गड़ेरिया बन मैं भेड़ों को नहलाता रहा
नुकीले सिंघों का नुकीलापन
सहलाकर कम करता रहा
एक साथ ले जाना घुमाने
इकट्ठे ले आना
आज तक नहीं जान सका
कौन अधिक प्यारा रहा ! …
ब्लॉग जगत में लिखी पढी जा रही पोस्टों , उनमें दर्ज़ की जा रही टिप्पणियां ,बहस ,विमर्श ..सबको समेट कर तैयार है बुलेटिन ... ब्लॉग बुलेटिन ...
7 टिप्पणियाँ:
बहुत रोचक बुलेटिन...
सुंदर प्रस्तुति ।
बहुत सुंदर बुलेटिन.
मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.
hardik dhnyavad ..... sundar post hai
बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति
आभार!
sundar buletin..
सुन्दर व सार्थक रचना ..
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...
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