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सोमवार, 3 अगस्त 2015

मेहनती सुप्रीम कोर्ट - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
एक शराबी ने ठेके का दरवाज़ा खटखटाया।
ठेके वाला: क्या है?
शराबी: दारू है?
ठेके वाला: चल भाग साले... रात के 2 बजे हैं।
शराबी: कामचोर साले, तू सुप्रीम कोर्ट से बङा है क्या? जब वो रात को जाग कर काम कर सकती है तो तू क्यों नही?

वैसे इस शराबी ने कुछ गलत नहीं कहा ... अपनी सुप्रीम कोर्ट है ही इतनी मेहनती ... आप क्या कहते है !?

सादर आपका
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… वो शाम कुछ अज़ीब थी

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suneel kumar sajal at sochtaa hoon......!

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

6 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुंदर बुलेटिन प्रस्तुति शिवम जी ।

Vinay ने कहा…

सुंदर !!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

आभार मित्र।

Unknown ने कहा…

behad dilchasp buletin...

sochtaahoon... ने कहा…

behatrin buletin ke liye dhanyvaad-
suneel kumar sajal

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