Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

बुधवार, 18 जून 2014

किसी न किसी मेज के पास आप रुकेंगे .... ये रहे लिंक्स



कोई यूँ ही नहीं लिखता 
लिखता भी है यूँ ही तो वो यूँ ही नहीं होता 
हम उसे उसकी मेज से उठाकर दूसरी मेज पर रख देते हैं 
यह सोचकर 
कि किसी न किसी मेज के पास आप रुकेंगे  .... ये रहे लिंक्स 


5 टिप्पणियाँ:

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत अच्छा बुलेटिन....सभी लिंक्स पठनीय !
शुक्रिया
अनु

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुंदर सूत्रों के साथ आज का सुंदर बुलेटिन ।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

अंतिम लिंक हाईलाईट नहीं हुआ है ।

Asha Joglekar ने कहा…

कोशिश तो हर मेज़ पर रुकने की है। सुंदर सी कडियाँ।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन दीदी ... आभार आपका |

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार