प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम |
एक नन्हीं चींटी रोज अपने काम पर समय से आती थी और अपना काम अपना काम समय पर करती थी..... वो जरूरत से ज्यादा काम करके भी खूब खुश थी.......
ज्ंगल के राजा शेर नें एक दिन चींटी को काम करते हुए देखा, और आश्चर्यचकित हुआ कि चींटी बिना किसी निरीक्षण के काम कर रही थी........
उसने सोचा कि अगर चींटी बिना किसी सुपरवाईजर के इतना काम, कर रही थी तो जरूर सुपरवाईजर के साथ वो अधिक काम कर सकती थी.......
उसनें काक्रोच को नियुक्त किया जिसे सुपर्वाईजरी का 10 साल का अनुभव था, और वो रिपोर्टों का बढ़िया अनुसंधान करता था .....
काक्रोच नें आते ही साथ सुबह आने का टाइम, लंच टाईम और जाने का टाईम निर्धारित किया, और अटेंडेंस रजिस्टर बनाया.....उसनें अपनी रिपोर्टें टाईप करने के लिये, सेकेट्री भी रखी....
उसनें मकड़े को नियुक्त किया जो सारे फोनों का जवाब देता था और सारे रिकार्डों को मेनटेन करता था......
शेर को काक्रोच की रिपोर्टें पढ़ कर बड़ी खुशी हुई, उसने काक्रोच से कहा कि वो प्रोडक्शन एनालिसिस करे और, बोर्ड मीटिंग में प्रस्तुत करने के लिये ग्राफ बनाए......
इसलिये काक्रोच को नया कम्प्यूटर और लेजर प्रिंटर खरीदना पड़ा.........और उसनें आई टी डिपार्टमैंट संभालने के लिए मक्खी को नियुक्त किया........
चींटी जो शांति के साथ अपना काम पूरा करना चाहती थी इतनी रिपोर्टों और मीटिंगों से परेशान होने लगी.......
शेर ने सोचा कि अब वक्त आ गया है कि जहां चींटी काम करती है वहां डिपार्टमेंट का अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिये....
उसनें झींगुर को नियुक्त किया, झींगुर ने आते ही साथ अपने आॅफिस के लिये कार्पेट और ए.सी. खरीदा.....
नये बाॅस झींगुर को भी कम्प्यूटर की जरूरत पड़ी और उसे चलाने के लिये वो अपनी पिछली कम्पनी में काम कर रही असिस्टेंट को भी नई कम्पनी में ले आया.........
चींटी जहां काम कर रही थी वो दुःख भरी जगह हो गयी जहां सब एक दूसरे पर आदेश चलाते थे और चिल्लाते रहते थें......
झींगुर ने शेर को कुछ समय बाद बताया कि आॅफिस मे टीमवर्क कमजोर हो गया है और माहौल बदलने के लिए कुछ करना चाहिये......
चींटी के डिपार्टमेंट की रिव्यू करते वक्त शेर ने देखा कि पहले से उत्पादकता बहुत कम हो गयी थी.......
उत्पादकता बढ़ाने के लिये शेर ने एक प्रसिद्ध कंसलटेंट उल्लू को नियुक्त किया.......
उल्लू नें चींटी के विभाग का गहन अघ्ययन तीन महीनों तक किया फिर उसनें अपनी 1200 पेज की रिपोर्ट दी जिसका निष्कर्ष था कि विभाग में बहुत ज्यादा लोग हैं..... जो कम करने की आवश्यकता है......
सोचिये शेर ने नौकरी से किसको निकाला......?
नन्हीं चींटी को........
उत्पादकता बढ़ाने के लिये शेर ने एक प्रसिद्ध कंसलटेंट उल्लू को नियुक्त किया.......
उल्लू नें चींटी के विभाग का गहन अघ्ययन तीन महीनों तक किया फिर उसनें अपनी 1200 पेज की रिपोर्ट दी जिसका निष्कर्ष था कि विभाग में बहुत ज्यादा लोग हैं..... जो कम करने की आवश्यकता है......
सोचिये शेर ने नौकरी से किसको निकाला......?
नन्हीं चींटी को........
.. क्योंकि उसमें “ नेगेटिव एटीट्यूड, टीमवर्क, और मोटिवेशन की कमी थी......."
अब इस कहानी से मिलने वाले सबक का आप खुद निर्धारण करें ... मैं तब तक बाकी की बुलेटिन लगता हूँ |
सादर आपका
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
सहेली, बरास्ता हेठी और अवहेलना
जिंदगी- सपना- गम- हम
प्रेम...
बाबन इमली ......भूलते अतीत
मन्दसौर का पशुपतिनाथ मन्दिर
फिर वही गुलाबो की महक... फिर वही माह-ए-फरवरी है...!!!
तंज़ के बादशाह अकबर इलाहाबादी
शादी के डर से बड़ा कोई डर नहीं था....
बच्चों की लाटरी----।
मैं सलमान खान नहीं बनना चाहती, तुम जितना चाहे हंस लो
कहानी - महर्षि दधीचि
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
7 टिप्पणियाँ:
नन्हीं चींटी अपराजिता सी लगी :)
कमाल की कहानी
सिर्फ अपराजिता ही नही। हर नन्ही चींटी का यही हाल है। झींगुर उल्लू आदि ही मजे कर रहे हैं।
सिर्फ अपराजिता ही नही। हर नन्ही चींटी का यही हाल है। झींगुर उल्लू आदि ही मजे कर रहे हैं।
हा हा सच्ची बात कहानी कहाँ है ? बढ़िया बुलेटिन ।
कहानी सरकारी दफ्तरों का महकमा नज़र आया ...
बहुत सार्थक प्रस्तुति के साथ सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार
आप सब का बहुत बहुत आभार |
एक टिप्पणी भेजें
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!