संयुक्त परिवार सुनने में बहुत अच्छा लगता है … एक से दो भले जैसे विचार सकारात्मक भाव देते हैं, पर सत्य है एकत्व,सार है एकत्व …. एकत्व है स्वत्व उसके लिए संबंधों की बलि सदियों से होती आई है ….
सत्य एक खाली कैनवस है
मान लो तो जीना सरल होगा,विरोधाभास कम होंगे . ठहरने की जिद्द घातक है ………… इस चिंतन पर चिंतन जारी रखिये और कुछ अतीत,कुछ वर्तमान के अंश पढ़िए - भविष्य कौन जाने !!!
"प्रेम ही सत्य है": उन दोनों का रिश्ता कैसा अद्भुत ...
.:: ईश्वर कौन है? कहाँ है ? कैसा है ? (अखिल विश्व ...
मेरा वैलैंटाइन – हास्य कविता | यह भी खूब रही
सखी री! गुनगुनाऊँ, गीत एक गाऊँ...संध्या शर्मा
प्रेम जनमेजय: चौराहे पर गांधी
मानव 'मन': लम्हों का सफर
सारी कोशिशें भविष्य की हैं,एक बार खुलके वर्तमान को जीयें - अतीत के परिधान में - असली मायने मिलेंगे
6 टिप्पणियाँ:
बहुत सुन्दर बुलेटिन...
behtreen buleten....
बहुत सुन्दर लिंक्स .
शुक्रिया रश्मि दी..
सादर
अनु
बहुत सुन्दर बुलेटिन :)
सुन्दर सूत्रों से सजा बुलेटिन..
बढ़िया बुलेटिन रश्मि दी !
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