एक ठो बांचम बांच पोज |
लीजीए आज फ़िर से आपको हम अपनी चिर परिचित ,...झा जी इश्टाईईल वाली दो लाइना पढवाते हैं , इसी बहाने आपको कुछ खूबसूरत पोस्ट पे टहला के आते हैं , बांचा जाए सरकार
लघु प्रेम कथा -लप्रेक ..
बहुते जोरदार कथा ..बजोक
अन्तर्संबंध :
सुंदर निबंध
पेट्रोल वृद्धि के खिलाफ़ मेरठ में सडक पर उतरेंगे सपाई :
आयं , तो मूल्य वृद्धि के खिलाफ़ फ़िर क्या करेंगे भाई
लाइव आर्ट जैसे शहर में वान गॉग का बिंब :
सुंदर लेखन , यथार्थ का प्रतिबिंब
श्रेष्ठ होने का अहम :
खा जाए यही भ्रम
एक ट्विट्टर टाईम लाईन :
भेरी रोचक , भेरी भेरी फ़ाईन
कौन गुजरा था अभी :
वही जो गया था पहले कभी
बीजेपी वालों को कुछ समझ नहीं आ रहा :
अमां तो कांग्रेस वालों को ही कौन है समझा रहा
कविता:प्रयास करो तो ऐसा :
बिल्कुल नेक , यहां किया है जैसा
महंगे पेट्रोल के लिए थैंक्यू :
गोरमेंट कहेगी सेम टू सेम यू
तभी पढें जब आपके पास प्रमाण पत्र हो :
अमां पोस्ट है कि संसद सत्र हो
खेल नहीं साजिश है आईपीएल :
आज तो निपट लिए , अब देखेंगे कल
एक बार फ़िर मौसम ने ली अंगडाई :
हाय हाय , इहां तो पसीना छूट रहा है भाई
बढे रेट पेट्रोल के नीलकंठ पी जायं :
लेकिन इत्ते सारे हाय नीलकंठ हम कहां से लायं
वैष्णो देवी यात्रा ......एक संस्मरण :
सुंदर पोस्ट , अदभुत चित्रण
सरलमना तिवारी का मनचला खून :
इहे खबर से गर्माया रहा मई और जून
गूगल की एक अनजानी पर उपयोगी सुविधा :
यहीं पहुंच कर पूछिए जो हो मन में दुविधा
यह पश्चिमी हिमालय कहां है :
बिल्कुल न बताएं , बताना मना है
विकलांगता के प्रति हिंदी सिनेमा का रवैया :
जाके खुद देखिए , कैसा है भईया
किस्मत हाथों से गढते हैं ...हाथों की लकीरों से नहीं :
देश चलता है मजदूरों से , मुट्ठी भर अमीरों से नहीं ,
अदब के लठैत :
जैसे विषधर करैत
यात्रा संस्मरण : हरिद्वार ने मन मोह लिया :
इसीलिए तो हमने आपकी पोस्ट को टोह लिया
बाप के खून का प्यासा :
बिटवा ने बना दिया तमाशा
दाग अच्छे हैं :
अगर कच्चे हैं
घास और घसियारा :
दीपक और अंधियारा
भग्नावशेष :
पोस्ट है विशेष
वो गांव कहां है :
यादों में बयां है
दर्द में डूबी उसकी कथा :
हाय सुना दी ,ये किसकी व्यथा
ये क्या हो रहा है बाबा
सब खोल के बैठे अपना ढाबा
कौडी के मोल :
पोस्ट अनमोल
दुर्योधन : शिखंडी की आड में :
चढा दिए कितने बेरी के झाड में
केकेआर की जीत में तेरा क्या है कोलकाता :
हां यही बात कोई नहीं बतलाता
महानगरों में बढते तलाक :
एक झटके से रिश्ते हलाक
हर शब्द में असर होता है :
देर से सही , मगर होता है
ब- से बडा , ब - से -बदतमीज ,
क- से कपडा , क -से- कमीज
पूनम पांडे का न्यूड सपोर्ट
घिना के रख दिहिस टोटल इस्पोर्ट
साइंस से झगडा है , दुश्मनी नहीं
हाय आर्टस वालों से लेकिन कभी बनी नहीं
शरीर को ज़हर भरा बर्तन न बनाएं
संडे के संडे पोलियो ड्राप्स पिलाएं
कहने वाले तो कहते हैं
लिखने वाले लिखते हैं
हाय -तिवाडी का खून निकाल लिया ,
काहे नय उसको कुकर में उबाल दिया
अच्छा जी , अब बहुत दौड ली रेल , अब रेल को दीजीए विश्राम , सबको अपनी राम राम
19 टिप्पणियाँ:
उत्तम प्रयास।
जब हमरा जाए का बारी आ गया है त आप रेल दौड़ा रहे हैं और जब हम पढ़े- लिखे थे माने ब्लॉग सब पढ़ने का टाइम था तब भागल फिरते थे आप!! पता नहीं केतना देख पायेंगे!! अऊर अब त बस लंबा छुट्टी हो गया है!!
