नमस्कार साथियो,
मन को दुखी करने वाली अनेकानेक खबरों के बीच एक खबर ने
सुखद अनुभूति कराई है. इसी वर्ष 2016 में होने वाले रियो डि जनेरियो में होने वाले
ओलंपिक खेलों के लिए दीपा करमाकर ने भारत की तरफ से पहली महिला जिमनास्ट के रूप में
क्वालिफाई किया है. 9 अगस्त 1993 को अगरतला के त्रिपुरा में जन्मीं दीपा ने ओलंपिक
क्वालीफ़ाईंग इवेंट में 52.698 अंक हासिल कर ओलंपिक का टिकट हासिल किया. इससे पहले
भारत के 11 पुरुष जिमनास्ट ओलंपिक में खेल चुके हैं. 1952 के ओलंपिक में दो, 1956 के ओलंपिक में तीन
और 1964 के ओलंपिक में भारत के छह एथलीट जिमनास्टिक प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके
हैं. 1964 के बाद अर्थात 52 साल बाद यह मौका आया है जब कोई भारतीय
जिमनास्टिक में मेडल की रेस में शामिल होगा. उनके कोच बिश्वेश्वर नंदी को आज भी वह
दिन याद है कि जब अगरतला के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के सेंटर में ट्रेनिंग
ले रही छह साल की एक बच्ची के प्रदर्शन को देखकर उनको अहसास हो गया था कि यह बच्ची
भविष्य में राज्य और देश का नाम ऊंचा करेगी. 22 साल की दीपा ने
ओलंपिक के लिए क्वालीफ़ाई करके उनके एहसास को सच साबित कर दिया.
इससे पहले दीपा करमाकर ने सन 2007 में जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप
में जीत दर्ज की थी. इसके बाद सन 2014 में ग्लासगो में हुए राष्ट्रकुल खेलों में
तथा जापान के हिरोशिमा में सन 2015 में हुई एशियन चैंपियनशिप्स में कांस्य पदक हासिल किया. वे
भारत की अकेली महिला और कुल मिलाकर दूसरी जिमनास्ट हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल
की है. इसके बाद से उन्होंने राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर कुल 77 मेडल जीते हैं जिनमें 67 गोल्ड मेडल शामिल हैं. 2015 में अर्जुन अवॉर्ड
जीत चुकी दीपा यहां तक पहुंचने का श्रेय केवल कोच को देती हैं. जिमनास्टिक्स में वे
दुनिया की तीसरी महिला एथलीट हैं जिसने प्रोदुनोवा वॉल्ट नामक स्पर्धा में महारथ
प्राप्त है.
दीपा को उनके सफलतम भविष्य एवं स्वर्णिम ओलम्पिक के लिए शुभकामनाओं
और मंगलकामनाओं के साथ आज की बुलेटिन.
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4 टिप्पणियाँ:
दीपा करमाकर जी को हम सब की ओर से हार्दिक बधाइयाँ और रियो ओलंपिक के लिए ढेरों शुभकामनाएं |
शानदार बुलेटिन राजा साहब |
बहुत सुन्दर बुलेटिन । दीपा को ढेरों शुभकामनाएं ।
हमारी ओर से भी दीपा को उनके सफलतम भविष्य एवं स्वर्णिम ओलम्पिक के लिए हार्दिक शुभकामनाएं!
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आपका आभार!
बहुत सुंदर
दीपा तुम इतिहास रचो, भारत को ओलम्पिक में स्वर्ण दिलाकर।
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