सभी हिन्दी ब्लॉगर्स को मेरा सादर नमस्कार।
गणेश शंकर विद्यार्थी (अंग्रेज़ी: Ganesh shankar Vidyarthi; जन्म- 26 अक्टूबर, 1890, प्रयाग; मृत्यु- 25 मार्च, 1931) एक निडर और निष्पक्ष पत्रकार तो थे ही, इसके साथ ही वे एक समाज-सेवी, स्वतंत्रता सेनानी और कुशल राजनीतिज्ञ भी थे। भारत के 'स्वाधीनता संग्राम' में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा था। अपनी बेबाकी और अलग अंदाज से दूसरों के मुँह पर ताला लगाना एक बेहद मुश्किल काम होता है। कलम की ताकत हमेशा से ही तलवार से अधिक रही है और ऐसे कई पत्रकार हैं, जिन्होंने अपनी कलम से सत्ता तक की राह बदल दी। गणेशशंकर विद्यार्थी भी ऐसे ही पत्रकार थे, जिन्होंने अपनी कलम की ताकत से अंग्रेज़ी शासन की नींव हिला दी थी। गणेशशंकर विद्यार्थी एक ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जो कलम और वाणी के साथ-साथ महात्मा गांधी के अहिंसक समर्थकों और क्रांतिकारियों को समान रूप से देश की आज़ादी में सक्रिय सहयोग प्रदान करते रहे।
गणेश शंकर विद्यार्थी (अंग्रेज़ी: Ganesh shankar Vidyarthi; जन्म- 26 अक्टूबर, 1890, प्रयाग; मृत्यु- 25 मार्च, 1931) एक निडर और निष्पक्ष पत्रकार तो थे ही, इसके साथ ही वे एक समाज-सेवी, स्वतंत्रता सेनानी और कुशल राजनीतिज्ञ भी थे। भारत के 'स्वाधीनता संग्राम' में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा था। अपनी बेबाकी और अलग अंदाज से दूसरों के मुँह पर ताला लगाना एक बेहद मुश्किल काम होता है। कलम की ताकत हमेशा से ही तलवार से अधिक रही है और ऐसे कई पत्रकार हैं, जिन्होंने अपनी कलम से सत्ता तक की राह बदल दी। गणेशशंकर विद्यार्थी भी ऐसे ही पत्रकार थे, जिन्होंने अपनी कलम की ताकत से अंग्रेज़ी शासन की नींव हिला दी थी। गणेशशंकर विद्यार्थी एक ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जो कलम और वाणी के साथ-साथ महात्मा गांधी के अहिंसक समर्थकों और क्रांतिकारियों को समान रूप से देश की आज़ादी में सक्रिय सहयोग प्रदान करते रहे।
आज गणेश शंकर विद्यार्थी जी के 127वें जन्म दिवस पर हम सब उन्हें स्मरण करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
5 टिप्पणियाँ:
गणेश शंकर विद्यार्थी जी के 127वें जन्म दिवस पर आज उन्हें नमन और श्रद्धांजलि। आभारी है 'उलूक' उसके एक पन्ने को आज के बुलेटिन में जगह देने के लिये हर्षवर्धन ।
सुप्रभात।
सारगर्भित वैचारिक रचनाओं का गुलदस्ता है आज का ब्लॉग बुलेटिन। पत्रकारिता के पुरोधा गणेश शंकर विद्यार्थी जी कोउनकी 127 वीं जयंती पर सादर नमन। उन्हें समर्पित आज का अंक शानदार है।
सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई।
धन्यवाद हर्षवर्द्धन जी, आभार मेरी ब्लॉग-पोस्ट को शामिल करने के लिए
नमन विद्यार्थी जी को ...
माफ़ कीजिएगा, ब्लॉगर के अंदर टिप्पणियों का स्थान बदल जाने से उनपर ध्यान पहले की तरह नहीं जाता, आज ही आपकी टिप्पणी देखी।
मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए बहुत-बहुत आभार।
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