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रविवार, 3 फ़रवरी 2019

मजबूत रिश्ते और कड़क चाय - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज का विचार ...


10 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन।

अनीता सैनी ने कहा…

सही कहा आप ने मजबूत रिश्ते और कड़क चाय, धीरे धीरे बनते हैं...बहुत सुन्दर
सुन्दर ब्लॉग बुलेटिन की प्रस्तुति
सादर

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा ने कहा…

आज की इस प्रस्तुति में मुझे भी सहभागी बनाने के लिए मैं आभारी हूँ । रिश्ते बनाए नहीँ जाते, खुद बन जाते हैं, रिश्ते निभाए नहीं जाते, ख़ुद निब जाते हैं । बस रिश्तों के अंकुर सम्हालते रहें, रिश्तों के विशाल मजबूत वृक्ष उग आते हैं । फिर, चाय महज औपचारिकता नहीं, जरूरत बन आती है। उबल कर प्यालों में भर जाती है, मिठास बन लफ्जों में बस जाती है।
आभार, बहुत-बहुत धन्यवाद ।

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा ने कहा…

क्षमा। निब.... को निभ पढें ।

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा ने कहा…

तमाम ब्लाॅगर के लिए आवश्यक सूचना:

अवगत होः कि G+ जल्द ही समाप्त हो रहा है।
अतः आप G+ Comments को अविलम्ब अलविदा कहें और Blogger comments active कर लें ताकि हम सभी ब्लागर आपस में जुड़ सकें तथा आपके ब्लाॅग के comments भी भविष्य के लिए सुरक्षित रहे।

शुक्रिया

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

रवीन्द्र भारद्वाज ने कहा…

सुंदर लिंक्स
ब्लॉग बुलेटिन में मेरी रचना संकलित करने के लिए आभार ......सहृदय आदरणीय

Onkar ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन.बहुत आभार.

Onkar ने कहा…

बढ़िया

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन की प्रस्तुति

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