प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
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बिपिन चंद्र पाल क्रांतिकारी तिकड़ी 'लाल', 'बाल', 'पाल' के अहम किरदार थे जिन्होंने ब्रितानिया हुकूमत की चूलें हिलाकर रख दी थीं। उन्हें गांधी जी के प्रथम आलोचकों में से एक माना जाता है।
बिपिन चंद्र पाल का जन्म सात नवंबर 1858 को हबीबगंज जिले के पोइल गांव में हुआ था, जो वर्तमान में बांग्लादेश में पड़ता है। वह एक शिक्षक, पत्रकार, लेखक और मशहूर वक्ता होने के साथ ही एक क्रांतिकारी भी थे जिन्होंने लाला लाजपत राय [लाल] और बाल गंगाधर तिलक [बाल] के साथ मिलकर अंग्रेजी शासन से जमकर संघर्ष लिया। इतिहासकार सर्वदानंदन के अनुसार इन तीनों क्रांतिकारियों की जोड़ी आजादी की लड़ाई के दिनों में 'लाल', 'बाल', 'पाल' के नाम से मशहूर थी। इन्हीं तीनों ने सबसे पहले 1905 में अंग्रेजों के बंगाल विभाजन का जमकर विरोध किया और इसे एक बड़े आंदोलन का रूप दे दिया।
पाल राष्ट्रवादी पत्रिका 'वंदे मातरम' के संस्थापक भी थे। उन्होंने जब एक विधवा को अपनी जीवनसंगिनी बनाया तो घरवालों से उन्हें जबर्दस्त विरोध का सामना करना पड़ा। बाल गंगाधर तिलक की 1907 में गिरफ्तारी और ब्रिटिश सरकार द्वारा दमन की कार्रवाई शुरू किए जाने के बाद वह इंग्लैंड चले गए, जहां वह 'इंडिया हाउस' से जुड़े और 'स्वराज' पत्रिका की स्थापना की। हालांकि 1909 में मदन लाल ढींगरा द्वारा कर्जन वाइली को मौत के घाट उतार दिए जाने के बाद यह पत्रिका बंद हो गई।
पत्रिका के बंद हो जाने से पाल को लंदन में मानसिक तनाव के दौर से गुजरना पड़ा और नतीजतन वह 'कट्टर चरण' से पूरी तरह दूर हो गए। उन्होंने आजाद देशों का एक संघ बनाने की परिकल्पना का सूत्रपात किया, जो किसी एक देश की सीमा से काफी परे हो। पाल गांधी जी की सबसे पहले आलोचना करने वालों में शामिल थे। जब गांधी जी भारत पहुंचे तब भी उन्होंने उनकी आलोचना जारी रखी। 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में अपने अध्यक्षीय भाषण में पाल ने गांधी जी की खुलेआम तीखी आलोचना की।
उन्होंने गांधी जी की आलोचना करते हुए कहा कि, "आप जादू चाहते हैं। मैंने आपको तर्क देने की कोशिश की। आप मंत्रम चाहते हैं, मैं कोई ऋषि नहीं हूं जो मंत्रम दे सकूं। जब मैं सच जानता हूं तो मैंने कभी आधा सच नहीं बोला। " इसके लिए पाल को भी राष्ट्रवादियों की आलोचना का शिकार होना पड़ा। पाल 1922 में राजनीतिक जीवन से अलग हो गए और फिर कभी इस तरफ मुड़कर नहीं देखा। 20 मई 1932 को उनका निधन हो गया।
प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1958 में पाल की जन्मशती पर उन्हें ऐसा महान व्यक्ति करार दिया जिसने राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही क्षेत्रों में उच्चस्तरीय भूमिका निभाई। पाल को भारत में 'क्रांतिकारी विचारों का जनक' भी कहा जाता है।
बिपिन चंद्र पाल जी की ८० वी पुण्यतिथि पर ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से शत शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि !
सादर आपका
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posted by Mukesh Kumar Sinha at जिंदगी की राहें"अगे मैया मर जइबे" छाती की बढती धड़कन का दर्द या, कभी कभी न पढने का बहाना ! फिर मचा देती थी कोहराम......... मेरी दादी माँ! . आज पूरी रात अथाह परेशानियों के दर्द तले सो जाते हैं सिसकते हुए,...
posted by अमित श्रीवास्तव at "बस यूँ ही " .......अमित'दशक का ब्लॉग' , 'ब्लॉगर का दशक अथवा शतक ' या ' सदी का ब्लॉगर ' , 'नया ब्लॉगर' , 'सबसे वृद्ध ब्लॉगर', 'नवजात शिशु ब्लॉगर', 'अभिमन्यु ब्लॉगर' ( जो गर्भ से ही ब्लागिंग सीख ले ) या 'सबसे खूबसूरत चेहरे वाला ब्...
posted by अनामिका की सदायें ...... at अनामिका की सदायें ...आज १८ मई पर ये चंद शब्द मेरे पापा की ११ वीं बरसी पर .....एक बेटी की बातें अपने पापा से ...... पापा देखो ना आज मैं कितनी सायानी हो गयी हूँ. आँखों में नमी नहीं आने देती सदा मुस्कुराती हूँ. सबके चेहरों ...
posted by महेन्द्र मिश्र at समयचक्रभीषण का गर्मी का दौर शुरू हो गया है . इस समय 40 डिग्री से अधिक का तापमान चल रहा है . गर्मी के कारण नेट पर बैठने का मन नहीं होता है . सोच रहा हूँ था की प्राकृतिक ओर आध्यात्मिक शांति की तलाश में कहीं दूर ठन...
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
15 टिप्पणियाँ:
क्रांतिकारी विचारधारा की एक अनन्य विभूति से आज की बुलेटिन की शुरुआत इस मंच की शान में चार चांद लगा रहे हैं। मुझे तो लगता है कि कुछ खास नीतियों के तहत ऐसे सपूतों को एक एक कर भुलाये जाने की साजिश चल रही है। इस ब्लॉग पर आए दिन मैं पाता रहा हूं, कि आप हमें उनकी याद दिलाते रहे हैं।
विनम्र श्रद्धांजलि।
आज की बुलेटिन में लिंक्स के विविध रूप मिले। मुझे स्थान दिया गया, इसके लिए आभारी हूं।
लाल-बाल-पाल के श्री बिपिन चंद्र पाल की पुण्यतिथि पर नमन और श्रद्धांजलि! आपका आभार!
बढ़िया अंदाज चर्चा का .विपिन चन्द्र पाल के बारे में सार्थक जानकारी.उन्हें शत शत नमन.
बहुत बढ़िया बुलेटिन ...!बिपिन चंद्र पल जी के विषय में सुंदर जानकारी और सार्थक लिंक्स भी ....!!
आभार शिवम ...!!
विभिन्नताओं से भरा संकलन | उम्दा प्रस्तुति | आभार सहित |
आपका अंदाज निराला होता है भाई ,कई बार से स्वास्थ्य-सम्बन्धी जानकारी रहती थी .... इस बार क्रन्तिकारी लाल की .... देशभक्त-सच्चे सपूत को मेरा नमन .... !! उम्दा पसंद की प्रस्तुति अद्वितीय .... !!
देश के कर्णधारों की स्मृति आप नहीं भूलते, सलाम आपको
स्वतंत्रता रक्षक पाल की पुण्यतिथि पर विरोचित श्रद्धांजलि!!
आदरेय प्रस्तुति!! आभार
Avgat hua.Aabhar sweekar karen.
मिसर जी ,
आपके इस हुनर के हम बहुत कायल हैं । सच में ही आज" लाल बाल पाल " को याद करने की फ़ुर्सत इस देश में कहां है किसी को और अब तो धीरे धीरे सब कुछ पीछे छोडते जा रहे हैं सब । बहुत बहुत आभार इस नायक को याद करने और कराने के लिए । लिंक्स सभी उम्दा हैं । आते हैं पोस्टों पर टहल के
बिपिन चन्द्र पाल की पुण्य तिथि पर सार्थक पोस्ट ।
विनम्र श्रधांजलि ।
अच्छे लिंक्स दिए हैं , आभार ।
Bahut bahut abhari hun samayachakr ki post ko sthaan dene ke liye ... charcha men achchhe prabhavi link mile..
आप सब का बहुत बहुत आभार !
lal-bal-pal ji ke baare me vistrit jankari dene ke liye bahut bahut dhanywad. sach kah rahe hain manoj ji ki shayad inko bhulane ki sajish chal rahi hai.
bahut acchhe rango se sajaya hai is buletin ko. meri rachna ko yaha sthan dene k liye aabhari hun.
lal-bal-pal ke shri Vipin Chandra Pal ke baare me batane ke liye bahut bahut dhanyawad... pyare links...
mujhe bhi sthan dene k liye dhanyawad!
बिपिन चन्द्र पाल की पुण्य तिथि पर विनम्र श्रधांजलि अच्छे लिंक्स हैं सार्थक पोस्ट आपका बहुत बहुत आभार !
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