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रविवार, 17 फ़रवरी 2019

136वां बलिदान दिवस - वासुदेव बलवन्त फड़के और ब्लॉग बुलेटिन

सभी हिंदी ब्लॉगर्स को नमस्कार।
वासुदेव बलवन्त फड़के
वासुदेव बलवन्त फड़के (अंग्रेज़ी:Vasudev Balwant Phadke, जन्म- 4 नवम्बर, 1845 ई. 'महाराष्ट्र' तथा मृत्यु- 17 फ़रवरी, 1883 ई. 'अदन') ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह का संगठन करने वाले भारत के प्रथम क्रान्तिकारी थे। वासुदेव बलवन्त फड़के का जन्म महाराष्ट्र के रायगड ज़िले के 'शिरढोणे' नामक गांव में हुआ था। फड़के ने 1857 ई. की प्रथम संगठित महाक्रांति की विफलता के बाद आज़ादी के महासमर की पहली चिंंनगारी जलायी थी। देश के लिए अपनी सेवाएँ देते हुए 1879 ई. में फड़के अंग्रेज़ों द्वारा पकड़ लिये गए और आजन्म कारावास की सज़ा देकर इन्हें अदन भेज दिया गया। यहाँ पर फड़के को कड़ी शारीरिक यातनाएँ दी गईं। इसी के फलस्वरूप 1883 ई. को इनकी मृत्यु हो गई।


आज वासुदेव बलवन्त फड़के जी की 136वें बलिदान दिवस पर हम सब उन्हें शत शत नमन करते हैं। सादर।।


~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~













आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर .... अभिनन्दन।। 

5 टिप्पणियाँ:

yashoda Agrawal ने कहा…

शुभ संध्या...
सादर श्रद्धांजली..
अच्छी बुलेटिन,
आभार..
सादर...

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

वासुदेव बलवन्त फड़के जी की 136वें बलिदान दिवस पर उन्हें नमन। श्रद्धाँजलि वीरों को। जय हिन्द जय भारत।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

वासुदेव बलवन्त फड़के जी के 136वें बलिदान दिवस पर उन्हें शत शत नमन |

Anuradha chauhan ने कहा…

शत् शत् नमन 🙏 सुंदर प्रस्तुति

विकास नैनवाल 'अंजान' ने कहा…

शत शत नमन देश के सपूत फड़के जी को।

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