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शनिवार, 10 अगस्त 2013

हम भूल गए हैं रख के कहीं …



आगे बढ़ने की चाहत 
नए ताने बाने 
एहसास जो मुंडेर पर रखी थी 
वह आज भी ताजा है 
बस - मुंडेर पर गए अरसा हुआ !
…………………… आइये चलें उस मुंडेर पर 
जहाँ एहसासों की आग से 
एहसासों का धुंआ 
मन की चिमनी से छन छन कर निकल रहा 
एहसासों की छौंक की महक कम नहीं हुई है 


14 टिप्पणियाँ:

Mohan Srivastav poet ने कहा…

sundar abhivyakti

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

आइये चलें उस मुंडेर पर
चलें ....
!!

HARSHVARDHAN ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति और सार्थक बुलेटिन। आभार।।
नये लेख : ट्विटर पर "रिपोर्ट एब्यूज" बटन, फेसबुक से ईनाम और द्वितीय विश्वयुद्ध से जुड़े ख़ुफ़िया दस्तावेज हुए ऑनलाइन।

जन्म दिवस : किशोर कुमार

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर सूत्रों से सजा बुलेटिन।

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

सुन्दर सूत्र। अपनी पुरानी कविता को देख अच्छा लग रहा है।

Kailash Sharma ने कहा…

सुन्दर लिंक्स...

खोरेन्द्र ने कहा…

sundar links

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बिलकुल आप के अंदाज़ की तरह है आज की बुलेटिन ... अनोखी ... :)

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

सभी लिंक्स एक से बढ़कर एक
बढिया

amit kumar srivastava ने कहा…

बढ़िया संकलन

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत सुंदर उम्दा लिंक्स ,,,

RECENT POST : जिन्दगी.

अनुपमा पाठक ने कहा…

वापस लौटना हमेशा सुखद होता है!

Darshan jangra ने कहा…

सुन्दर सूत्रों से सजा बुलेटिन।

Vaanbhatt ने कहा…

जिन खोज तिन पाईयाँ...धन्यवाद...इस खोज के लिए...

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