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शनिवार, 3 अक्टूबर 2015

दुनिया उतनी बुरी भी नहीं - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

दुनिया में अभी उतनी बुराई नही फैली है जितना हम और आप सोच रहे हैं ...
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समोसे के साथ मीठी और तीखी चटनी अभी भी फ्री ही मिल रही है।

सादर आपका
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ज्ञान को आत्मसात करना ही श्रेयस्कर है

जन्म दिन अभी तक तो तेरा ही हो रहा है आज के दिन कौन जाने कब तक

गुजरेगा जनाजा...........

गांधी को किसने मारा ?

पूर्व प्रधानमंत्री स्व॰ श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की १११ वीं जयंती

सरकार से नहीं डिस्लाइक से डर लगता है साहब !

व्यंग्य – शुभचिन्तकों के कट आउट

नव-भारत के राष्ट्रपिता और मोहन गाँधी

.....कल का क्या ...

जीभ और दांत

दम आलू बनाने की विधि

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!! 

5 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

अब आप कैसे सोच ले रहे हैं कि दुनियाँ इतनी अच्छी हो जायेगी कि समोसे भी फ्री में दे जायेगी ? :) बहुत सुंदर प्रस्तुति । आभार 'उलूक' का सूत्र 'जन्म दिन अभी तक तो तेरा ही हो रहा है आज के दिन कौन जाने कब तक' को स्थान दिया शिवम जी ।

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

वाकई दुनिया इतनी बुरी नहीं है।

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

वाकई दुनिया इतनी बुरी नहीं है।

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

सही है।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

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