प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !
पिछले दिनों फेसबुक पर पाबला सर ने एक चर्चा चलाई कि किस ने अपनी प्रोफ़ाइल फोटो सब से कम बार बदली है या बदली ही नहीं है ... खुद पाबला सर ने अपनी प्रोफ़ाइल फोटो सालों से वही रखी हुई है ... उनका साथ देने काजल कुमार जी भी आ गए ... ऐसे मे मैंने वहाँ से निकल लेने मे ही भलाई समझी क्यों कि मैं तो आए दिन अपनी प्रोफ़ाइल फोटो बदलता रहता हूँ ! पर इस चर्चा से दिमाग मे एक सवाल बैठ गया कि प्रोफ़ाइल फोटो बदलने या न बदलने से क्या फर्क पड़ता है और हमारी प्रोफ़ाइल फोटो कैसी होनी चाहिए !?
रात गई सो बात गई की तर्ज़ पर यह सवाल भी दिमाग से उतर गया पर आज नेट पर खबरें पढ़ते हुये एक खबर पर निगाह गई और एक बार फिर यह सवाल ताज़ा हो गया !
लीजिये आप भी पढ़िये !
क्या आप फेसबुक पर नए दोस्तों की तलाश उनके प्रोफाइल की फोटो को देखकर करते हैं? या फिर आप अक्सर अपने फेसबुक प्रोफाइल पर नई-नई फोटो बदलते रहते हैं। सोशल नेटवर्किंग के जमाने में हम सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर जो गतिविधियां करते हैं वे हमारी मानसिकता और व्यक्तित्व से काफी हद तक जुड़ी हुई हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी के एक शोध की मानें तो फेसबुक पर हमारी गतिविधियां हमारी मानसिक स्थिति का संकेत देती हैं। अगर आप फेसबुक पर किसी नए शख्स से जुड़े हैं तो उसकी प्रोफाइल फोटो के आधार पर आप उसके व्यक्तित्व का अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं।
पोट्रेट
पोट्रेट प्रोफाइल फोटो से मतलब है आपका ऐसा फोटो जिसमें कमर से ऊपर तक का हिस्सा दिखे और चेहरा साफ लगे। ऐसे लोग सामान्य व्यवहार वाले और आत्मविश्वासी होते हैं। जिस फोटो में कंधे से ऊपर तक का क्लोज अप होता है वे आत्मकेंद्रित किस्म के हो सकते हैं।
लौंग शॉट
कई बार आपने ऐसे प्रोफाइल फोटो देखे होंगे जिसमें व्यक्ति किसी फ्रेम में इस तरह सेट होता है कि ऊपर से नीचे तक वह पूरा नजर आता है लेकिन उसे स्पष्ट तरीके से देखा नहीं जा सकता। आप अपने व्यक्तिगत जीवन को सार्वजनिक नहीं करना चाहते हैं और थोड़े शर्मीले हैं।
बहुत अधिक क्लोज़अप
इस तरह की प्रोफाइल फोटो में चेहरा इतना करीब होता है कि साफ-साफ समझ नहीं आता कि फोटो का सब्जेक्ट क्या है। ऐसी प्रोफाइल फोटो वाले लोगों असुरक्षा की भावना हो सकती है या फिर आत्मविश्वास कम हो सकता है।
पुरानी फोटो
कुछ लोगों का प्रोफाइल देखा होगा जिसमें वे अपने बचपन या कई साल पहले की फोटो को प्रोफाइल फोटो बनाकर लगाते होंगे। अक्सर ऐसे लोग वर्तमान से बेहतर अपने गुजरे कल को मानते हैं और जरूरत से ज्यादा भूत को लेकर संवेदनशील होते हैं। हां, यह भी हो सकता है कि वे ज्यादा फोटोजेनिक न हों।
परिवार व बच्चों की फोटो
अक्सर कुछ लोग अपनी प्रोफाइल फोटो में बच्चों और अपने परिवार का फोटो लगाते हैं। ऐसे लोग सामाजिक जीवन में यकीन रखते हैं और अपने व्यक्तिगत जीवन को सबके सामने लाने से गुरेज नहीं करते हैं। हां, बार-बार बच्चों की फोटो बदल-बदल कर लगाने वाले लोग शायद ऐसे हो सकते हैं जो हर समय सिर्फ अपनी ही गाते हों।
पार्टी करते हुए फोटो
