प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !
प्रणाम !
जो 'ज़ौक़' साहब आज के दौर मे होते तो हरगिज न कहते कि,
"कौन जाए ज़ौक़ पर दिल्ली की गलियाँ छोड़ कर ..."
"कौन जाए ज़ौक़ पर दिल्ली की गलियाँ छोड़ कर ..."
कार्टूनिस्ट :- सतीश आचार्य |
कार्टूनिस्ट :- सतीश आचार्य |
कार्टूनिस्ट :- मनोज कुरील |
कार्टूनिस्ट :- सुधीर तैलंग |
सादर आपका
============================
18 टिप्पणियाँ:
....हमें अब शर्म करने का भी हक़ नहीं रहा :-(
अच्छे लिंक्स
पढ़ते हैं एक एक कर
मेरी रचना को स्थान देंने के लिए सादर धन्यवाद शिवम् जी ।।
कार्टून काफी कुछ बोल गये अब क्या बोले।।
एक बार हमरा भी ब्लॉग देख लें कुछ अच्छा लगने लायक हो तो समझूंगा की जीवन सफल हुआ |
तो लिंक है .....
www.appanmadhubani.blogspot.in
चित्रों ने बिना बोले सब कुछ कह दिया है भाई | दिल्ली शर्मसार हुई थी, हुई है और अगर यही आलम रहा तो माशाल्लाह होती रहेगी ऐसे ही | और ज़ौक़ आज होते तो यही कहते के "मैं तो चला दिल्ली की गलियां छोड़ कर"... बढ़िया बुलेटिन | मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार भाई |
दुखद हालत हैं
आज तो कार्टूनिस्ट की सोच को आदाब !!!
अच्छे लिंक्स..दिल सबका ही दुखा है..पर सब helpless सा ही महसूस कर रहे हैं ,कोई रास्ता नज़र नहीं आता
कार्टून बयान कर रहे हैं कितने खराब हैं हालात :(
कार्टून बॊल रहे हैं वर्तमान का सच
सुंदर संयोजन
मिश्र जी धन्यवाद!
मेरी रचना को शामिल करने हेतु आभार.
बाक़ी लिंक्स भी अच्छे हैं ..इतने सुन्दर लिंक्स संजोने हेतु....बधाई.
!
jbaab nahi milegaa...... kiske paas hai ,jo degaa ....... soye ko jagana hai ya mare ko ........ main bhi jinda hoti to Patna airport tak nahi jati ..... use muz. men mar na aati ........
देर से आई "वीनू" को यहां देख कर अच्छा लगा!
बाकी लिंक देखती हूं ..
आभार ...
शब्द से लेकर शब्द चित्र तक सब एक ही व्यथा उकेरे बैठे हैं । बुलेटिन हमेशा की तरह सामयिक है शिवम भाई । इन पोस्टों को एकत्र करने का प्रयास सराहनीय है ।
:( कार्टून्स बयां कर रहे हैं ये दर्द… पता ही नहीं क्या ज़्यादा है मन में, शर्म, दुख, गुस्सा या डर!
यहाँ मेरी पोस्ट को भी स्थान देने के लिये धन्यवाद।
आप सब का बहुत बहुत आभार !
देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ...!!
शिवम भाई बहुत आभार आपने इस बुलेटिन में मेरी अभिव्यक्ति को स्थान दिया ...!!
एक टिप्पणी भेजें
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!