प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
प्रणाम |
एक लड़की हर रोज़ जब कॉलेज से घर आती तो एक लड़के को अपने घर के आगे खड़ा देखती। जब लड़की उस लड़के की तरफ देखती तो लड़का या तो इधर-उधर देखने लग जाता या फिर अपने मोबाइल पर देखता।
हर रोज़ ऐसा होता और ऐसा होते-होते पूरा एक साल बीत गया।
लड़की को यकीन हो गया कि लड़का उससे प्यार करता है पर कुछ कह नहीं पा रहा। इसलिए लड़की ने एक दिन खुद ही अपने घर वालों से बात कर ली। घर वाले भी बात समझ गए और उनकी शादी के लिए तैयार हो गए।
अगले दिन लड़की ने हिम्मत करके लड़के से कहा, "तुम लगातार एक साल से हर रोज़ मेरे घर के आगे खड़े हो जाते हो। मुझे पता है कि तुम मुझ से बहुत प्यार करते हो और मैं भी तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूँ।"
यह सुनकर लड़का डर गया और कांपते-कांपते बोला, "आप गलत समझ रही हैं बहन जी, दरअसल आपके Wi-Fi पर पासवर्ड नहीं लगा हुआ और मैं तो हर रोज़ मुफ्त में Wi-Fi का इस्तेमाल करने के लिए आपके घर के आगे खड़ा होता हूँ!"
हर रोज़ ऐसा होता और ऐसा होते-होते पूरा एक साल बीत गया।
लड़की को यकीन हो गया कि लड़का उससे प्यार करता है पर कुछ कह नहीं पा रहा। इसलिए लड़की ने एक दिन खुद ही अपने घर वालों से बात कर ली। घर वाले भी बात समझ गए और उनकी शादी के लिए तैयार हो गए।
अगले दिन लड़की ने हिम्मत करके लड़के से कहा, "तुम लगातार एक साल से हर रोज़ मेरे घर के आगे खड़े हो जाते हो। मुझे पता है कि तुम मुझ से बहुत प्यार करते हो और मैं भी तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूँ।"
यह सुनकर लड़का डर गया और कांपते-कांपते बोला, "आप गलत समझ रही हैं बहन जी, दरअसल आपके Wi-Fi पर पासवर्ड नहीं लगा हुआ और मैं तो हर रोज़ मुफ्त में Wi-Fi का इस्तेमाल करने के लिए आपके घर के आगे खड़ा होता हूँ!"
इसी लिए कहा जाता है कि ...
"दिखावे पे ना जाओ अपनी अक्ल लगाओ!"
सादर आपका
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Nityanand Gayen at मेरी संवेदना
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
13 टिप्पणियाँ:
बढ़िया बुलेटिन ..
मुफ्त में Wi-Fi.........बढ़िया बुलेटिन ...आभार !!
बहुत सुंदर बुलेटिन.
मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.
बढ़िया अंदाज़ बुलेटिन का , शिवम् भाई व बुलेटिन को धन्यवाद !
Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
bahut sundar buletin....
आपका श्रम हमें बहुत से रंग दिखा गया ,कुछ नई पहचानें करवा गया -आभार !
wi-fi के उपयोग के लिए अपनाई गयी ट्रिक बहुत अच्छी लगी |उम्दा बुलेटीन
मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद शिवम् जी
बहुत बढ़ियां ब्लॉग बुलेटिन शिवम जी ...
सुंदर बुलेटिन !
Bahut badhia
आप सब का बहुत बहुत आभार |
सुन्दर संकलित सूत्र।
देर से आई क्षमा प्रार्थी हूँ। सभी रचनाएं अचछी लगीं। मेरी रचना को स्थान देने के लिये धन्यवाद।
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!