किसी खास अवसर की बात कुछ और है पर कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो दोस्तों के साथ मौज-मस्ती और पार्टी की फोटो को अपने प्रोफाइल की पहचान ही बना लेते हैं। ऐसे लोग थोड़े गैरजिम्मेदार होते हैं और इनकी खुद की कोई पहचान नहीं होती है।
आर्ट पोर्टफोलियो
प्रोफाइल पोर्टफोलियो में आर्ट पीस, बिना सब्जेक्ट की पेंटिंग, सीनरी आदि लगाने वाले लोग अमूमन इस कोशिश में अधिक रहते हैं कि लोग उन्हें बुद्धिजीवी समझें पर असलियत में उनकी पसंद क्या है, इस बारे में वे खुद तय नहीं कर पाते हैं। हालांकि इसके अपवाद भी हो सकते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी के एक शोध की मानें तो फेसबुक पर हमारी गतिविधियां हमारी मानसिक स्थिति का संकेत देती हैं। अगर आप फेसबुक पर किसी नए शख्स से जुड़े हैं तो उसकी प्रोफाइल फोटो के आधार पर आप उसके व्यक्तित्व का अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं।
पोट्रेट
पोट्रेट प्रोफाइल फोटो से मतलब है आपका ऐसा फोटो जिसमें कमर से ऊपर तक का हिस्सा दिखे और चेहरा साफ लगे। ऐसे लोग सामान्य व्यवहार वाले और आत्मविश्वासी होते हैं। जिस फोटो में कंधे से ऊपर तक का क्लोज अप होता है वे आत्मकेंद्रित किस्म के हो सकते हैं।
लौंग शॉट
कई बार आपने ऐसे प्रोफाइल फोटो देखे होंगे जिसमें व्यक्ति किसी फ्रेम में इस तरह सेट होता है कि ऊपर से नीचे तक वह पूरा नजर आता है लेकिन उसे स्पष्ट तरीके से देखा नहीं जा सकता। आप अपने व्यक्तिगत जीवन को सार्वजनिक नहीं करना चाहते हैं और थोड़े शर्मीले हैं।
बहुत अधिक क्लोज़अप
इस तरह की प्रोफाइल फोटो में चेहरा इतना करीब होता है कि साफ-साफ समझ नहीं आता कि फोटो का सब्जेक्ट क्या है। ऐसी प्रोफाइल फोटो वाले लोगों असुरक्षा की भावना हो सकती है या फिर आत्मविश्वास कम हो सकता है।
पुरानी फोटो
कुछ लोगों का प्रोफाइल देखा होगा जिसमें वे अपने बचपन या कई साल पहले की फोटो को प्रोफाइल फोटो बनाकर लगाते होंगे। अक्सर ऐसे लोग वर्तमान से बेहतर अपने गुजरे कल को मानते हैं और जरूरत से ज्यादा भूत को लेकर संवेदनशील होते हैं। हां, यह भी हो सकता है कि वे ज्यादा फोटोजेनिक न हों।
परिवार व बच्चों की फोटो
अक्सर कुछ लोग अपनी प्रोफाइल फोटो में बच्चों और अपने परिवार का फोटो लगाते हैं। ऐसे लोग सामाजिक जीवन में यकीन रखते हैं और अपने व्यक्तिगत जीवन को सबके सामने लाने से गुरेज नहीं करते हैं। हां, बार-बार बच्चों की फोटो बदल-बदल कर लगाने वाले लोग शायद ऐसे हो सकते हैं जो हर समय सिर्फ अपनी ही गाते हों।
पार्टी करते हुए फोटो
किसी खास अवसर की बात कुछ और है पर कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो दोस्तों के साथ मौज-मस्ती और पार्टी की फोटो को अपने प्रोफाइल की पहचान ही बना लेते हैं। ऐसे लोग थोड़े गैरजिम्मेदार होते हैं और इनकी खुद की कोई पहचान नहीं होती है।
आर्ट पोर्टफोलियो
प्रोफाइल पोर्टफोलियो में आर्ट पीस, बिना सब्जेक्ट की पेंटिंग, सीनरी आदि लगाने वाले लोग अमूमन इस कोशिश में अधिक रहते हैं कि लोग उन्हें बुद्धिजीवी समझें पर असलियत में उनकी पसंद क्या है, इस बारे में वे खुद तय नहीं कर पाते हैं। हालांकि इसके अपवाद भी हो सकते हैं।
अब आप क्या करते है यह तो आप ही बताएं ... फिलहाल मैं आप को लिए चलता हूँ आज की बुलेटिन की ओर !
