प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
प्रणाम |
आज अपनी अद्भूत गणितीय क्षमता व ज्योतिष ज्ञान की बदौलत पूरी
दुनिया में चर्चित भारतीय गणितज्ञ शकुंतला देवी की पहली पुण्यतिथि है | कुछ ही पलों में बड़ी से बड़ी संख्यात्मक
गणना कर देने के विलक्षण गुण के कारण उन्हें 'ह्यूमन कंप्यूटर' के नाम से
जाना जाता था।
शकुन्तला देवी एक अजूबी गणतज्ञा थीं। आप का जन्म ४ नवम्बर १९३९ में
बेंग्लूर,भारत
में हुआ था।उनके पिता सर्कस मे काम करते थे। उनमे जन्म से ही गणना करने
में
पारंगत हासिल थी। वह ३ वर्ष की आयु से ही पत्तों का खेल अपने पिता के साथ
खेलतीं थी। छ: वर्ष कि आयु मे उन्होंने अपनी गणना करने कि व स्मरण शक्ति का
प्रदर्शन मैसूर विश्व्विद्दालय में किया था , जो कि उन्होने अन्नामलाइ
विश्वविद्यालय मे आठ वर्ष की आयु में दोहराया था। उन्होने १०१ अंको वाली
संख्या का २३वाँ
मूल २३ सेकेण्ड मे ज्ञात कर लिया था। उन्होने 13 अंको वाली 2 संख्याओ का
गुणनफल जल्दी बता दिया था |
वह 15 साल की उम्र में पिता के साथ लंदन चली
गई थीं और पिछली सदी के छठे दशक में भारत लौटीं थीं।
संगणक से तेज़ गणना करने के लिये शकुन्तला देवी का नाम ग़िनीज़ बुक ऑफ़ व्ह्रल्ड रिकॉर्डस में भी दर्ज है।
पिछले साल 'ह्यूमन कंप्यूटर' के नाम से प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ शकुंतला देवी के जन्मदिन के मौके पर गूगल ने एक डूडल लगाया था www.google.co.in खोलने पर शकुंतला देवी के स्केच के साथ डिटिजल नंबर्स में Google लिखा आता था |
1977 में शकुंतला देवी
अमेरिका गईं। यहां डलास की एक यूनिवर्सिटी में उनका मुकाबला तब के एक
कंप्यूटर 'यूनीवैक' से हुआ। उन्हें 201 अंकों की एक संख्या का 23वां मूल
निकालना था। यह सवाल हल करने में उन्हें 50 सेकंड लगे, जबकि 'यूनीवैक' ने
इस काम के लिए 62 सेकंड का वक्त लिया। इस घटना के बाद वह पूरी दुनिया में
छा गईं। अपनी प्रतिभा साबित करने के
लिए उन्हें 1980 में दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित लंदन के इंपीरियल कॉलेज ने
बुलाया। यहां भी शकुंतला देवी का मुकाबला एक कंप्यूटर से था। उनको 13
अंकों की दो संख्याओं का गुणनफल निकालने का काम दिया गया और यहां भी वह
कंप्यूटर से तेज साबित हुईं। उनकी इस उपलब्धि को गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड
रेकॉर्ड के 1982 एडिशन में जगह दी गई।
21 अप्रैल, 2013 को शकुंतला देवी के निधन से भारत ने अपना एक और जीनियस खो दिया !
आज चर्चित भारतीय गणितज्ञ स्व॰ शकुंतला देवी जी की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर हम सब ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से उनको शत शत नमन करते है |
सादर आपका
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सामाजिक स्वीकार्यता से मिलेगा गरिमामयी जीवन जीने का अधिकार
डॉ. मोनिका शर्मा at परवाज़........ शब्दों के पंखब्लॉग परिचय पृष्ठ की 5 सामान्य ग़लतियाँ
Vinay Prajapati at तकनीक द्रष्टा ‹ ब्लॉग, सोशल मीडिया, एसईओ और गैजेट
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
14 टिप्पणियाँ:
आज की बुलेटिन में यात्रानामा शामिल करने के लिए धन्यवाद। आभारी हूँ।
बहुत सुंदर बुलेटिन । सलिल जी को बधाई ।
शकुंतला देवी की प्रतिभा को नमन ! भारत ऐसी ही प्रतिभाओं से गौरवान्वित है ।
बढ़िया बुलेटिन बेहतरीन प्रस्तुति के साथ , आ. श्री शकुंतला देवी जी को नमन , शिवम् भाई व बुलेटिन को धन्यवाद !
Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
ह्यूमन कम्प्युटर शकुंतला देवी को भावभीनी श्रद्धांजलि ! इतने सुंदर सार्थक सूत्रों के साथ 'स्पर्धा' को भी सम्मिलित करने के लिये ह्रदय से आभार !
welcome
बढ़िया संकलन
सचमुच एक अद्भुत प्रतिभा थी इनमें... इन्हें याद करने के लिये बुलेटिन की टीम का आभार!!
बहुत उम्दा लिंक्स मिले ...शामिल करने का आभार
इसलिए इंक्रेडिबल इंडिया कहा जाता है ......... ऐसे भारतवासी के कारण ही :)
शानदार लिंक्स !!
nice liks..
http://prathamprayaas.blogspot.in/-सफलता के मूल मन्त्र
मनभावन लिंक मिले......मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
बढ़िया बुलेटिन भाई बहुत जानदार सूत्र और शकुन्तला जी को नमन - जय हो
देर से जानकारी मिल पाई.....आभार !
बालेन्दु जी की पुस्तक पर रवि रतलामी की समीक्षा अच्छी रही.पुस्तक सभी तकनीक-प्रेमियों के लिए लाभकारी है !
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