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मंगलवार, 14 फ़रवरी 2017

१४ फरवरी, मधुबाला और ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम|

" कोई इश्क़ का नाम ले ... और अनारकली का जिक्र न हो ... यह मुमकिन नहीं "
और आज वैसे भी इश्क़ का दिन है ...
१४ फरवरी 
  
 
मधुबाला (जन्म: 14 फरवरी, 1933, दिल्ली - निधन: 23 फरवरी, 1969, बंबई) भारतीय हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थी। उनके अभिनय में एक आदर्श भारतीय नारी को देखा जा सकता है।चेहरे द्वारा भावाभियक्ति तथा नज़ाक़त उनकी प्रमुख विशेषता है। उनके अभिनय प्रतिभा,व्यक्तित्व और खूबसूरती को देख कर यही कहा जाता है कि वह भारतीय सिनेमा की अब तक की सबसे महान अभिनेत्री है। वास्तव मे हिन्दी फ़िल्मों के समीक्षक मधुबाला के अभिनय काल को स्वर्ण युग की संज्ञा से सम्मानित करते हैं।
 
प्रारम्भिक जीवन
मधुबाला का जन्म १४ फरवरी १९३३ को दिल्ली में एक पश्तून मुस्लिम परिवार मे हुआ था। मधुबाला अपने माता-पिता की ५ वीं सन्तान थी। उनके माता-पिता के कुल ११ बच्चे थे। मधुबाला का बचपन का नाम 'मुमताज़ बेग़म जहाँ देहलवी' था। ऐसा कहा जाता है कि एक भविष्यवक्ता ने उनके माता-पिता से ये कहा था कि मुमताज़ अत्यधिक ख्याति तथा सम्पत्ति अर्जित करेगी परन्तु उसका जीवन दुखःमय होगा। उनके पिता अयातुल्लाह खान ये भविष्यवाणी सुन कर दिल्ली से मुम्बई एक बेहतर जीवन की तलाश मे आ गये। मुम्बई मे उन्होने बेहतर जीवन के लिए काफ़ी संघर्ष किया।
 
बालीवुड में प्रवेश
बालीवुड में उनका प्रवेश 'बेबी मुमताज़' के नाम से हुआ। उनकी पहली फ़िल्म थी बसन्त (१९४२)। देविका रानी बसन्त मे उनके अभिनय से बहुत प्रभावित हुयीं, तथा उनका नाम मुमताज़ से बदल कर ' मधुबाला' रख दिया। उन्हे बालीवुड में अभिनय के साथ-साथ अन्य तरह के प्रशिक्षण भी दिये गये। (१२ वर्ष की आयु मे उन्हे वाहन चलाना आता था)।

आगे पढ़ने के लिए यहाँ जाएँ 

आज उनकी ८४ वीं जयंती के अवसर पर ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से हम सब उनको नमन करते हैं !!

सादर आपका
शिवम् मिश्रा
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प्रेम

राष्ट्रद्रोह

खस्ता दिल...

संवाद

छुपी है मुहब्बत भी इनकार में

आल्हा छंद

वेलेंटाइन दिवस पर वह कहानी, जो प्रेम की पराकाष्ठा है

मोहब्बत की मिसाल 'पाकीजा'

प्रेम-गीत

सरकारी योजनाओं का सच...!

इन दोहन पर न जाइए

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

8 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

मधुबाला को उनकी 84वीं जयंती पर नमन। सुन्दर प्रस्तुति शिवम जी।

shikha varshney ने कहा…

मधुबाला को याद करता हुआ बढ़िया बुलेटिन।

Himkar Shyam ने कहा…

सुंदर सूत्र संकलन,मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए हार्दिक आभार

विश्व दीपक ने कहा…

शिवम जी,
मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुंदर बुलेटिन शिवम जी.मुझे भी शामिल करने के लिए आभार.

RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI' ने कहा…

सुंदर लिंकों से सजी ब्लॉग बुलेटिन शिवम् मिश्रा जी। मधुबाला जी को मेरा भी नमन।

कविता रावत ने कहा…

बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति। .
मधुबाला जी को हार्दिक श्रद्धा सुमन!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

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