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गुरुवार, 17 अप्रैल 2014

मुस्कुराते रहिए... फ़टफ़टिया बुलेटिन

 मुस्कुराते रहिए.... मौज में रहिए...  लीजिए आज एक फ़टफ़टिया और गुदगुदाता हुआ बुलेटिन लीजिए....

पति के साथ प्यार से कैसे रहें। उपरोक्त विषय पर औरतों का एक सेमीनार हो रहा था।
उनसे एक सवाल किया गया कि आप अपने पति से कितना प्यार करती हैं?
सभी औरतों ने अपने हाथ उठा दिए।
अगला सवाल था, `आपने अपने पति को "आई लव यू" कब बोला था?`
किसी ने आज सुबह, किसी ने पिछले कल, किसी ने कुछ दिन पहले बताया और कुछ को तो याद भी नहीं था।
अब उनसे अपने-अपने मोबाइल से अपने पति को '"जानेमन.. आई लव यू"' मैसेज भेजने को कहा गया और आपस में एक दूसरे को उनके पति के जवाब को पढ़ने के लिए कहा गया।
  • पतियों के जवाब में मैसेज कुछ ऐसे थे:
  • मेरे बच्चों की प्यारी माँ, तू पागल हो गई है क्या?
  • अब क्या हो गया? कार तो नहीं ठोक दी?
  • क्या मतलब?
  • ??????
  • क्या कर दिया है तुमने? इस बार नहीं छोडूंगा तुझे।
  • क्या खरीदने जा रही हो, डार्लिंग? कितने पैसे चाहिए?
  • सपना तो नहीं देख रहा हूँ मैं?
  • अरे मैडम! यह मैसेज गलती से तो मुझे नहीं भेज दिया?
  • सुबह ही तुम कह रही थी कि कहीं जाना है, ज्यादा तो नहीं पी ली है तुमने ?

और अंत में एक साहब का मैसेज तो यह भी था।

  • आप कौन ......?
वैसे ट्रिक अच्छी लगी... आप भी आजमाईए... यह मत पूछिएगा की हमारे एसएमएस का क्या उत्तर आया.... 

चलिए आज का बुलेटिन देखिए... 

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मित्रों आशा है आपके एसएमएस का सकारात्मक उत्तर आए, हमारी ओर से शुभकामनाएं... कल मिलते हैं एक नए अंक के साथ..


जय हिन्द
देव

12 टिप्पणियाँ:

आशीष अवस्थी ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन व लिंक्स , बुलेटिन को धन्यवाद !
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Sadhana Vaid ने कहा…

सार्थक एवं पठनीय सूत्र संजोये बढ़िया बुलेटिन !

Neeraj Neer ने कहा…

बहुत सुन्दर सार्थक एवं रोचक सूत्र संकलन , हार्दिक आभार..

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

दिन की शुरुआत ऐसे हो तो माना जा सकता है कि आज का दिन मुस्कुराते बीतेगा..!! हमें आजमाने की आवश्यकता नहीं पड़ी कभी... हम दोनों, ये दोनों भी फ़ालतू मे6 लिख दिया... हम इस मामले में निरे अनपढ हैं... न वो मेसेज करती हैं - न हम!! अपुन तो सीधा फोन उठाया और शुरू हो जाते हैं - जानेमन!!

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन !!

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

पत्नी वाले दूसरों की पत्नियों को एस एम करते हैं ऐसा भी कुछ कहीं सुना पढ़ा और देखा था यहाँ अभी कोई चाँस नहीं है मोबाइल अभी नहीं खरीदा है :)
सुंदर बुलेटिन देव ।

Bhavana Lalwani ने कहा…

badiya links hai ..

Unknown ने कहा…

sarthak buletin....muskurahat ke sath....sarahniy..

Unknown ने कहा…

thankyou so much for including my post in your bulletin..

Rishabh Shukla ने कहा…

सुन्दर लिंक्स के लिए बधाई,

http://hindikavitamanch.blogspot.in/
http://rishabhpoem.blogspot.in/

शिवम् मिश्रा ने कहा…

वाह बहुत खूब ... जोरदार लतीफा था ... पर महाराज इस को लतीफा ही रहने देते है ... काहे को आज़माना !?

बढ़िया बुलेटिन देव |

रश्मि शर्मा ने कहा…

बहुत सुन्दर सार्थक एवं रोचक सूत्र संकलन ...मेरी रचना शामि‍ल करने के लि‍ए हार्दिक आभार

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