ज़िन्दगी की कतरनें
एक फूल एक पन्ना एक चूड़ी एक पत्ता
कुछ इश्क़ कुछ समझौते
कुछ टूटा सा दिल
…
हरी चूड़ियों का शौक आसमान में खनकता था
अब अच्छी चूड़ियाँ नहीं मिलती
हरी-पीली की क्या बात !
चाय से करते हैं रास्ता तय - वहाँ तक जाने का, जहाँ भावनाओं के बीच बहुत कुछ अपना लगता था …
1 टिप्पणियाँ:
Behad saraahneey prayaaas.... Sadae
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