ब्लॉग बुलेटिन आपका ब्लॉग है.... ब्लॉग बुलेटिन टीम का आपसे वादा है कि वो आपके लिए कुछ ना कुछ 'नया' जरुर लाती रहेगी ... इसी वादे को निभाते हुए लीजिये पेश है हमारी नयी श्रृंखला "मेहमान रिपोर्टर" ... इस श्रृंखला के अंतर्गत हर हफ्ते एक दिन आप में से ही किसी एक को मौका दिया जायेगा बुलेटिन लगाने का ... तो अपनी अपनी तैयारी कर लीजिये ... हो सकता है ... अगला नंबर आपका ही हो !
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जब भी घर में कोई विशेष आयोजन होता है तो कई पकवान बनते है , कई व्यवस्थाएं .... रात दिन एक करके होती हैं . सबकुछ अच्छा हो , किसी को कोई दिक्कत ना हो इसका ख्याल रखा जाता है . जन्म हो या मृत्यु , जन्मदिन हो , शादी हो ... कितनी सारी बातें होती हैं . पर एक गलती हो जाए -तो सभी एक जुट हो बोलते हैं . ऐसा ही कुछ हुआ है सुमित जी के साथ ! याद कीजिये - आज जिस बौद्धिकता का परिचय हम देते हैं , क्या वह शुरूआती वक़्त में था ? नहीं ... हम बेसब्री से अपने ब्लॉग पर किसी के आने का इंतज़ार करते थे , और दूसरों की टिप्पणियाँ गिनते थे . धीरे धीरे अनुभव हुआ कि यदि अच्छा लिखेंगे तो अच्छा पढनेवाले आयेंगे ही ..... सुमित जी ने इस दर्द के ज़िक्र में ऐसा लिख दिया . मुझे पूरा विश्वास है कि यह ठेस पहुँचाने का इरादा नहीं था , बल्कि समाज का वह हास्य प्रस्तुत करना था कि महिलाओं को पूरा लाभ मिल जाता है . हास्य को हास्य ही रहने देने से मन हल्का रहता है .
ब्लॉग बुलेटिन में जो पहले से मौजूद हैं , और वे जिनको आमंत्रित कर रहे हैं - उनका एकमात्र ध्येय है ब्लॉग को संयुक्त परिवार बनाना और इस भावना को जिंदा रखना कि - अपनी छतरी तुम को दे दें कभी जो बरसे पानी ... क्योंकि दिल है हिन्दुस्तानी .
हमने यहाँ मात्र अपने अपने ब्लॉग नहीं बनाये हैं , बल्कि बहुत ही आत्मीय संबंध बनाये हैं .... दीदी , भईया , आंटी .... है न ?
फिर भी मान लूँ कि यह चर्चा का पहलू है तो निष्पक्ष चर्चा होनी चाहिए थी ----
" अभी हाल ही के दिनों में ब्लॉग पर आधारित पुरस्कार प्रदान किये गए. जिन्हें पुरस्कार मिले वे तो प्रसन्न दिखे, किन्तु जिन्हें पुरस्कार नसीब नहीं हुए, उन्होंने तो इन्हें विवादित ही घोषित कर दिया.( ऐसा होता है न ?) कुछ ब्लॉगरों ने जोश में आकर इन पुरस्कारों को ब्लॉगिंग के ऑस्कर पुरस्कार की उपमा दे डाली. खैर कुछ भी हो इन सभी प्रपंचों से हिंदी का प्रचार-प्रसार तो बढ़ ही रहा है. जिसे देखकर मन एक सुखद अनुभूति से भर उठता है. "
" यह तो हुआ व्यंग्य अब यदि सच कहा जाए ब्लॉग जगत बहुत ही प्यारा है और प्यारे हैं हिंदी ब्लॉगर. आज जो मैं थोडा बहुत ठीक-ठाक लिख पा रहा हूँ, वह इनके प्रोत्साहन और स्नेह का ही परिणाम है. सोचता हूँ यदि मैं ब्लॉग लेखन न आरंभ करता तो क्या आज इस मुकाम पर पहुँच पाता. ब्लॉगिंग द्वारा हम घर पर बैठे-बैठे ही एक परिवार के रूप में जुड़ चुके हैं." ...... ऐसी बातों पर हर्ष भी हम ही दिखायेंगे न ?
................ चलिए टिप्पणी के लिहाज से कुछ रचनाओं पर नज़र डालते हैं .... एक अच्छे पाठक के नाते आप बता सकते हैं कि क्या ये सारी उत्कृष्ट रचनाएँ इतनी कम टिप्पणियों के लायक हैं ? या टिप्पणी रहित ?
