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मंगलवार, 2 अप्रैल 2013

दोस्तों आपकी मदद चाहिए - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम !

आज ट्विटर पर मशहूर कार्टूनिस्ट श्री सुधीर तैलंग जी के ट्वीट से पता चला कि मशहूर अभिनेता श्रीवल्लभ व्यास जी पिछले कुछ सालों से लकवाग्रस्त हो बीमार चल रहे है और फिलहाल जयपुर मे एसएमएस हॉस्पिटल के आईसीयू मे है !

हम सब ने व्यास जी का शानदार अभिनय काफी सारी फिल्मों मे देखा है ... वो नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पास आउट है !

बॉलीवुड से अमीर खान समेत काफी लोगो ने उनकी और उनके परिवार की समय समय पर मदद की है पर वो पर्याप्त नहीं है ... आज व्यास जी का परिवार जयपुर मे किराए के मकान मे रहता है ... कोई भी एक बीमार किरायेदार नहीं चाहता इस लिए समय समय पर उनको मकान बदलना पड़ता है !
ब्लॉग बुलेटिन के माध्यम से मेरी आप सब से विनती है कि अगर आप मे से कोई ऐसे मुश्किल समय पर इस शानदार कलाकार और उसके परिवार की मदद कर सकता है तो जरूर करें ! साथ साथ अगर किसी की राजस्थान सरकार मे कोई जान पहचान हो तो अवश्य आगे आए ! राजस्थान सरकार को भी चाहिए कि वो खुद आगे आए और श्री व्यास जी के इलाज और रहने का उचित प्रबंध करे !
पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से हम यही दुआ करते है कि श्रीवल्लभ व्यास जी जल्द स्वस्थ हो और दोबारा हम उनको अभिनय करते देखें !

सादर आपका 
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फ़ेसबुक का जाल और इसमें फंसें होने के लक्षण

Lalit Kumar at दशमलव
माया आजकल बहुत ख़ुश है। मैं मायावती या किसी अन्य माया की नहीं बल्कि उस माया की बात कर रहा हूँ जो संसार के ऊपर अपना भ्रम का जाल डाले … Read more

उगतीं हैं कवितायें...

shikha varshney at स्पंदन SPANDAN
एक दिन उसने कहा कि नहीं लिखी जाती अब कविता लिखी जाये भी तो कैसे कविता कोई लिखने की चीज़ नहीं वो तो उपजती है खुद ही फिर बेशक उगे कुकुरमुत्तों सी, या फिर आर्किड की तरह हर हाल में मालकिन है वो अपनी ही मर्जी की। कहाँ वश चलता है किसी का, जो रोक ले उसे उपजने से। हाँ कुछ भूमि बनाकर उसे बोया जरूर जा सकता है। बढाया भी जा सकता है, कुछ दिमागी खाद पानी डाल कर . संवारा भी जा सकता है, कुछ कृत्रिम संसाधनों से। फिर वो कविता जैसी तो होती है, पर कविता नहीं होती। कविता तो उगेगी खुद ही, कभी भी, कहीं भी ..

मुफ्त सॉफ्टवेयर पाने के 3 ठिकाने

Munish Lehri at Kuch Khas Khabar
वैसे तो इन्टरनेट पर ढेरो ऐसी वेबसाइट है जो आपको मुफ्त में सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराती हैं पर आज मिलिए मेरी पसंद की तीन ऐसी वेबसाइट से जहां से आप अपनी जरुरत के मुफ्त सॉफ्टवेयर (Freeware, Shareware) आसानी से डाउनलोड कर पायेंगे . ( 1 ) पहली वेबसाइट है http://www.filehippo.com इस वेबसाइट के विषय में पहले भी एक लेख में चर्चा की जा चुकी है, ये सबसे लोकप्रिय वेबसाइट में से एक है जहाँ से सबसे ज्यादा सॉफ्टवेयर डाउनलोड किये जाते हैं . इस अकेली वेबसाइट में ही आपको सभी प्रमुख Freeware मिल जायेंगे चाहे वो एंटी वायरस हो या कोई मीडिया प्लेयर . सबसे अच्छी बात इस वेबसाइट की ये है की यहाँ अलग अल... more »

