प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !
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प्रणाम !
कुछ बहरों को सुनाने के लिए एक धमाका आपने तब किया था ,
एसे ही कुछ बहरे आज भी राज कर रहे है,
हो सके तो आ जाओ !!
एसे ही कुछ बहरे आज भी राज कर रहे है,
हो सके तो आ जाओ !!
शहीद् ए आजम सरदार भगत सिंह जी को उनके १०५ वे जन्मदिवस पर पूरे ब्लॉग जगत की ओर से शत शत नमन |
इंकलाब ज़िंदाबाद !!
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शहीदे आजम रहा पुकार
*("शहीदे आजम"* सरदार भगत सिंह के जन्म दिवस पर श्रद्धांजलि स्वरूप पेश है एक रचना ) जागो देश के वीर वासियों, सुनो रहा कोई ललकार; जागो माँ भारत के सपूतों, शहीदे आजम रहा पुकार | सुप्त पड़े क्यों उठो, बढ़ो, चलो लिए जलती मशाल; कहाँ खो गई जोश, उमंगें, कहाँ गया लहू का उबाल ? फिर दिखलाओ वही जुनून, आज वक़्त की है दरकार; जागो माँ भारत के सपूतों, शहीदे आजम रहा पुकार | पराधीनता नहीं पसंद थी, आज़ादी को जान दी हमने; भारत माँ के लिए लड़े हम, आन, बान और शान दी हमने | आज देश फिर घिरा कष्ट में, भरो दम, कर दो हुंकार; जागो माँ भारत के सपूतों, शहीदे आजम रहा पुकार | कई कुरीति,... more »
उम्रदराज़ लोगों में लिव-इन रिलेशनशिप
जीवन के सांझ का अकेलापन, सबसे अधिक दुखदायी है. इसलिए भी कि जिंदगी की सुबह और दोपहर तो जीने की जद्दोजहद में ही बीत जाती है. सांझ ही ऐसा पडाव है,जहाँ पहुँचने तक अधिकांश जिम्मेदारियाँ पूरी हो गयी होती हैं. जीवन के भाग-दौड़ से भी निजात मिल जाती है और वो समय आता है,जब जिंदगी का लुत्फ़ ले सकें. सिर्फ अपने लिए जी सकें. अपने छूटे हुए शौक पूरे कर सकें. अब तक पति-पत्नी पैसे कमाने ,बच्चों को संभालने....सर पर छत का जुगाड़ और चूल्हे की गर्मी बचाए रखने की आपाधापी में एक दूसरे का ख्याल नहीं रख पाते थे .एक साथ समय नहीं बिता पाते थे.और आजकल उन्नत चिकित्सा सुविधाएं ,अपने खान -पान..स्वास्थ्य के more »
जनसंघर्ष ,विद्रोह और विविधता के कवि -जनकवि नागार्जुन
जनकवि -नागार्जुन समय -[30-06-2011से 05-11-1998] परिचय - नागार्जुन हिंदी कविता में एक विलक्षण कवि हैं |वह जिस खाँचे में फिट बैठते उसका निर्माण या सृजन स्वंय उन्होंने ही किया है |जिस तरह छायावाद के कवियों में प्रसाद ,निराला ,पन्त और महादेवी को महत्वपूर्ण माना जाता है उसी तरह प्रयोगवादी कवियों में शमशेर ,त्रिलोचन ,केदारनाथ अग्रवाल और नागार्जुन को माना जाता है |नागार्जुन किसान ,मजदूरों ,छात्रों के आंदोलनों के साथ -साथ बहुत बड़े राजनीतिक कवि भी माने जाते हैं |जनकवि नागार्जुन रूप और विविधताओं के कवि हैं | जनसंघर्षों के कवि हैं |इनकी कवितायें बिना किसी लाग -लपेट के सीधे व्यवस्था की पीठ पर ... more »
श्रद्धांजलि
