प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
एक बार एक कारखाने के मालिक की मशीन ने काम करना बंद कर दिया. कई दिनों की मेहनत के बाद भी मशीन ठीक नहीं हो पायी. मालिक को रोज लाखों का नुकसान हो रहा था।
तभी वहाँ एक कारीगर पहुँचा और उसने दावा किया कि वो मशीन को ठीक कर सकता है।
मालिक फौरन ही उसे कार्यशाला में ले गया।
मशीन ठीक करने से पहले कारीगर ने मालिक से कहा कि वो मशीन तो ठीक कर देगा लेकिन मेहनताना अपनी मर्जी से तय करेगा।
मालिक का तो रोज लाखों का नुकसान रोज हो रहा था इसलिये वो मान गया।
कारीगर ने पूरी मशीन का मुआयाना किया और एक पेच को कस दिया।
मशीन को चालू किया गया. मशीन ने कार्य करना शुरू कर दिया था।
मालिक बहुत खुश हु़आ।
कारीगर ने दस हजार रूपया मेहनताना मांगा।
मालिक को बहुत आश्चर्य हुआ।
केवल एक पेच कसने के दस हजार रूपय! लेकिन उसने अपना वादा निभाया और दस हजार रूपए कारीगर को देते हुये पूछा कि एक पेच कसने के दस हजार रूपय कुछ ज्यादा नहीं हैं?
कारीगर ने तुरंत जवाब दिया, "साहब पेच कसने का तो केवल मैंने एक रूपया लिया है, बाकि 9999 रुपये तो कौन सा पेच कसना है यह पता करने के लिये हैं।"
तभी वहाँ एक कारीगर पहुँचा और उसने दावा किया कि वो मशीन को ठीक कर सकता है।
मालिक फौरन ही उसे कार्यशाला में ले गया।
मशीन ठीक करने से पहले कारीगर ने मालिक से कहा कि वो मशीन तो ठीक कर देगा लेकिन मेहनताना अपनी मर्जी से तय करेगा।
मालिक का तो रोज लाखों का नुकसान रोज हो रहा था इसलिये वो मान गया।
कारीगर ने पूरी मशीन का मुआयाना किया और एक पेच को कस दिया।
मशीन को चालू किया गया. मशीन ने कार्य करना शुरू कर दिया था।
मालिक बहुत खुश हु़आ।
कारीगर ने दस हजार रूपया मेहनताना मांगा।
मालिक को बहुत आश्चर्य हुआ।
केवल एक पेच कसने के दस हजार रूपय! लेकिन उसने अपना वादा निभाया और दस हजार रूपए कारीगर को देते हुये पूछा कि एक पेच कसने के दस हजार रूपय कुछ ज्यादा नहीं हैं?
कारीगर ने तुरंत जवाब दिया, "साहब पेच कसने का तो केवल मैंने एक रूपया लिया है, बाकि 9999 रुपये तो कौन सा पेच कसना है यह पता करने के लिये हैं।"
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
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छोटे बेटे के जन्मदिन पर पूरा परिवार एक साथ !
शरीर जरूर विकलांग है पर आत्मा नहीं
मानव को वरदान में, मिले बोल अनमोल
बचाती हैं व्यक्तित्व को !!!!
खिड़की खुली रखोगे तो आएँगी बहारें
नेता नहीं जनता को दें ट्रेनिंग
छोटी सी बात .....
हिज्र-ए-जश्न
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स्मृति ईरानी उन अपराधियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएं..
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जवाब-ए-ख़त...
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किसान का कार्टून : डीयू यूजीसी सीरियल
जीवन
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
12 टिप्पणियाँ:
लिंक खोल नही पा रही ...थोड़ा वक्त मिलते ही फिर देखना है .....मेरी पोस्ट यहाँ लाने का शुक्रिया
Bahut achchha lga aapka yh pryas......rachana shamil karne ke liye aabhar
बहुत-बहुत शुक्रिया आपने मेरी पोस्ट शामिल की.
सुंदर सूत्र चयन सुंदर बुलेटिन ।
सुन्दर चयनित लिंक...मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए आभार !!
हुनर बोलता है !
लिंक शामिल किये जाने का आभार !
बेटे के जन्मदिन की पोस्ट 'हुनर बोलता है' में शामिल करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ..कई लिंक पढ़ने का मौका भी मिला.... आभार
Achche links....bahut bahut dhanywad
शिवम जी,
आभार
कम से कम आपके इस सराहनीय कार्य से हमारा ब्लॉग चर्चा में आ जाता है..
आभार और साधुवाद आपको.. :)
कार्टून का लिंक शामिल करने के लिए धन्यवाद। कहानी अच्छी लगी, हुनर की कीमत तो होनी ही चाहिए।
kabhi mere bhi kisi post ko apne blog me shamil kar lijiye ;)
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