प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
प्रणाम |
एक मासूम हिमालय की तराई में भेड़े चरा रहा था, तभी वहा से एक गुज़रते हुए पर्यटक ने लड़के से पूछा, "ये भेड़े कितना दूध देती है ?"
लड़का: कौनसी, सफ़ेद वाली या काली वाली ?
पर्यटक: सफ़ेद वाली।
लड़का: 3 लीटर।
पर्यटक: और काली वाली ?
लड़का: ये भी 3 लीटर देती है।
पर्यटक: ये ऊन कितनी देती है।
लड़का: कौनसी सफ़ेद वाली या काली वाली ?
पर्यटक: सफ़ेद वाली।
लड़का: 5 किलो।
पर्यटक: और काली वाली ?
लड़का: वो भी 5 किलो।
पर्यटक: अबे साले जब ये दूध बराबर देती है, ऊन बराबर देती है तो फिर ये काली भेड़ ,सफ़ेद भेड़ क्या लगा रखी है?
लड़का: जी वो बात ये है की ये सफ़ेद भेड़ मेरे पिताजी की है।
पर्यटक: और ये काली भेड़ ?
लड़का: ये भी मेरे पिताजी की ही है।
लड़का: कौनसी, सफ़ेद वाली या काली वाली ?
पर्यटक: सफ़ेद वाली।
लड़का: 3 लीटर।
पर्यटक: और काली वाली ?
लड़का: ये भी 3 लीटर देती है।
पर्यटक: ये ऊन कितनी देती है।
लड़का: कौनसी सफ़ेद वाली या काली वाली ?
पर्यटक: सफ़ेद वाली।
लड़का: 5 किलो।
पर्यटक: और काली वाली ?
लड़का: वो भी 5 किलो।
पर्यटक: अबे साले जब ये दूध बराबर देती है, ऊन बराबर देती है तो फिर ये काली भेड़ ,सफ़ेद भेड़ क्या लगा रखी है?
लड़का: जी वो बात ये है की ये सफ़ेद भेड़ मेरे पिताजी की है।
पर्यटक: और ये काली भेड़ ?
लड़का: ये भी मेरे पिताजी की ही है।
सादर आपका
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"टोपी हिन्दुस्तान की" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
अभी इसके सर कभी उसके सर
नांगलोई में काव्य गोष्ठी और एडवेंचर मेट्रो ट्रेल -- एक सफ़र की दास्ताँ !
सुनाइए
विदेश का खोखला आकर्षण
अक्सर आकर्षित करता है
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चाहिये था क्या हमें, ये सोचते ही रह गये
कल्पना के पृष्ठ शब्द खोजते ही रह गये
बस उनकी आँखें ही लॉगिन करती हैं
है अपने दिल का अकाउंट बहुत महफूज
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
5 टिप्पणियाँ:
बहुत सुंदर भेड़ अरे नहीं नहीं बुलेटिन आज का :)
हँसता हुआ विदा हो यह साल और हँसता हुआ ही आये नव वर्ष!
सुन्दर प्रस्तुति!
सार्थक सशक्त सूत्रों से सजा बुलेटिन ! सभी पाठकों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
आप सब का बहुत बहुत आभार |
हा हा हा ! मजेदार वाकया ! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें .
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