टी.सी. चन्दर T.C. Chander at Cartoon News Hindi कार्टून न्यूज़ हिन्दी-कार्टून जगत के समाचार हिन्दी में*कार्टूनिस्ट डॉ. सतीश श्रृंगेरी का निधन* लोकप्रिय कन्नड़ कार्टूनिस्ट और आयुर्वेद चिकित्सक सतीश श्रृंगेरी का आज सुबह (२७ सितम्बर, २०१२ को) फ़ेंफ़ड़ों से जुड़ी संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी आयु केवल ४४ वर्ष थी। कला-कार्टूनकला में उनकी बचपन से ही रुचि रही। अभिनव रामानन्द हाई स्कूल (किग्गा), जो श्रंगेरी के निकट एक दूरस्थ गांव है, में पढ़ाई के दौरान उन्होंने ड्रॉइंग का खूब अभ्यास किया और बहुत से कार्टून-कैरीकेचर बनाए। उन्होंने कार्टून कला सिखाने के लिए भी प्रयास किया। वह श्री जगद्गुरु चंद्रशेखर भारती मे
निदा फ़ाजली के दोहे
सीधा साधा डाकिया जादू करे महान इक ही थैली में भरे आँसू अरु मुस्कान ॥ घर को खोजे रात दिन घर से निकले पाँव वो रस्ता ही खो गया जिस रस्ते था गाँव॥ मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार दिल ने दिल से बात की बिन चिठ्ठी बिन तार॥ बच्चा बोला देखके मस्जिद आलिशान अल्ला' तेरे एक को इत्ता बड़ा मकान॥
ख्वाब तुम पलो पलो
तन्हा कदम उठते नहीं साथ तुम चलो चलो नींद आ रही मुझे ख्वाब तुम पलो पलो आशिक मेरा हसीन है चाँद तुम जलो जलो वो इस कदर करीब है बर्फ़ तुम गलो गलो देखते हैं सब हमें प्रेम तुम छलो छलो जुदा कभी न होंगे हम वक्त तुम टलो टलो दूरियां सिमट गयीं हसरतों फूलो फलो नेह दीप जलता रहे उम्मीद तुम मिलो मिलो
एक अच्छे उद्देश्य के आंदोलन का बुरा अंत
करीब दो साल पहले अन्ना हजारे के दिशा-निर्देश में शुरू हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का जो हश्र हुआ है,वह दुखदाई तो है ही साथ ही करोड़ों देश वासियों की उम्मीदों पर भी पानी फेरने वाला साबित हुआ। आम-लोगों को एक आस बंधी थी कि उनकी मेहनत की कमाई का वह हिस्सा जो टैक्स के रूप में सरकार लेती है और जिसका अच्छा-खासा प्रतिशत बेईमानों की जेब में चला जाता है, उसका जनता की भलाई में उपयोग हो सकेगा। उनको अपना हक पाने के लिए दर-दर भटकना नहीं पडेगा। भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और भ्रष्टाचारियों की नकेल कसी जा सके। रोज-रोज की घोटाले की खबरों और उसमें लिप्त सफेद पोशों के काले चेहरों को देख आम आदमी पूरी त... more »
नौजवान भारत सभा का गठन
भगत सिंह ने 1926 से ही वास्तविक प्रजातंत्र यानी समाजवादी प्रजातंत्र की ओर अपने कदम बढ़ा दिये थे. इसी लक्ष्य के लिए उन्होंने अपने साथी भगवती चरण वोहरा के सहयोग से 'नौजवान भारत सभा' की स्थापना करने का बीड़ा उठाया और यह जानते हुए कि क्रांति का काम देश की आम जनता को संगठित किये बिना सम्भव न होगा, उन्होंने पंजाब में जगह-जगह 'नौजवान भारत सभा' की इकाइयां गठित करने का काम शुरू कर दिया. 'नौजवान भारत सभा' नाम से ऐसा जान पड़ता है कि मानो यह छात्रों-नौजवानों की माँगों के दायरे में काम करने वाला ही संगठन होगा, लेकिन असल में उनका यह संगठन भारत की आज़ादी एवं मजदूरों-किसानों की शोषण-दमन से पूर्ण म... more »
काश,बर्फी के कानों की जांच हुई होती !
