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शनिवार, 24 अगस्त 2013

वाकई हम मूर्ख हैं?

रुपया गिर रहा है... डालर घोडे पर सवार है... पेट्रोल और डीज़ल का भाव आसमान पर है... कानून व्यवस्था चरमराई जा रही है... हर ओर निराशा है.. सरकार को दोष दिया जाए? अजी उससे कोई फ़ायदा नहीं है.... लेकिन फ़िर क्या किया जाए.... दर-असल हम और आप ही दोषी हैं... आज सुबह से रह रहकर मुझे काटज़ू साहब की नब्बे प्रतिशत भारतीयों को मूर्ख कहे जाने वाले बयान की याद आ रही थी... कुछ गलत नहीं कहा था भाई। 

अगर हम मूर्ख न होते तो फ़िर क्या कांग्रेस साठ साल तक राज करती? 
अगर हम मूर्ख न होते तो फ़िर क्या अंग्रेजों की गुलामी होती?
अगर हम मूर्ख न होते तो फ़िर क्या हम अपनें शहीदों को भूलते?
अगर हम मूर्ख न होते तो फ़िर क्या हम खुद को लुटनें देते?
अगर हम मूर्ख न होते तो फ़िर क्या हम नेताजी और शहीदे-आज़म का अपमान होने देते? 
अगर हम मूर्ख न होते तो फ़िर क्या हम आपस में लड मरते?
अगर हम मूर्ख न होते तो फ़िर क्या हम धर्म के नाम पर लडते? 

मंदिर नें मारा.. मस्ज़िदों नें मारा... इंसा को कभी राम नें तो कभी रहीम नें मारा...  

जागो भाई... जागो....  
अपनें साथ हो रहे अत्याचार को पहचानों... 
कुछ कमीनें हम पर राज करते हैं... 
देश को बांट कर.. 
हम सबको टुकडों में तोड कर.. 
हमारी कमज़ोर याददाश्त का फ़ायदा उठाकर... 



जी बिल्कुल अगर हम अभी भी नींद से न जागे तो फ़िर न जानें क्या हो जाएगा... मित्रों शक्ति भी संगठित होनें में ही है... एक जुट न रहना ही हमारी सबसे बडी कमज़ोरी है। एक जुट जनशक्ति किसी भी देश में एक नये प्राण का संचार कर सकती है। 

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आज के बुलेटिन में... 












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तो मित्रों आज का बुलेटिन यहीं तक.. कल फ़िर मिलते हैं एक नये अंक में... तब तक आईए हम एक जुट होकर इस देश के लिए अपनी ज़िम्मेदारी समझें... 

जय हिन्द

6 टिप्पणियाँ:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सूत्रों का सुन्दर संकलन, आभार

Darshan jangra ने कहा…

बहुत उम्दा सूत्रों का चयन आभार

वो शहीद कहलाते हैं ,,हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः5

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

अच्छे सूत्र संजोये हैं !!

रश्मि शर्मा ने कहा…

अच्‍छे हैं सभी सूत्र...मेरी रचना शामि‍ल करने के लि‍ए आभार..

शिवम् मिश्रा ने कहा…

अब तो यही लगने लगा है कि सच मे हम सब मूर्ख ही है जो हर बार इन धूर्त नेताओं की चालों मे फंस जाते है !

Madan Mohan Saxena ने कहा…

बहुत उत्कृष्ट

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