वक्त का आकार

प्रीति टेलर at जिंदगी : जियो हर पल
वक्तका आकार देखा कल , बिलकुल चाँद की तरह , गोल एक दम गोल ...माँ की रोटी की तरह , पर आकाशमे परदे के पीछे खेले लुकाछिपी .... कभी समीज नजर आये कभी उसे बाल , कभी पैर की आहट या फिर पूरा दिख जाए ..... कभी लगता है जहाँसे सफ़र शुरू हुआ था फिर वही मुकाम पर पहुँच गए हम ... कभी लगता है मंजिल की तलाश है , और ये रस्ते ही ख़त्म नहीं होते .... कभी हमारे पीछे पीछे चलता है , और कोई घने पेड़के तने के पीछे छुपता , कभी आगे दौड़ता हुआ हमसे दूर निकलता हुआ .... बस एक तुम ही हो मेरी उंगली थाम कर चलते रहे , बस चलते रहे ताउम्र ...... न सफ़र थका न तन्हाई ख़त्म हुई , खुशबु वो तुम्हारे साथ होने की और ...बस ये और के ... more »

वैल्यू ऑफ लाइफ कहाँ है...देश में या विदेश में ?

आखिर क्या है यह "वैल्यू ऑफ लाइफ" इस विषय को लेकर हर एक इंसान की नज़र में उसके अपने मत अनुसार अलग-अलग अर्थ है या हो सकते है। जैसे किसी की नज़र में वैल्यू ऑफ लाइफ का अर्थ है असमानता में समानता का होना जैसे यहाँ हर काम को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है यहाँ काम के नज़रिये से कोई छोटा या बड़ा नहीं है या फिर कुछ लोग इस विषय को निजी जरूरत के आधार पर भी देखते हैं। जैसे यहाँ बिजली, पानी,सड़क यातायात व्यवस्था इत्यादि की कोई समस्या नहीं है ऐसे में बहुतों की नज़र में यह वैल्यू ऑफ लाइफ से जुड़े हुए मुद्दे का एक बड़ा कारण हो सकता है। लेकिन यदि मैं अपने नज़रिये और अपने अनुभव की बात करूँ तो मेरे... more »

कुछ टूटने से पहले ....

सदा at SADA
उसने मुझसे इक दिन भीगी आँखों से कहा ये मुहब्‍बत भी बहुत बुरी शय होती है किसी और की खबर रखते-रखते खुद से बेखबर हो जाती है ... कुछ टूटने से पहले आवाज हो ये जरूरी तो नहीं तुमने देखा तो होगा फूलों का खिलना और बिखर जाना चुपके से!!! ....

सुमित को दामिनी एंथम के लिए मिला झलकारी बाई सम्मान-2012

संगीता तोमर Sangeeta Tomar at सादर ब्लॉगस्ते!
नई दिल्ली: दिल्ली रेप कांड पीड़िता को श्रद्धांजलि देने हेतु सुमित प्रताप सिंह द्वारा बनाये गये दामिनी एंथम को दिल्ली की गैरसरकारी संस्था सक्षम संकल्प सेवा सोसाइटी द्वारा रविवार दिनांक 31.03.13 को झलकारी बाई सम्मान -2012 से सम्मानित किया गया. दिल्ली में स्थित सांवल नगर में सोसाइटी ने एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया था, जिसका विषय था, "कन्या भ्रूण हत्या व महिलाओं के विरुद्ध अपराध". इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक, स्थानीय निगम पार्षद, दिल्ली पुलिस महिला अपराध शाखा से इंस्पेक्टर शशि कौशिक, सोसाइटी के संरक्षक मोहसिन किदवई, अध्यक्ष कृष्ण कोली, उपाध्यक्ष पद्मा रानी इत्यादि गणमान्य व्यक्ति... more »

'सृजक' के पिछले अंक में प्रकाशित मेरी कहानी 'इंतज़ार'