सादर आपका
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कभी खाना खाकर मरेंगे, कभी भूखे
धूल गुरु-चरणों की मुझको आज मिल जाए
संतोष त्रिवेदी और मुकेश सिन्हा को परिकल्पना ब्लॉग गौरव युवा सम्मान
बिंदास मुम्बई भाग ३
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कुछ साधारण सा अनुभव... :-)
जन्म दिवस : मुकेश
दिल के टुकड़े
........ हादसों के शहर में :))
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चंदा -मामा
कैसे गुजरी तमाम रात, बताऊं कैसे ?
रोज़ेदारी का जज़्बा
आय से अधिक संपत्ति मामलों में न्यायालय हस्तक्षेप करे
अब जी-मेल में मेल को ट्रांसलेट कर मनचाही लेंग्वेज में पढ़ें
आधा पागल ?
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
20 टिप्पणियाँ:
bdhiya buletin
आभार शिवम् जी ! फोटो तो मैंने भी प्रोफाइल में सिर्फ एक ही बार बदली :)
शिवम् जी,मैने अपनी फेसबुक प्रोफाइल फोटो कभी नहीं बदली,फेसबुक पर जाना भी काफी कम हो गया है। मेरी पोस्टें फेसबुक पर आटो पब्लिश हो जाती हैं। बुलेटिन में मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार।
शिवम जी , हमनें तो कभी प्रोफाइल फोटो आज तक बदली ही नहीं है लेकिन अपनी फोटो में तो केवल चेहरा ही नजर आता है !
सुन्दर सूत्र !!
हम तो पुरातन काल से बंदर के बंदर ही रहे.:)
बेहतरीन लिंक्स, आभार.
रामराम.
badhya jankari di hai profile photos ke sambandh me . meri post ke link ko yahan sthan pradan karne hetu hardik aabhar
बहुत ही सुन्दर सूत्र..
अपन तो फेसबुक के सहारे आत्ममुग्ध हो लेते हैं। इसमें किसी का नुकसान भी नहीं है।
फेसबुक फोटो की जानकारी लाझवाब है.....बहुत ही सुन्दर सूत्र..
बहुत बढ़िया..
बढ़िया बुलेटिन ,मेरी रचना को सामिल करने के लिए धन्यवाद शिवम् जी
याने हम सामान्य व्यवहार वाले और आत्मविश्वासी हैं...
शुक्रिया शिवम् :-)
अब लिंक्स पढ़ते हैं..
सस्नेह
अनु
मनभावन लिंक मिले सुन्दर बुलेटिन !!......मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !........शिवम जी
shaandaar ...
बेहतरीन लिंक्स, आभार.
बेहतरीन लिंक्स, आभार.
facebook photo change ke baare mein rochak lagi jaankari ..badhiya links ..shukriya mere likhe ko lene ke liye
आप सब का बहुत बहुत आभार !
:)
मुझमें आत्मविश्वास है या नहीं,सामाजिक हूँ या असामाजिक ………… बताना होगा अब तक के प्रोफाइल फोटो और वाल फोटो के आधार पर
आभार आपका, हमारी पोस्ट यहाँ शामिल करने के लिए
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!