प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
आज आप सब से एक खबर सांझा कर रहा हूँ जो निश्चित रूप से हम सब को प्रभावित करेगी क्यों कि हम मे से हर एक का किसी न किसी बैंक मे एक खाता तो जरूर है और यह ख़बर बैंकों द्वारा अपनी सेवा शुल्क बढ़ाने के बारे मे है |
वैसे तो बैंकों ने अब तक बैंक ट्रांजैक्शन या एटीएम ट्रांजैक्शन पर
शुल्क बढ़ाने का फैसला नहीं लिया है, लेकिन अन्य सेवाओं की फीस जरूर बढ़ा
दी है। अब आपको ड्राफ्ट बनवाने से लेकर डुप्लीकेट पिन लेने और एसएमएस
अलर्ट के लिए ग्राहकों को पहले से ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।
हम आपको बताते हैं कि कौन से बैंक से कौन सी सेवाएं महंगी करने का
फैसला लिया है। साथ ही, ग्राहकों को किस सेवा के लिए कितना पैसा चुकाना
होगा। अब छोटी-छोटी बातों पर भी बैंक ग्राहक से पैसे वसूलने की तैयारी में
है। बैंकों ने धीरे-धीरे अपनी सर्विसेज का चार्ज बढ़ाना शुरू कर दिया है।
एक्सिस बैंक, धनलक्ष्मी बैंक और सिटी यूनियन बैंक बैकिंग सेवाएं महंगी करने
जा रहे हैं। यूनियन बैंक और एसबीआइ ने भी कुछ दिन पहले ही अपने सर्विस
शुल्क बढ़ाए हैं। एक्सिस बैंक के ग्राहक हैं तो आपको अब ईसीएस डेबिट फेल
होने पर 200 रुपये के बदले 350 रुपये चुकाने होंगे। बैंक ने डुप्लीकेट पिन,
डिमांड ड्राफ्ट कैंसिल करवाने जैसी सेवाओं के लिए फ्लैट 100 रुपये फीस कर
दी है। साथ ही, अब सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर आपको हर
महीने 250 रुपये चुकाने होंगे।
धनलक्ष्मी बैंक ने 1 अप्रैल से हर एसएमएस अलर्ट के लिए 50 पैसे वसूलने का
फैसला किया है। फिलहाल, दूसरे बैंक हर तिमाही में एसएमएस अलर्ट के लिए 15
रुपये लेते हैं। वहीं, सिटी यूनियन बैंक ने लॉकर चार्ज में भारी बढ़ोतरी की
है। बड़े लॉकर के लिए बैंक ने चार्ज 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर
दिया है। यूनियन बैंक ने भी 10,000 रुपये तक के डिमांड ड्राफ्ट बनवाने की
फीस 38 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दी है। उधर, एटीएम ट्रांजेक्शन फीस की
बढ़ोतरी पर फैसला फिलहाल नहीं हो पाया है। आरबीआइ की कमिटी ने बैंकों से
ट्रांजेक्शन फीस बढ़ोतरी पर 15 दिन के भीतर प्रस्ताव मांगा है।
अब इस से ज्यादा खबर तो हमारे सलिल दादा ही बताएँगे ... फिलहाल चलिये चलते है आज की बुलेटिन की ओर |
सादर आपका
शिवम मिश्रा
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दुलहा भी साले, बलहा भी साले, साले बरतिया वाले
PAWAN VIJAY at 'दि वेस्टर्न विंड' (pachhua pawan)
चाय उबली ही नहीं दूध डाल दिया
Sunita Shanoo at कुछ विशेष...
नये स्कूल में पहला दिन
Anita at एक जीवन एक कहानी
स्मृतियाँ
संध्या शर्मा at मैं और मेरी कविताएं
...और बिखर गई मीठी मुस्कान ...!!!
राजेश शर्मा at cgpatal
चुप रहना ही बेहतर है .....
Amrita Tanmay at Amrita Tanmay
भीड़ तुम्हारा कोई धर्म है ..?
Girish Billore at मिसफिट Misfit
" मर्जी से ........mercy तक "
Amit Srivastava at "बस यूँ ही " .......अमित
♥झोपड़-पट्टी…♥♥
chetan ramkishan "dev" at "आवाज मेरे मन की" "Voice of My Mind"
एक इंच की यात्रा .....
dimple sirohi at ज़िक्र-ए-ख़याल
अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस की चमक और नारी निकेतन का अन्धकार
डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति at अमृतरस
holi-haiku -sanjiv
divyanarmada.blogspot.in at hindi sahitya salila
जोगी और सा रा रा रा ......
Archana at मेरे मन की
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
11 टिप्पणियाँ:
ये सब सलिल भाई की लगी बुझाई लग रही है :D चलिये कोई नहीं लूट सके तो लूट अंतकाल पछतायेगा जब ट्रेन जायेगी छूट । सुंदर बुलेटिन ।
ये सब तो ख़ैर चलता ही रहता है. हमारे यहाँ कुछ सेवाओ6 के लिये शुल्क कम करने की सूचना आई है और कुछ सेवाओं के लिये लागू प्रभार आगामी तिथि से निरस्त किये जाने की भी सूचना है. इसलिए महंगाई के काल में बहुत सी सस्ती सेवाएँ भी उपलब्ध हैं.
लेकिन सबसे मनोरंजक प्रभार है न्यूनतम बैलेंस नहीं रकहने के कारण लगने वाला प्रभार. इसे देखकर हँसी आती है कि वह व्यक्ति बिना खाता बन्द किए चला जाता है कुछ मामूली राशि खाते में छोड़कर और बैंक उसपर प्रभार लगाता जाता है और खाता ओवर्ड्राफ्ट में चलता रहता है. इस उम्मीद में कि कभी तो आएगा वो तब वसूल लेंगे सब! और वो बन्दा बेवक़ूफ थोड़े न है जो दुबारा आएगा!!
अभी तो हमारा प्रेशर बढ़ा हुआ है... काम, टारगेट और ब्लड प्रेशर भी!!
" समोसे के साथ चटनी फ्री नहीं रही,ऐसे मे बैंक सेवाएँ फ्री कहाँ ..!!!" vakai mahangi hoti ja rahi baink sevayen...!"
महत्वपूर्ण जानकारी..आभार !
पहले फ्री का चस्का लगाया जाता है फिर आजीवन दुहा जाता है . यही तो बाजार का नियम है तो बचेगा कौन ? बढ़िया जानकारी के साथ सुन्दर सूत्रों का संकलन . आभार .
महत्वपूर्ण जानकारी के साथ बढ़िया लिंक संकलन... आभार
बहुत बढ़िया। अब बिना चटनी समोसा खाओ, ऎसा ही होता है पहले फ़्री सेवायें दे देकर ग्राहक जुटाते हैं बाद में अच्छॆ से काटते हैं, सभी बड़ी कम्पनियों का यही हाल हो गया तो बैक क्यों पीछे रहते :(
jay ho.
हह्म्म्म!
आप सब का बहुत बहुत आभार।
रोचक सूत्र।
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