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मंगलवार, 23 जुलाई 2013

३ महान विभूतियों के नाम है २३ जुलाई - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !

आज २३ जुलाई है ... एक बेहद खास दिन ... भारत के ३ बेहद खास लोगो से जुड़ा हुआ ... जिन मे से २ की आज जयंती है और एक की बरसी !

'स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, और हम इसे लेकर रहेंगे' का नारा देकर देश में स्वराज की अलख जगाने वाले बाल गंगाधर तिलक उदारवादी हिन्दुत्व के पैरोकार होने के बावजूद कट्टरपंथी माने जाने वाले लोगों के भी आदर्श थे। धार्मिक परम्पराओं को एक स्थान विशेष से उठाकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने की अनोखी कोशिश करने वाले तिलक सही मायने में 'लोकमान्य' थे। एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, शिक्षक और विचारक के रूप में देश को आजादी की दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले तिलक ने कांग्रेस को सभाओं और सम्मेलनों के कमरों से निकाल कर जनता तक पहुंचाया था।
सही मायने में लोकमान्य थे बाल गंगाधर तिलक (२३/०७/१८५६ - ०१/०८/१९२०)

पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' (२३ जुलाई, १९०६ - २७ फरवरी, १९३१) ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अत्यन्त सम्मानित और लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे महान क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। सन् १९२२ में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बन्द कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसियेशन के सक्रिय सदस्य बन गये। इस संस्था के माध्यम से उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में पहले ९ अगस्त १९२५ को काकोरी काण्ड किया और फरार हो गये। इसके पश्चात् सन् १९२७ में 'बिस्मिल' के साथ ४ प्रमुख साथियों के बलिदान के बाद उन्होंने उत्तर भारत की सभी क्रान्तिकारी पार्टियों को मिलाकर एक करते हुए हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसियेशन का गठन किया तथा भगत सिंह के साथ लाहौर में लाला लाजपत राय की मौत का बदला सॉण्डर्स का वध करके लिया एवम् दिल्ली पहुँच कर असेम्बली बम काण्ड को अंजाम दिया।

पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' की जयंती पर विशेष

लक्ष्मी सहगल (जन्म: 24 अक्टूबर, 1914 - निधन : 23 जुलाई , 2012 ) भारत की स्वतंत्रता संग्राम की सेनानी थी। वे आजाद हिन्द फौज की अधिकारी तथा 'आजाद हिन्द सरकार' में महिला मामलों की मंत्री थीं। वे व्यवसाय से डॉक्टर थी जो द्वितीय विश्वयुद्ध के समय प्रकाश में आयीं। वे आजाद हिन्द फौज की 'रानी लक्ष्मी रेजिमेन्ट' की कमाण्डर थीं।
 
कर्नल डा॰ लक्ष्मी सहगल की पहली बरसी पर विशेष

ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम और पूरे हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से हम सब इन तीनों महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों को शत शत नमन करते है ! 

सादर आपका 
शिवम मिश्रा  

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!

13 टिप्पणियाँ:

डॉ टी एस दराल ने कहा…

तीनों महान विभूतियों को नमन.
आभार।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बढिया जानकारी और बेहतरीन लिंक्स मिले, आभार.

रामराम.

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत सुंदर लिनक्स..... महान विभूतियों को नमन

के. सी. मईड़ा ने कहा…

बहुत ही सुन्दर लिंक्स का संकलन मिश्रा जी...
इन तीनों महान विभुतियों को स्वतंत्रता संग्राम में अतुलनीय योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा....

shikha varshney ने कहा…

तीनों महान विभूतियों को नमन.

HARSHVARDHAN ने कहा…

लाजवाब बुलेटिन पेश की है शिवम भाई। तीनों महान विभूतियों को नमन।।

नये लेख : जन्म दिवस : मुकेश

ashokkhachar56@gmail.com ने कहा…

बढिया जानकारी और बेहतरीन लिंक्स

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सेनानियों को नमन..

बेनामी ने कहा…

बेहतरीन लिंक्स

Darshan jangra ने कहा…

लाजवाब बुलेटिन

संजय भास्‍कर ने कहा…

बढिया जानकारी और बेहतरीन लिंक्स

Maheshwari kaneri ने कहा…

बढिया जानकारी, तीनों महान विभूतियों को नमन.

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार !

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