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शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016

"अमां तुम क्या कर रहे हो !"




हम अक्सर उन्हें खुश करने में लग जाते हैं, 
जो खुश दिखना नहीं चाहते 
हम बिना वजह बोलते जाते हैं 
कहानियाँ सुनाते हैं 
और न जाने क्या क्या 
अचानक एक सन्नाटा घूरता है 
पूछता है -  "अमां तुम क्या कर रहे हो !"


3 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति ।

कविता रावत ने कहा…

बहुत सुन्दर नपी-तुली हलचल प्रस्तुति..
आभार!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

"तुम्हें मनाने की कोशिश ...

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