Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2015

व्यक्तिगत जीवन नामुमकिन रहस्यों से भरा होता है !!!




रहस्यों के केंद्रबिंदु से 
मन के लक्ष्यभेदी वाण 
हमेशा अदृश्य से होते हैं 
सशरीर प्रस्तुति सर्वथा भिन्न होती है 
कभी मन का अनकहा रहस्य रुदाली बनता है 
कभी शरीर  … 
रहस्यों के ताने-बाने में 
चरित्र" दृष्टिगत नहीं होता 
चरित्रवान की आत्मा 
चरित्रवान है या नहीं 
यह प्रश्न भी एक रहस्य है !!! 
मुमकिन है रहस्यों के केंद्र से 
चरित्रहीनता के वाण निकलते हों 
.... 
व्यक्तिगत जीवन इन्हीं नामुमकिन रहस्यों से भरा होता है  !!!




4 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुंदर बुलेटिन प्रस्तुति । खुद के लिये भी होते है खुद के रहस्य कुछ गूढ़ कुछ सरल ।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत रोचक बुलेटिन...

कविता रावत ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति रश्मि दीदी ... आभार आपका !

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार