प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !
एक नेता मरने के बाद यमपुरी पहुँच गया वहां यमराज ने उसका भव्य स्वागत किया, यमराज ने कहा इससे पहले कि मैं आपको स्वर्ग या नरक भेजूं पहले मैं चाहता हूँ कि आप दोनों जगहों का मुआयना कर लें कि आपके लिए कौन सी जगह ज्यादा अनुकूल होगी!
यमराज ने यमदूत को बुलाया और कहा कि नेता जी को एक दिन के लिए नरक लेकर जाओ और फिर एक दिन स्वर्ग घुमा कर वापिस मेरे पास ले आना, यमदूत नेता को नरक में ले गया नेता तो नरक कि चकाचौंध देखकर हैरान रह गया चारों तरफ हरी भरी घास और बीच में गोल्फ खेलने का मैदान, नेता ने देखा उसके सभी दोस्त वहां घास के मैदानों में शांति से बैठे है और कुछ गोल्फ खेलने का आनंद ले रहे हैं, उन्होंने जब उसे देखा तो वे बहुत खुश हुए और सब उससे गले मिलने आ गए और, बीते हुए दिनों कि बातें करने लगे पूरा दिन उन्होंने साथ में गोल्फ खेला, और रात में शराब और मछली के साथ सुंदरियों के नाच का आनंद लिया!
अगले दिन यमदूत नेता को स्वर्ग लेकर गया जैसे ही वे स्वर्ग के द्वार पर पहुंचे स्वर्ग का दरवाजा खुला, नेता ने देखा रोशनी से भरा दरबार था स्वर्ग का! सभी लोगों के चेहरे पर असीम शांति कोई भी एक दूसरे से बात नहीं कर रहे थे, मधुर संगीत बज रहा था, कुछ लोग बादलों के ऊपर तैर रहे थे नेता ने देखा सभी लोग अपने अपने कार्यों में व्यस्त थे, नेता उन सब को गौर से देख रहा था नेता ने बड़ी मुश्किल से एक दिन काटा!
सुबह जब यमदूत उसे लेकर यमराज के पास पहुंचा तो यमराज ने कहा हाँ तो नेताजी आपने अपना एक दिन नरक में गुजारा और एक स्वर्ग में, अब आप अपने लिए स्थान चुनिए जहाँ आप को भेजा जाये!
नेता ने कहा वैसे तो स्वर्ग में बड़ा आनंद है, शांति है फिर भी वहां मेरे लिए समय काटना मुश्किल है, इसलिए आप मुझे नरक भेजिए वहां मेरे सभी साथी भी है, मैं वहां आनंद से रहूँगा यमराज ने उसे नरक भेज दिया!
यमदूत उसे लेकर जैसे ही नरक पहुंचा तो वहां का दृश्य देखकर स्तब्द रह गया वो एक बिलकुल बंजर भूमि पर उतरा, जहाँ चारों ओर कूड़े करकट का ढेर लगा था, उसने देखा उसके सभी दोस्त फटे हुए गंदे कपड़ों में कबाड़ इकट्ठा कर रहे थे, वो थोड़ा परेशान हुआ और तभी यमदूत ने डरावनी हंसी हँसते हुए कहा, नेता जी क्या हुआ?
नेता ने कहा मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कल जब मैं यहाँ आया था तो यहाँ घास के हरे भरे मैदान थे, और मेरे सभी दोस्त गोल्फ खेल रहे थे फिर हमने साथ बैठकर शराब पी और मछली खायी थी और हमने खूब मस्तियाँ की थी!
आज यहाँ पर बंजर भूमि है, कूड़े करकट के ढेर है और मेरे दोस्तों का तो हाल ही बुरा है!
यमदूत हल्की सी हंसी के साथ बोला : नेताजी कल तो हम चुनाव प्रचार पर थे आज आपने हमारे पक्ष में मतदान किया है!
नेता जी को भी मतदान से पहले और मतदान के बाद का फर्क समझ आ गया ... बात उनको उनकी ही भाषा मे जो समझाई गई थी !
सादर आपका
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इस से अच्छे वफादार ताले / कामगार कहा मिलेंगे ..........
13 टिप्पणियाँ:
बहुत ही सुन्दर सूत्रों से भरी चर्चा
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हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}
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सादर ....ललित चाहार
लगभग सभी रचनाएं पढ डालीं हैं टिप्पणियों सहित । मेरी रचना के चयन के लिये शुक्तिया ।
लगभग सभी रचनाएं पढ डालीं हैं टिप्पणियों सहित । मेरी रचना के चयन के लिये शुक्तिया ।
बढ़िया लगा व्यंग्य। भले आप इसे राजनीतिक मजाक कहें। कुछ लिंक्स पढ़ पाया, अच्छे लगे। कुल मिलाकर बढ़िया बुलेटिन।
मेरी पोस्ट को बुलेटिन में जगह देने के लिए शिवम आप को बहुत धन्यवाद
बड़े ही रोचक व पठनीय सूत्र
शानदार!
स्नेह का आभार ..मिश्रा जी !
मेरी रचना को यहाँ शामिल करने का आभार शिवम् जी सुन्दर लिनक्स का संयोजन
वाह बहुत ही बढिया शिवम भाई । आपने बखूबी बता दिया चुनाव से पूर्व और बाद की स्थिति की असलियत ।
लिंक्स के साथ और भी खूबसूरत पन्ना बना । शानदार बुलेटिन
आप सब का बहुत बहुत आभार !
बहुत सुंदर प्रस्तुति और लिंक्स भी । मेरी रचना को जगह देने का आभार ।
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मैं यह निवेदन इसलिए कर रहा हॅंू क्योंकि बुलेटिन निर्माणकर्ता आपसे संकोचवश ऐसा न कह पायें । ब्लाॅग बुलेटिन के लिए बधाई ।
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