नमस्कार
साथियो,
एक और नई
बुलेटिन के साथ हम फिर उपस्थित हैं. आज चारों तरफ पानी का संकट दिखाई दे रहा है.
पानी के अभाव में जनजीवन अस्त-व्यस्त होता जा रहा है. कृषि फसल चौपट हो चुकी हैं.
किसान बर्बादी के कगार पर है. विडम्बना ये है कि जल की बर्बादी रोकने के लिए अब
अदालत को सामने आना पड़ा है. ऐसे में क्रिकेट संघ के नेताजी बयान दे रहे हैं कि ये
मुंबई के लोग तय करें कि उन्हें पानी चाहिए या धन. क्या विद्रूपता है, धन और जल को
अब एकसाथ खड़ा किया जा रहा है. ऐसे में विचारणीय प्रश्न ये है कि इस संकट को पैदा
करने वाला कौन है, इन्सान या प्रकृति? किसी समय सोचा भी नहीं गया होगा कि कोई समय
ऐसा आएगा जबकि ट्रेन से पानी भेजे जाने की नौबत आ जाएगी. ये भी किसी ने कभी कल्पना
नहीं की थी कि पानी को लूटने की घटनाएँ सामने आने लगेगी. ये भी काल्पनिक बात लगती
होगी कि पानी की सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया जायेगा.
जल संरक्षण
के प्रति लोग अब भी नहीं सचेत हुए हैं. अभी भी किसी त्यौहार विशेष पर ही जल बचाओं
अभियान चलाया जाता है, उसके बाद सब ज्यों का त्यों. नदियों में कारखानों की गन्दगी
गिरना ज्यों का त्यों है. नदियों से अवैध खनन ज्यों का त्यों है. जल-स्त्रोतों पर
कब्जे किये जाने की घटनाएँ आम हो गई हैं. नालों, नहरों आदि को भी इंसानों ने अपने
कब्जे में करके वहाँ निर्माण कार्य करवाना जारी रखा है. वृक्षों की कटान लगातार चल
रही है. वनों-जंगलों के स्थान पर कंक्रीट के जंगल स्थापित होते जा रहे हैं. भूगर्भीय
जल स्त्रोतों का विदोहन बुरी तरह से किया जा रहा है. जल संरक्षण के नाम पर संज्ञा-शून्यता
बनी हुई है. ऐसे में पानी के लिए हाहाकार मचना स्पष्ट रूप से दिख रहा है. अब तो ‘अगला
विश्वयुद्ध जल के लिए होगा’ उक्ति भी सत्य होती समझ आने लगी है.
इस सत्य को
समझते हुए, आज की बुलेटिन का आनंद उठायें.
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(चित्र गूगल छवियों से साभार)
11 टिप्पणियाँ:
बढ़िया बुलेटिन ।
सच जल ही जीवन है... . जल है तो कल है .. .
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
Dhanyvad, sundar prayas
धन्यवाद कुमारेंद्र जी,
मेरी रचना को स्थान देने का शुक्रिया एवं सुंदर लिंकों के संकलन हेतु धन्यवाद.
अयंगर
धन्यवाद बढ़िया प्रस्तुति के लिए..
धन्यवाद बढ़िया प्रस्तुति के लिए..
धन्यवाद कुमारेंद्र जी,
मेरी रचना को स्थान देने का शुक्रिया एवं सुंदर लिंकों के संकलन हेतु धन्यवाद.
बहुत सुन्दर चयन।धन्यवाद डॉ कुमारेन्द्र सिंह सेंगर जी ।आभार।
nice bulletin.
सच ही है बिना पानी सब सुन ... बढ़िया बुलेटिन राजा साहब |
धन्यवाद कुमारेंद्र जी,
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