'सृजक' के पिछले अंक में प्रकाशित मेरी कहानी 'इंतज़ार' का आस्वादन करते हुए आगामी अंक के घर पहुँचने का इंतज़ार करें और जिन सुधी पाठकों को अच्छी पत्रिका पढने का इंतज़ार रहता है वह विलम्ब ना करें शीघ्र ही अपनी पत्रिका की प्रति सुरक्षित करवाएं ......... *आज सुबह से ही गीत बेचैनी से इधर-उधर कर रही थी. कैलेंडर में देखा ...एक अक्टूबर ..आँखों से उतरकर दिल में पहुँच गयी...एक अक्टूबर. बिताये नहीं बीतता उससे ये दिन. जाने किसका इंतज़ार रहता है उसे? और क्यों ?...वह तो ये भी नहीं जानती. दिमाग अनवरत अतीत में गोते लगा रहा है ....जब वो राज से मिलने उसके पास गयी थी .हाँ! राज ही तो था वो.समझ ही न... more »

रंग प्यार का

poonam at anubuthi
क्या हर चीज़ का रंग होता है ? अगर होता है तो कैसा होता , तुम्हारी याद का , बात का , मुलाक़ात का , हंसी का , गुलाबी ,पीला , नीला , हरा, नारंगी चितकबरा या सफ़ेद ? कौन सा रंग चुनती , उस बिन छुई छुअन का , बिन कही दास्तां का , मौन के महाकाव्य का , कौन सा ? कौन सा ? हुई आहट या हल्का सा खटका , यह तुम हो या कहीं कोई आँसू टपका , खिड़की पर हिला वो जो हल्के से पर्दा , सुनो फ़ैली हवा मे यह तेरी महक , यह तुम हो या मन का वहम, हर खट- खट - पदचाप अनजानी सी , नहीं तू कहीं फिर भी क्यों हर बात पहचानी सी ... कहा तुमने कि रंग है सफेद प्यार का , तो क्यों दिखता है पीला धब्बा वक़्त का ? कोने पे वो छींटे लाल याद क... more »

ये बेचारे ...सतीश सक्सेना

सतीश सक्सेना at मेरे गीत !
निम्न पंक्तियाँ, एक कमेन्ट के रूप में श्री गिरधारी खंकरियाल की " ये बेचारे -रिक्शे वाले " शीर्षक वाली रचना पर लिखी गयी हैं ! शीर्षक के शब्द उन्ही के हैं , आभार सहित वही कमेन्ट / रचना आपकी नज़र है ... *कौन समझना, चाहे इनको* *काम बहुत,क्या देखें इनको* *वजन खींचते, बोझा ढोते* *दर्द न जाने दुनिया वाले* *ये बेचारे रिक्शे वाले* * **माँ की दवा,बहन की शादी* *जाड़ा गर्मी हो या पानी * *इक अनजानी चिंता इनको* *खाए जाती हौले हौले !* *ये बेचारे रिक्शे वाले*

खुशवंत सिंह के पिता ने दिलवाई थी, भगत सिंह को फांसी: दिल्ली सरकार देगी ‘सम्मान’

स्वप्न मञ्जूषा at काव्य मंजूषा
प्रस्तुत आलेख यहाँ से लिया गया है : शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की एक दुर्लभ तस्वीर शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के बलिदान को शायद ही कोई भुला सकता है। आज भी देश का बच्चा-बच्चा उनका नाम इज्जत और फख्र के साथ लेता है, लेकिन दिल्ली सरकार उन के खिलाफ गवाही देने वाले एक भारतीय को मरणोपरांत ऐसा सम्मान देने की तैयारी में है जिससे उसे सदियों नहीं भुलाया जा सकेगा। यह शख्स कोई और नहीं, बल्कि लेखन कर शोहरत हासिल

अलग-अलग

                                                                           जासूस ने जब  बताया था कि सामने वाली फ़ौज गिनती में अपनी फ़ौज से कम से कम पांच गुना ज्यादा है, तबसे दिमाग में उधेड़बुन चल रही थी। ऐसा न हो कि सैकड़ों मील घोड़ों की पीठ पर सफ़र करके यहाँ तक आना, रास्ते की मुश्किलें, जीती हुई छोटी बड़ी लड़ाईयाँ सब बेकार चली जायें। सिर झटककर वो अपने खेमे से बाहर निकला और मुकाम का मुआयना

**~अक्सर....~**

*१.* *रिश्तों के गहरे मंथन में* *उलझी जब भी मैं धारों में ...* *घुट-घुट गयीं साँसें मेरी,* *छलकीं.... अश्कों की कुछ बूँदें..* *और नीलकंठ बन गयी मैं ...* *अपनों की दुनिया में .... अक्सर .....* * * *२.* *जीवन के गहरे अंधेरों को..* *ना मिटा सके जब... चँदा-तारे भी...* *बनकर मशाल खुद जली मैं...* *और राहें अपनी ढूंढीं मैनें... अक्सर.....* * * *३.* *कई बार...अपने आँगन में...* *जब दीया जलाया है मैनें,* *संग उसके....खुद को **भी **जलाया है मैनें...* *और खुद ही... अपनी राख बटोरी मैनें....अक्सर...* * * *४.* *तमन्नाओं के सेहरा में भटकते हुए...* *ऐसा भी हुआ कई बार....* *थक कर जब भी बैठे हम.....,* *खुद ... more »

होली और वह अद्भुत नाट्य-मंचन

गिरिजा कुलश्रेष्ठ at Yeh Mera Jahaan
हमारे गाँव की होली पूरे इलाके में सबसे अलग होती थी । मेरे ननिहाल और दूसरे गाँवों में जहाँ लोग होली में रंग-गुलाल कम और धूल ,कीचड, गोबर, मल-मूत्र ,का ज्यादा इस्तेमाल करते थे वहीं मेरे पैतृक गाँव मामचौन (मुरैना) में रंग और गुलाल की वर्षा के अलावा कुछ होता तो वह था गाना-बजाना और अभिनय...नकल । आज मैं सोच-सोच कर अभिभूत हूँ कि उस समय गाँव में कैसे-कैसे कलाकार थे । 'कंजूस सेठ', 'चालाक मुनीम' ,'पत्नी-पीडित व्यक्ति', 'शरीर' कर्जदार , 'दुकानदार को चूना लगाने वाला धूर्त ग्राहक' , 'मास्टर जी के पास पढने आया मूर्ख व्यक्ति 'जैसे हास्यप्रद चरित्रों को कितनी जीवंतता से अभिनीत करते थे वे लोग । पूर्... more »

अगली बहार तक ...

बड़ी बड़ी इमारतों से गुज़रते हुए ...गमलों में मुहं उठाये नन्हे पौधे अक्सर रास्ता रोक लेते है ..मनो कह रहे हो पनपने के लिए पूरी ज़मीन नहीं थोड़ी मिटटी की दरकार है ...हां अगर और बढ़ना है तो अपनी ज़मीन खुद पानी होगी .... हाइवे पर तेज रफ़्तार गाडी दौडाते हुए ....डिवाइडर पर डटे गुलाबी फूलों से लदे मंझोले कद के शूरवीर जो गर्म काले धुंए के थपेड़े खाकर भी लहलहाते हुए से लगते है,हर लम्हा बिना रुके रात दिन अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते हुए,अपने इस युद्ध के बीच एक नज़र मुझपर भी डालते है "हमसे भी कमज़ोर हो क्या ".. .... पार्किंग के कोने में .... सबकी नज़र बचाकर कोई ऊपर आ रहा है पहले बाहें निकली है हरी ... more »

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

16 टिप्पणियाँ:

Unknown ने कहा…

बेहतर होगा कि आप लोग यह जिम्मेदारी उठाएं। एक मेमोरेन्डम तैयार किया जाए जिस पर सभी लोग हस्ताक्षर करें। उसे राजस्थान और केंद्र सरकार को भेजा जाए जिससे उन्हें इलाज के लिए कुछ सहायता उपलब्ध हो सके। आप एक कोष की स्थापना करें जिसमें सभी योगदान दे सकें अथवा उनका या उनकी पत्नी का एकाउंट नंबर पता कर उपलब्ध कराएं जिससे उन्हें आर्थिैक सहायता सीधे पहुंचायी जा सके। सब छोटी राशि भी उपलब्ध कराएंगे तो वह अच्छी सहायता राशि बन जाएगी।
इस ओर कुछ सार्थक प्रयास की आवश्यकता है। तुषार जी इस पोस्ट को फेसबुक पर भी लगाएं।
सादर!

shikha varshney ने कहा…

बहुत बेकद्री है कलाकारों की हमारे समाज में :(

रश्मि प्रभा... ने कहा…

कौन कितना मशहूर था,कितना अच्छा था ... सब बेमानी,जब शरीर लाचार,क्योंकि इंसानियत अधिक अपाहिज है - दुआ है वे शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करें और उनके परिवारवालों को मेरी शुभकामनायें

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

व्यास जी के बारे में जानकार दुख हुआ!
उनके लिए कुछ किया जा सके, जो सही तरीक़े से उन तक पहुँच सके... इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है...
~सादर!!

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

आभार ...सब कुछ यहाँ साँझा करने के लिए और सच से आवगत करवाने के लिए

Satish Saxena ने कहा…

मैं यथा संभव मदद के लिए तत्पर हूँ शिवम !
कृपया मेरा फोन नंबर उन तक पंहुचा दें ! आभार एक महत्वपूर्ण अपील के लिए !

संजय @ मो सम कौन... ने कहा…

ब्रिजेश सिंह जी की टिप्पणी से मैं भी सहमत हूँ। व्यास जी के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ के लिये कामना करता हूँ।

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

कलाकारों ख़ास करके चरित्र अभिनेताओं/अभिनेत्रियों, और क्रिकेट छोड़ कर बाकी खेलों के खिलाड़ियों की यही दुर्दशा है। आँखों देखी बात बता रही हूँ, एक पहलवान जिन्हें मिस्टर इंडिया का खिताब मिला हुआ था किसी ज़माने में, आज चप्पल की दूकान में काम करते हैं, और लोगों को चप्पल पहनाते हैं। किसी एक खिलाड़ी के बारे में पढ़ा था कि वो रेहड़ी में फल बेचते हैं। इसीलिए तो हम कहते हैं, मेरा भारत महान !

शिवम् मिश्रा ने कहा…

@ सतीश सर
श्री सुधीर तैलंग जी को सूचित कर दिया है कि हम लोग यथा संभव मदद के लिए तैयार है ... उन्होने कहा है कि जल्द ही सूचित करेंगे कि क्या और कैसे करना है !

सदा ने कहा…

आपका यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है, आपने इस बात को हम सबके सामने रखा जिसके लिये बहुत - बहुत आभार .... जब भी किसी ऐसी घटना से रूबरू होते हैं तो मन अनायास व्‍यथित हो जाता है, व्‍यास जी के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के लिए अंनत शुभकामनाएं
सादर

Shikha Kaushik ने कहा…

सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार !

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

किसी जरूरतमंद कि मदद करनें से ज्यादा अच्छी बात क्या हो सकती है !!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

शीघ्र ही उन्हें स्वास्थ्यलाभ हो..सुन्दर सूत्र..

गिरिजा कुलश्रेष्ठ ने कहा…

दो दिन से पता नही क्यों कोई भी ब्लाग खुल नही रहा था । कुछ पोस्टपढी हुई हैं पहले ही कुछ पढने जा रही हूँ । धन्यवाद मेरे संस्मरण को यहाँ शामिल करने के लिये ।

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

भाई मैं इस दुःख में उनके साथ शरीक हूँ और व्यास जी की जल्दी ठीक होने की प्रभु से कामना करता हूँ | वो जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएँ और दोबारा अभिनय शुरू करें इससे अच्छी बात और क्या होगी | भगवन उन्हें शक्ति दे | आभार |

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