ए सर कन्ने जाएंगे आप , आप त दिल में हैं ई साला दिल्ली गुजरात मुंबई कलकत्ता त बस नाम है आ फ़िर नेट है त फ़िर काहे का चिंता । कहिएगा त हम लोग ही चल आएंगे आपके पास । जाइए आ परचम लहराइए । चिंता फ़िकिर नाट करिए । खाली आदेश करिएगा , अकेले ही एक सेना के बराबर पडते हैं , जब ठेमहुनिया अडा के अडते हैं । जाइए एकदम बिंदास हुलस के :)
काहे दिल दुखाने की बात करते है सलिल दादा ... रुकिए हम समझ गए आप ऐसे नहीं मानेगे ... कल बात करते है आपसे फोन पर !
अजय भाई जय हो ... आज तो आप एकदम शॉर्ट नोटिस पर एक्सप्रेस चला दिये है ... जय हो ! देखते है सब लिंक्स एक एक कर के !
खूब दौड़ाए मर्दे।
सलिल साब....कहे को सेंटियाय रहे हो....जब बुलाओगे हम पास मिलेंगे !
अभी दूर हैं क्या ?
झा साहब हमरे डब्बे को अपनी टरेन में लटकाने का आभार !
सुन्दर - सार्थक प्रयास और संकलन अजय भाय
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
http://www.manoramsuman.blogspot.com
http://meraayeena.blogspot.com/
http://maithilbhooshan.blogspot.com/
जोरदार दो पटरी वाली चर्चा अच्छी सजी है . समयचक्र की पोस्ट को स्थान देने के लिए धन्यवाद. ...
ठेलमठेल की जय हो
एक दिन में कितना दौड़ आते हैं आप, आधे से अधिक सूत्र पढ़ना शेष है।
झा जी , गजबे इश्टाईल मा लिखा हौ। इस पुष्पक विमान मा हमरौ डिब्बा लगाये के बड़ा नीक काम किहे हौ । अत्ति बड़ी रेल में जहाँ चढ़े का कौनो जुगाड़ न रहा उहाँ हमरे बईठे का जुगाड़ कई के बहुतै नीक किहो। आभार करित हैं आपन इश्टाईल में-----कहाँ हैं तोहार चरण , तनिक चरण-धूलि तो माथा से लगाये दियो।
behtreen, behatreen :)
दो पटरी पे दौडी रेल ,सुने ता लागा हो गैल ....पर भाई झा जी इश्टाईईल है ....कोई मजाल थोड़े .... भईया जी ईईईश्श्श्माईईईईल तो आनी ही थी लिंक्सवा पढ़ी के .... :D
:-)
बढ़िया बुलेटिन और बढ़िया बुलेटिन की वजह से टिप्पणियां भी शानदार.......
शुक्रिया अजय जी.
अनु
सुंदर प्रस्तुति..आभार
बहुत तेज़ दौडी रेल
अजय जी,
आप भी खूब निगाह रखते हैं।
arey baap rey.... etne saar badhiya-bahiya link ek saath :-)fir to thoda time lagega bhai padhne men filhaal meri post ko yahan sthan dene liye aabhaar...
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!