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बुधवार, 11 जनवरी 2012

" The Politician Who Made No Money - लाल बहादुर शास्त्री " - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !


प्रधानमंत्री कार्यालय ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत से जुडे़ एक मात्र उपलब्ध दस्तावेज को सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया है। इसके लिए सूचना का अधिकार कानून [आरटीआई] के तहत गोपनीयता बरतने की व्यवस्था का हवाला दिया गया है।
शास्त्री जी की वर्ष 1966 में तत्कालीन सोवियत संघ के शहर ताशकंद में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उनकी मौत का रहस्य अब भी नहीं सुलझा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के इंकार के बाद अब शास्त्री जी की मौत से जुड़े इस दस्तावेज को सार्वजनिक करने के लिए केंद्रीय सूचना आयोग के पास अपील की जाएगी। इससे पहले केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने शास्त्री जी की मौत से जुड़ी जानकारी पाने के लिए आरटीआई के तहत दायर याचिका ठुकरा दी थी। उन्होंने माना था कि पूर्व प्रधानमंत्री की मौत से जुड़ा एक दस्तावेज प्रधानमंत्री कार्यालय में है। यह याचिका 'सीआईएज आई आन साउथ एशिया' नामक पुस्तक के लेखक अनुज धर ने दी थी। यहाँ यह बताना जरूरी है कि यह वही अनुज धर है जिन्होंने नेताजी सुभाष चंद बोस की गुमशुदगी के रहस्य के विषय में भी काफी शोध किया है और तो और श्री धर के प्रयासों के चलते ही सरकार को बाध्य हो कर मुख़र्जी आयोग को ताइवान जाने की अनुमति देनी पड़ी थी |
फैसले के खिलाफ उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में अपील की थी। इसके जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय की संयुक्त सचिव ने कहा कि मांगे गए दस्तावेज को आरटीआई की धारा 8 [1] [ए] के तहत गोपनीय रखा जाना सही है।
वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद शास्त्री जी ताशकंद गए थे। वहां पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ उन्होंने वार्ता की थी। दोनों देशों की संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही देर बाद रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई थी।
यह हम सब के लिए बहुत ही शर्म की बात है के अपने ही देश के पूर्व प्रधानमंत्री की मौत का कारण जानना इतना कठिन हो रहा है | और तो और यह भी समझ के परे है कि सरकार कौन से कारणों का हवाला दे रही है जिन की वजह से इस मामले को दबाया जा रहा है 'गोपनीयता बरतने की व्यवस्था' के नाम पर ??


आज पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि के अवसर पर मैं पूरे ब्लॉग बुलेटिन टीम  की ओर से उनको शत शत नमन करता हूँ |
सादर आपका 


शिवम् मिश्रा
======================================================= 

बचाव जरुरी है 

हमारी ओर से भी 

 आभार आपका 

बोले तो ???

कितना पढ़ गए ??

आप भी जाने 

सरकारी छुट्टी होगी 

वोट बैंक में शामिल है हुज़ूर 

खतरनाक हो सकता है 

देखेंगे हम लोग 

सिर्फ़ गुदाई होती है…

मनोरम है 

चले यात्रा पर ...

तुमसे गर इक दिन कभी, हम भी मिले, वो भी मिले


कहाँ गए ???

बचने के लिए कर लो तैयारी 

बोलने लायक कोई हो तो पहले 

एक पंत दो काज 

हम तो भले इंसान लगे ...

पापा या डैडी ??

होना ही चाहिए 

   ======================================================= 

अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिंद !!

               

24 टिप्पणियाँ:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ये शर्म की बात है की देश की जनता को शास्त्री जी की मृत्यु के रहस्य से अनजान रक्खा गया है ... जरूर कुछ घोटाला है इस बात में ... अच्छा संकलन है चर्चा में ... मुझे शामिल करने का शुक्रिया ...

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

श्रद्धांजलि देश के उस महान लाल को जो बहादुर भी था...! अच्छा है देश ने इन्हें भुला रखा है..वरना याद रखते तो वोट के लिए इस्तेमाल करते नज़र आते!!
लिंक्स देखता हूँ एक-एक करके!!

RITU BANSAL ने कहा…

शास्त्री जी बेहद सादे व्यक्तित्व वाले इंसान थे..
ये सरकार क्या समझेगी उनका व्यक्तित्व ..
अपने से अच्छे इंसानों के बारे में इस सरकार की यही मानसिकता है ..
kalamdaan.blogspot.com

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

वाह-वाह- वाह , क्या छंद जोड़े हैं शिवम् जी, बहुत खूब ! शास्त्री जी को भावभीनी श्रधान्जली !

