोला, "आप दोनों यहां रहेंगे। यहां हर तरह का आराम है। हर तरह की सुविधा उपलब्ध है। नौकर-चाकर हमेशा आपकी सेवा में रहेंगे। और हां, आप जो भी जब भी खाना पीना चाहें, आपको मिलेगा।"

बुजुर्ग ने पूछा, "अगर हम बीमार हो गए तो डॉक्टर कहां मिलेगा?"

दूत ने बताया, "स्वर्ग में कभी कोई बीमार नहीं होता।"

बुजुर्ग लंबी सांस छोड़ते हुए पत्नी से बोला, "अगर हम लोग अपने डॉक्टर की बात न मान कर, फल-सब्जियों की बजाय, अपनी मनमर्जी की चीजें खाते पीते, तो कई साल पहले यहां पहुंच जाते।"

सादर आपका
शिवम् मिश्रा

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

रास्ते बंद हैं

स्टोरी मिरर (वेबसाइट)

हम तो मनमानी करेंगे जी।

साक्षात्कार या परीक्षा देने जाते वक्त दही क्यों खाया जाता हैं?

किम को चापलूसी पसंद है !

कुछ मुक्तक

बिगड़ रही है महिलाओं की मन की सेहत

मकबरो ऐ

सवाल अधिनायकत्व और लोकतंत्र के बीच किस का अस्तित्व रहेगा, उसका है?

चाँद का नीला रिबन गुम है...

खूबसूरत : लघुकथा

श्री विपिनचंद्र पाल जी की १५९ वीं जयंती

केवल 200 रुपए!

ये समझिये

भावों का संप्रेषण शब्दों की डोर से

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

4 टिप्पणियाँ:

yashoda Agrawal ने कहा…

शुभ प्रभात भाई
आभार
सादर

Jyoti Dehliwal ने कहा…

उम्दा चर्चा। शिवम जी,मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार