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गुरुवार, 6 सितंबर 2012

बेरोजगार खुदा से झीलों के बुलबुलों तलक एक पोस्‍ट

आजकल खुदा भी बेरोजगार
सुना है आजकल खुदा भी बेरोजगार है इंसानों ने दिल से निकलकर उसे दुकानों पर बिठा दिया है जब तक दिल की बगिया में था बागबानी करता था कभी रूह की मिट्टी जोत देता कभी मन की फसल सींच देता अच्छे-अच्छे ख्यालों के फूलों से दिल सजा रहता था हमेशा संवेदना की खाद लाकर भी डाल देता था अक्सर और ज़िन्दगी महकती रहती थी । तनख्वाह के तौर पर प्यार के सिक्के ले जाता था। अब तो दुकानों के दफ्तर पर किसी साज-सज्जा के सामान जैसा बिना ज्यादा जगह लिए एक कोने में खड़ा रहता है बुत बनकर और रोज़ सवेरे उसे दुकानदार अगरबत्ती के धुएँ से डराकर "फिंगर ऑन योर लिप्स" की सजा सुनाकर कारोबार में... more »

कौन है यह वाशिंगटन पोस्ट और क्यों मच रहा है हल्ला
*यह नहीं कि वाशिंगटन पोस्ट या टाइम गलत हैं या सही हैं। बस सवाल सिर्फ इतना है कि वे जो कुछ भी कह रहे हैं वह उनकी खबर क्यों है? व्यावसायिक परिदृश्य में देखें तो मीडिया के नाम पर विदेशी मीडिया की मनमानी कतई लोक की आवाज नहीं है। यह नितांत विदेशी कूटनीति का हिस्सा है। इसलिए दुनिया के मंच पर जब देश के संदर्भ में कोई बात की जाए, तो सावधानी रखना जरूरी हो जाता है। *कायदा ए कायनात में भी इंसान को अपनी आवाज पेश करने की इजाजत हक के बतौर बख्सी गई है। यह अच्छी बात भी है। आदिकाल से इंसानी बिरादरी को अनुशासित और गवर्न करने के लिए बनाई गईं व्यवस्थाएं सबसे ज्यादा डरती भी इसी से हैं। आवाजों को अपने-अपन... more »


मेरी जापान यात्रा : माउंट फूजी व हरे भरे खेत खलिहान!
चीन , अमेरिका, ब्राजील और भारत की तुलना में जापान एक छोटा सा देश है। एक ऐसा देश जहाँ की शहरी आबादी भारत के महानगरों को भी टक्कर दे सके। पर जापान के टोक्यो (Tokyo) और ओसाका (Osaka) जैसे महनगरों में दूर दूर तक दिखते कंक्रीट के जंगलों के परे भी एक दुनिया है जो दिखती तब है जब आप इन शहरों से इतर जापान के अंदरुनी भागों का सफ़र करते है। अब आप ही बताइए जिस देश का अस्सी फीसदी इलाका छोटे बड़े पहाड़ों से (अगर ये विषय आपकी पसंद का है तो पूरा लेख पढ़ने के लिए आप लेख के शीर्षक की लिंक पर क्लिक कर पूरा लेख पढ़ सकते हैं। लेख आपको कैसा लगा इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया आप जवाबी ई मेल या वेब साइट पर जाक... more »

एक चर्चित ब्लॉगर
जीवन भी क्या है ? एक यक्ष प्रश्न , हम सुलझाने की कोशिश करते हैं और यह उलझता जाता है . हम एक सिरा पकड़ते हैं और हमारे सामने कई सिरे आ जाते हैं . हम एक इच्छा की पूर्ति के लिए दिन रात मेहनत करते हैं, लेकिन कभी सफलता तो कभी असफलता , बस यह क्रम चलता रहता है , और सफ़र कटता रहता है . हर किसी की मंशा होती है एक बेहतर जीवन जीने की और हर किसी का ख़्वाब होता है कुछ हट कर करने का , कुछ बेहतर करते रहने का , कभी हम अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सफल हो जाते हैं तो कभी असफलता हाथ लगती है . लेकिन जीवन है कि आगे बढ़ता रहता है . बस यही सब चलता रहता है इस जीवन में .......मैं भी सोच रहा था कि सप्ताह में ... more »


मंगल दोष के रोड़े दूर करेगा आज शाम गणेश पूजा का यह उपाय

मंगल दोष के रोड़े दूर करेगा आज शाम गणेश पूजा का यह उपाय] हिन्दू पंचाग के मुताबिक आज अंगारिका चतुर्थी है। यानी आज मंगलवार के साथ चतुर्थी तिथि का संयोग बना है। इस शुभ तिथि पर भगवान गणेश की उपासना कुण्डली में अंगारक यानी मंगल दोष से जीवन में आ रही तमाम परेशानियों से छुटकारा देती है। खासतौर पर विवाह, दाम्पत्य, भूमि व खून की बीमारी जैसे परेशानियों में बड़ी राहत मिलती है। भगवान गणेश बुद्धिदाता, विघ्रहर्ता व भौतिक सुख-सुविधा की इच्छा पूरी करने वाले देवता हैं। इसलिए जीवन से तमाम कलह दूर रखने व खुशहाली के लिए आज शाम शुभ योग में यहां तस्वीरों के साथ बताया जा रहा गणेश पूजा का ... more »


यात्रा संस्मरण : मेरी मेलबोर्न यात्रा
रोवेन एटकिंसन उर्फ फनी ‘मि. बीन’ ने जब मुझे समस्त हर्जे-खर्चे समेत मेलबोर्न यात्रा के दस्तावेज़ – टिकट, वीज़ा इत्यादि और साथ में सोने में सुहागा के तौर पर खर्चने के लिए हजार ऑस्ट्रेलियाई डॉलर अतिरिक्त सौंपे तो लगा कि जैसे मेरे जीवन का एक बड़ा सपना पूरा होने जा रहा है. और हो क्यों न. यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं तो दूरस्थ देश प्रदेश की यात्रा में आपको आनंद आएगा ही. और आप ऐसे मौकों की तलाश में हमेशा रहेंगे ही. शायद ही ऐसा कोई मनुष्य हो जिसे यात्रा में आनंद नहीं आता हो. जहाँ आप रहते हैं वहाँ अपने गांव शहर के उन्हीं इमारतों, उन्हीं सड़कों, उन्हीं लोगों और उन्हीं ... more »

जितेंद्र गोभीवाला- तेरी सर्कस ही अलहदा थी यार

मेरी और जितेंद्र गोभीवाला की पहली मुलाकात आज से करीबन दस पहले हुई थी, जब मैं गांव से बठिंडा शहर पहुंचकर दैनिक जागरण में अपने कैरियर की शुरूआत कर रहा था, और जितेंद्र गोभीवाला की कामेडी भरपूर कैसिट 'कट्टा चोरी हो गया' रिलीज हुई थी। वो छोटी सी मुलाकात, कुछ समय बाद एक अच्‍छी दोस्‍ती में बदल गई। उसका कारण एक ही था, जितेंद्र गोभीवाला का मिलनसार व्‍यवहार और हमारा दोनों का समाज सेवा से लगाव, और एक ही संस्‍था से जुड़ाव। मैं मीडिया लाइन में नया था, और मीडिया वालों का एक टिकाना था 'मेहना चौंक' स्‍थित यूनाइटेड वेलफेयर सोसायटी का ऑफिस या तहसील। यहां पर जितेंद्र से कई बार मुलाकातें हुई। उसको करी... more »

झील से, हवा के बुलबुले निकल रहे थे
नैनीताल झील को साफ रखने के प्रयत्न हो रहे हैं। इस बारे में वहां के उच्च न्यायालय में लोक हित याचिका दायर हुई है। इस चिट्ठी में, उसी के बारे में चर्चा है। नैनीताल झील में नौका विहार करते समय, हम लोगों ने देखा कि झील में कई जगह बुलबुले निकल रहे हैं। पूछने पर हमारे नाव चलाने वाले व्यक्ति शंकर सिंह ने बताया, 'झील का पानी बहुत गंदा हो गया था। इसमें ऑक्सीजन नहीं रह गयी थी। इसलिये मछलियां मर रहीं थीं। झील की सफाई के लिए, उच्च न्यायालय में, एक लोकहित याचिका दायर हुई थी। उसके बाद - २ पावर हाउस बनाये गये हैं जिससे आक्सीजन पानी के अन्दर जगह जगह भेजी जाते है। आप जो यह बुलबुले देख रहे है य... more »

4 टिप्पणियाँ:

HARSHVARDHAN ने कहा…

अच्छी पोस्ट । मेरी नयी पोस्ट :- क्या आप इंटरनेट पर ऐसे मशहूर होना चाहते है ?
को देखने के लिए ब्लॉग पता है :- http://harshprachar.blogspot.com

शिवम् मिश्रा ने कहा…

वाह कुलवंत भाई बड़े दिनों बाद दर्शन मिले आपके ... और क्या खूब मिले ... जय हो !

अब निकलते है ब्लॉग जगत की सैर को आपके लिंक्स के सहारे !

सदा ने कहा…

बहुत बढिया प्रस्‍तुति।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अच्छे सूत्र..

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