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

Shastri jee ko dil se naman.... aur blog bulletin me jude blogs ko padh kar khushi hui...

अनुपमा पाठक ने कहा…

"भारत माँ के लाल बहादुर शास्त्री जी तुम कहलाये
सीधे सादे छोटे से थे काम बड़े कर दिखलाये
शान्ति तुम्हे प्यारी थी लेकिन उससे भी प्यारा था देश
युद्ध छिड़ा तो दिया तुम्ही ने बढ़ते जाने का आदेश
तुमने बोली जय जवान की जय किसान की भी बोली
अच्छी पैदावार न हो तो काम नहीं कर सकती गोली"
बचपन में याद की गयी इस कविता को दुहराते हुए लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन!

सम्वेदना के स्वर ने कहा…

भारत माता के सच्चे सपूत की पुण्यतिथि किसी को याद भी नहीं रहती...इन घृणित और काले धन के पुजारी के हाथों अपमानित होने से तो विस्मृत हो जाना ही अच्छा है!!
अच्छी बुलेटिन, और भी अच्छे लिंक्स!! धन्यवाद!!

Kailash Sharma ने कहा…

आदरणीय शास्त्री जी को विनम्र श्रद्धांजलि...कहाँ मिलेगा आज ऐसा व्यक्तित्व?..बहुत सुन्दर प्रस्तुति..

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

महापुरुष को नमन।

BS Pabla ने कहा…

शास्त्री जी को भावभीनी श्रद्धांजलि

लिंक्स अच्छे हैं
शामिल करने हेतु आभार

Sumit Pratap Singh ने कहा…

सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे एक मित्र ने बताया था कि शास्त्री जी ताशकंद समझौते से खुश नहीं थे और सोवियत संघ को उनका नाखुश होना नागवारा लगा क्योंकि वह पहली बार किसी समझौते में सक्रिय भूमिका निभा रहा था लेकिन शास्त्री जी की वजह से उसकी किरकिरी हो रही थी सो ज़हरीली गैस छुड़वाकर शास्त्री जी को मौत की नींद सुला दिया गया...

Sumit Pratap Singh ने कहा…

मेरी पोस्ट की चर्चा करने के लिए आपका आभार...

रश्मि प्रभा... ने कहा…

वह शक्स - जहाँ सर श्रद्धा से झुक जाता है ...लिंक्स बहुत अच्छे है - मेरी अव्वल पसंद -
कन्फ्यूज़न
पापा या डैडी ??

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

शास्त्री जी हमारे आदर्श नेता रहे हैं. उनको हार्दिक श्रद्धांजलि.
सुमित जी का आभार ,जिनके हाहाकारी साक्षात्कार ने हमको इहाँ ठीहा दिया !

मनोज कुमार ने कहा…

लिंक्स बहुत अच्छे है !

Dev K Jha ने कहा…

सच कहें तो मुझे आज भी शास्त्री जी के अंतिम दिनों में गांधी परिवार की भूमिका पर संदेह है.... कांग्रेस किसी भी नान-गांधी प्रधानमंत्री को कोई खास तवज्जो नहीं देती... देखिए न नरसिम्हा राव जैसे प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार के समय उन्हे मिट्टी का तेल छिडक कर जलाया गया था.... वह भी तब जब उस राज्य में कांग्रेसी सत्ता थी..... क्या कहियेगा.....

वैसे बुलेटिन बहुत अच्छा रहा.... बेहतरीन लिंक्स.....

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत अच्छे लिंक्स,शास्त्री जी को मेरा नमन,..
सभी लिंकों को अलग रंगों,एवं बड़े अक्षरों में लिखे तो अच्छा रहेगा,..

welcome to new post --काव्यान्जलि--यह कदंम का पेड़--

Shah Nawaz ने कहा…

यह वाकई शर्म की बात है... देश के सच्चे सपूत शास्त्री जी को हार्दिक श्रद्धांजली... ब्लॉग बुलेटिन जिंदाबाद!

vandana gupta ने कहा…

शास्त्री जी को मेरा नमन.......सुन्दर लिंक संयोजन

कुमार राधारमण ने कहा…

आभार।

कुमार राधारमण ने कहा…

आभार।

देवांशु निगम ने कहा…

दो दिन से पढ़ रहा हूँ ब्लॉग बुलेटिन, अच्छा लगता है पढ़ना, काफी लोगो के बाए में पता चल जाता है |

शास्त्री जी को शत शत नमन!!!!!

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत बढिया, क्या कहने

Maheshwari kaneri ने कहा…

शास्त्री जी को शत शत नमन..सुन्दर लिंकस..

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