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शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014

कितने बदल गए हम - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

कभी आप से सोचा है कि एक ज़माना था जब हम वहाँ सोना पसंद करते थे जहाँ से चाँद तारे दिखें और आज वहाँ सोना पसंद करते हैं जहाँ चार्जर लगा सकें।

अगर खुद मे आए इस बदलाव के बारे मे नहीं सोचा है तो ज़रा सोचिएगा |

सादर आपका
शिवम् मिश्रा

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चयनित ग़ज़लें


ब्लॉगिंग और 5 प्रमुख सोशल मीडिया ग़लतियाँ


पानी दो बेटे...(लघुकथा)

ऋता शेखर मधु at मधुर गुंजन

कोई नया आसमाँ

महेश कुशवंश at अनुभूतियों का आकाश 

452. बहुरुपिया (5 ताँका)

डॉ. जेन्नी शबनम at लम्हों का सफ़र 

संतूर पर राग अहिरभैरव ....!!


गृहस्थ आश्रम

संजय @ मो सम कौन... at मो सम कौन कुटिल खल कामी.. ?

मुद्दा हामिद मीर नहीं...आज हम, कल तुम्हारी बारी







108. मतदान

जयदीप शेखर at कभी-कभार 

 
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  अब आज्ञा दीजिये ...
 
जय हिन्द !!!

14 टिप्पणियाँ:

Anupama Tripathi ने कहा…

बहुत आभार शिवम ''स्वरोज सुर मंदिर " की नाद को यहाँ गुंजित किया ...!!

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

अच्छे लिंक्स...मेरी लघुकथा शामिल करने के लिए आभार !!

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

सभी सूत्र पठनीय हैं ,पर आप का वन लाइनर सर्वश्रेष्ठ है :) ... आभार !

shikha varshney ने कहा…

vo bhi ek jamaanaa tha.. ye bhi ek jamana hai ..

Vinay ने कहा…

वंदेमातरम्‌ जय भारत

आशीष अवस्थी ने कहा…

बिलकुल सही और बढ़िया बुलेटिन , शिवम् भाई व बुलेटिन को धन्यवाद !
Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुंदर बुलेटिन

Asha Joglekar ने कहा…

अच्छे लिंक्स, बहुत से देखे।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

:)

शारदा अरोरा ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद।आज सब समाज सुधार की बातें।

संजय भास्‍कर ने कहा…

अच्छे लिंक्स.

Sadhana Vaid ने कहा…

सुन्दर लिंक्स ! सार्थक बुलेटिन !

Maheshwari kaneri ने कहा…

अच्छे लिंक्स,

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

bahut sundar sabhi ....links

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