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दीनदयाल उपाध्याय (अंग्रेज़ी: Deendayal Upadhyaya, जन्म: 25 सितंबर, 1916, मथुरा, उत्तर प्रदेश; मृत्यु: 11 फ़रवरी 1968) भारतीय जनसंघ के नेता थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक प्रखर विचारक, उत्कृष्ट संगठनकर्ता तथा एक ऐसे नेता थे जिन्होंने जीवनपर्यंन्त अपनी व्यक्तिगत ईमानदारी व सत्यनिष्ठा को महत्त्व दिया। वे भारतीय जनता पार्टी के लिए वैचारिक मार्गदर्शन और नैतिक प्रेरणा के स्रोत रहे हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय मज़हब और संप्रदाय के आधार पर भारतीय संस्कृति का विभाजन करने वालों को देश के विभाजन का ज़िम्मेदार मानते थे। वह हिन्दू राष्ट्रवादी तो थे ही, इसके साथ ही साथ भारतीय राजनीति के पुरोधा भी थे। दीनदयाल की मान्यता थी कि हिन्दू कोई धर्म या संप्रदाय नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय संस्कृति हैं। दीनदयाल उपाध्याय की पुस्तक एकात्म मानववाद (इंटीगरल ह्यूमेनिज्म) है जिसमें साम्यवाद और पूंजीवाद, दोनों की समालोचना की गई है। एकात्म मानववाद में मानव जाति की मूलभूत आवश्यकताओं और सृजित क़ानूनों के अनुरुप राजनीतिक कार्रवाई हेतु एक वैकल्पिक सन्दर्भ दिया गया है।
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 51वीं पुण्यतिथि पर हम सब उन्हें शत शत नमन करते हैं।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
8 टिप्पणियाँ:
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 51वीं पुण्यतिथि पर उन्हें शत शत नमन|
शत शत नमन दीं दयाल उपाध्याय जी को ...
आभार मेरी रचना को आज की बुलेटिन में शामिल करने के लिए ...
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 51वीं पुण्यतिथि पर नमन । सुन्दर प्रस्तुति।
आपका आभार.
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
सुन्दर सुरुचिपूर्ण लिंक से सुसज्जित बुलेटिन।
धन्यवाद हर्षवर्धन जी.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम जिस पृष्ठ पर हो, उस के हाशिये पर जगह पाकर हमारा मान बढ़ा है.
विविध लिंकों का रोचक संकलन. बधाई.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को शत-शत नमन। अच्छी जानकारी दी आपने
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