आज* टाइम्स ऑफ इंडिया* में मुंबई से छपी एक रिपोर्ट कहती है कि इस बारे में अभी निश्चित रूप से भले कुछ न कहा गया हो कि मोबाइल फोन का बहरेपन से संबंध है अथवा नहीं,मगर डाक्टरों का कहना है कि जो शिकायतें पहले साठ साल से ज्यादा के लोगों में मिलती थीं,अब बीस-पच्चीस साल के युवाओं में भी मिल रही हैं। कान में पैदा हो रही समस्याएं ट्यूमर तक का कारण बन रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मोबाइल से दूर रहने वालों की तुलना में,इसके प्रयोक्ता में ऐसा ट्यूमर होने की संभावना 50 फीसदी ज्यादा होती है। बहरेपन की मूल वजह है वांछनीय स्तर से अधिक तेज़ आवाज़ को अधिक देर तक सुनने की आदत। यदि हम 80 more »
हो रहा भारत निर्माण ( व्यंग्य कविता )
१२ सितम्बर को साहित्य अकादमी , मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद् भोपाल तथा हिंदी विभाग , डॉ हरी सिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय , सागर द्वारा आयोजित ' पद्माकर समारोह ' काव्यपाठ हुआ . जिसमे कई बड़े कवि-कवियत्रियो के साथ मैंने भी अपनी कवितायेँ पढ़ी . उनमे से एक कविता आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ . हो रहा भारत निर्माण ! *ऐ जी , ओ जी , लो जी , सुनो जी * *हम करते रहे जी -जी , वो कर गए 2 जी * *महंगाई का चढ़ा पारा , बिगड़ी वतन की हेल्थ * *सब मिल के खा गए , खेला ऐसा कामनवेल्थ * *दुनिया करे छि-छि , हो कितना भी अपमान * *अबे चुप रहो ! हो रहा भारत निर्माण ..... * *पेट्रोल इतना महंगा , पकड़ो अ... more »
शहीद् ए आजम सरदार भगत सिंह जी की १०५ वी जयंती पर विशेष
*कुछ बहरों को सुनाने के लिए एक धमाका आपने तब किया था ,* *एसे ही कुछ बहरे आज भी राज कर रहे है,* *हो सके तो आ जाओ !! * * * * * *शहीद् ए आजम सरदार भगत सिंह जी को उनके १०५ वे जन्मदिवस पर सभी मैनपुरीवासीयों की ओर से शत शत नमन | * * * *इंकलाब ज़िंदाबाद !! *
आज का ब्लॉग बुलेटिन बस यहीं तक ...
अब आज्ञा दीजिये ...
सादर आपका
जय हिन्द !!
13 टिप्पणियाँ:
शहीद भगत सिंह को शत शत नमन.
बेहतरीन लिंक्स.
इतना बड़ा हो गया हमारा भगत ..... देश की रगों में दीर्घायु भवः
भगत सिंह हम भारतीयों के हृदय में अनंत काल तक अमर रहेंगे | शत शत नमन | मेरी रचना को यहाँ जगह देने के लिए बौट बहुत धन्यवाद |
ज्ञानवर्द्धक लेख और अच्छे लिंक्स के लिए शुक्रिया। मेरे नए पोस्ट "श्रद्धांजलि : सदाबहार देव आनंद" को भी एक बार अवश्य पढ़े। धन्यवाद
मेरा ब्लॉग पता है:- Harshprachar.blogspot.com
शहीदे आज़म रहा पुकार (प्रदीप कुमार साहनी )से जिस ब्लॉग बुलेटिन का आज आगाज़ हुआ है .,उसी में रश्मि रविजा "अपनी उनकी सबकी बातें "में एक नै सामाजिक हलचल से बावास्ता करवातीं हैं .उम्र दराज़ लोगों के लिए सहजीवन .वहीँ सुनहरी कलम लेकर आती है बाबा नागार्जुन को .-कई दिनों तक चूल्हा रोया ,चक्की रही उदास ,स्वास्थ्य चेतना के तहत राध्रा रमण मोबाइल से होने वाले असामयिक श्रवण ह्रास के बारे में चेतातें हैं .
बढ़िया ब्लॉग बुलेटिन बधाई .
आदरणीय भाई शिवम जी आपके लिंक्स बहुत अच्छे हैं |जनकवि नागार्जुन पर मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत -बहुत आभार |
सुन्दर और प्रभावी सूत्र..
बेहतरीन बुलेटिन ......
सभी लिंक्स बढ़िया....
अपनी रचना यहाँ पाकर प्रसन्नता हुई..
आभार आपका
अनु
जब तक हमारे भीतर का भगत सिंह मरा रहेगा,हम शहीदों की चिताओं पर जाकर ही अपने कर्तव्यों की इतिश्री मानते रहेंगे। देश को नया भगत सिंह चाहिए।
शहीद भगत सिंह को शत शत नमन…………सुन्दर लिंक्स्।
बेहतरीन लिंकों सजी सुंदर बुलेटिन,,,,
शहीद भगत सिंह को शत शत नमन
आप सब का बहुत बहुत आभार !
अच्छे लिंक्स संजोये हैं...आभार
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!