...... आज भी ऐसे कई उत्कृष्ट ब्लॉग, उत्कृष्ट रचनाएँ हमारी नज़र से दूर हैं .... हम बेबस हैं , वे इंतज़ार में हैं . जो अच्छा लिखते हैं , अच्छा सोचते हैं , उनकी जुबां हमेशा यही कहेगी - अपनी छतरी तुमको दे दें .....
21 टिप्पणियाँ:
टिप्पणियों के लिंक क्लिक करना जरूरी है
अब समझ लीजिए कि यह हमारी मजबूरी है।
आपने सही कहा ..... बहुत सी कृतियाँ अछूती हैं .
सदा जी आपने अच्छी लेखक होने का फ़र्ज़ निभा दिया और हमने अच्छे पाठक होने का...
यहाँ आना और सभी लिनक्स तक जाना बहुत अच्छा लगा!
शानदार बुलेटिन रहा …………सुन्दर लिंक संयोजन्।
ब्लॉग बुलेटिन का आभार !
जिसने मेरे अहसास ...महसूस कर लिए और करा दिए |
धन्यवाद "सदा" जी !
आज आश्चर्य हो रहा था कि मेरी इस पोस्ट पर कहाँ से लोग जुट रहे हैं ... टैरिफ सोर्स पर जा कर पाया कि यह तो बुलेटिन की बुलेट है ...
शुक्रिया सदा जी ,
बाकी हास्य पर कुछ नहीं कहना चाहूंगी ... अच्छे पाठकों को शुक्रिया
सुन्दर लिंक.
सुन्दर बुलेटिन.
बहुत कुछ अछूता रह जाता है..अच्छा बुलेटिन.
वाकई यहाँ बहुत से अच्छे लिंक्स है जो छूट जाते हैं। बढ़िया लिंक्स से सजा अच्छा बुलेटिन।
सुन्दर चर्चा अच्छे लिंक..
आपका यह प्रयास सराहनीय है ...
सदा जी ने मेहमान रिपोर्टर के रूप में जो मेजबानी दिखाई वो काबिलेतारीफ है!!
सदा जी आपका बहुत बहुत आभार जो आपने ब्लॉग बुलेटिन पर एक "मेहमान रिपोर्टर" के रूप में अपनी यह पोस्ट लगाई ! हमारी इस नयी श्रृंखला को एक और बढ़िया परवाज़ देने के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद !
सुन्दर चर्चा .. अच्छा बुलेटिन.
हमें आशा है की जो अनछुए ब्लोग्स हैं ..विभिन्न मंच उन्हें भी हमारे समक्ष लायेंगे..
एक लेखक को प्रोत्साहन की बहुत आवश्यकता होती है ..
सदा जी आपने अच्छा लेख दिया है ..
kalamdaan.blogspot.com
सदा जी ये ब्लॉग लिनक्स जो आपने लगायें है ,बेहद सुन्दर हैं..
आपका आभार की आपने इस पट पर इन्हें प्रस्तुत किया ..
kalamdaan.blogspot.com
चर्चा का यह अंदाज़ पसंद आया।
आपने मेरे जज्बात को शब्द का शक्ल दिया ,
जो गहराई तक मेरे दिल को छुआ.... :):)
सुपर बुलेटिन...... बहुत कुछ दिया ब्लाग जगत नें... एक नई पहचान दी....
सदा जी आपका आभार...
आश्चर्य में डूबा अपने मेल पर अपनी एक पुरानी कविता पर टिप्पणियों को देख रहा था। फिर और आने लगी तो रहा नहीं गया। मैं थाह न सका कि यह कैसे हुआ। फिर प्रभा जी से शर्माते हुए पूछ लिया, लगा की क्या सोंचेगी, पर पूछना तो था ही सो पूछ लिया और उन्होंने आपका लिंक भेज दिया।
सच कहूं तो स्वान्तःसुखाय के लिए लिखने की लत बचपन से लग गई थी और सतत जारी है और सभी की तरह एक रचनाकार होने के नाते अपनी सारी रचनाओं को उत्कृष्ठ ही मानता हूं पर जब ब्लॉग पर टिप्पणियां नहीं मिलती है तो तकलीफ होती है या फिर सोंचने लगता हूं कि यह सिर्फ मेरी सोंच होगी, रचना बढ़ीया नहीं है। धन्य हैं आप टिप्पणी पाने के लिए टिप्पणी करने के इस आभासी दुनिया में साधु की भुमिका निभा रहे हैं।
आभार।
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