Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

शुक्रवार, 7 जून 2013

घुंघरू

आदरणीय सदस्यगण
सादर प्रणाम 

आज प्रस्तुत है एक कविता जिसे मैंने एक घुंघरू के विचारों के माध्यम से प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयास किया है | आशा करता हूँ के आपको बुलेटिन पसंद आएगा | 


आज एक 
मूक घुंघरू भी 
कह उठा
मैं, मूक नहीं हूँ 
वो कहता है 
मेरा स्वर
प्रत्येक व्यक्ति के 
लिए नहीं है 
उस व्यक्ति के
लिए नहीं है 
जो मुझे जानने की 
इच्छा रखता है 
जो मुक्ता का 
स्वर जानता है 
दर्द पहचानता है 
उच्च स्वर का 
यन्त्र अचानक 
मौन कैसे हुआ 
जिसने संसार को 
अनेक स्वर दिए 
पर, बदले में 
मिला एक 
दाग भरा नाम
फिर वो मूक हुआ 
उसने अपनी शांति में 
ईश्वर को सुना 
बस अब तक तो 
वो बजता था 
तब, सब सुनते थे 
पर आज 
ईश्वर का स्वर स्वयं 
बजना है 
वो मूक बना 
उस स्वर का 
आनंद लेता है 
इस लिए ईश्वर को 
पाने वाला ही 
उस घुंघरू की 
ताल और लय
सुन पायेगा

आज की कड़ियाँ 












फिलहाल इतना ही कल की कल सोचेंगे और प्रस्तुत करेंगे | धन्यवाद्  |

जय हो मंगलमय हो  | जय श्री राम  | हर हर महादेव शंभू  | जय बजरंगबली महाराज 

18 टिप्पणियाँ:

बेनामी ने कहा…

सुंदर तुषार जी

काम की वेबसाइट की लिंक के लिए आयें

इमरान अंसारी ने कहा…

बहुत बहुत शुक्रिया आपका तुषार जी......रश्मि जी के ब्लॉग 'मैं' का लिंक आज यहीं से मिला ।

रविकर ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन-
आभार आदरणीय प्रस्तोता

नीलिमा शर्मा Neelima Sharma ने कहा…

umda links

vandana gupta ने कहा…

सुन्दर लिंक्स से सजा सुन्दर बुलेटिन ………घुँघरू की वो आवाज़ भी वो ही सुन पायेगा जो खुद घुँघरू बन जायेगा और जिसे खुदा खुद सुनवायेगा ।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति तुषार भाई ... लगे रहिए !

अरुणा ने कहा…

घुंघरू की खनकती आवाज़ ..........बेहद सुन्दर

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

pyari si rachna..
pyare links..

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत लाजवाब कविता और उतने ही लाजवाब लिंक्स, आभार.

रामराम.

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

छोटे-छोटे घुंघरुओं की मधुर पायल!!

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

'घुँघरू' की खनक और रचनाओं के बहुरंगी चुनाव बहुत अच्छे रहे !

Rajput ने कहा…

बहुत लाजवाब कविता .

अज़ीज़ जौनपुरी ने कहा…

सुंदर रचना 'घुँघरू' की बढिया खनक

Anita ने कहा…

मौन में ही संगीत छुपा है..सुंदर बोध भरी कविता..आभार!

कविता रावत ने कहा…

बहुत बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति ...

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

आप सभी महानुभावों का बहुत बहुत शुक्रिया मेरी बुलेटिन पर आने और सराहने के लिए और मेरा हौसला बढ़ने के लिए | आभार

बेनामी ने कहा…

लाजवाब कविता

khud ka blog banane ki site

tbsingh ने कहा…

sunder chintan.

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार