प्रिय ब्लोगर मित्रो ,
प्रणाम !
मेरे एक मित्र एक कंपनी में मेडिकल रिप्रजेन्टिव (एम.आर.) हैं। सुबह 9 बजे से उनकी दिनचर्या शुरू हो जाती है और रात 9.30 बजे ही वह घर वापस आ पाते हैं। नाश्ते में चाय के साथ ब्रेड लेने के बाद वह दिन भर अपने व्यवसाय की आपाधापी में मशगूल रहते हैं। व्यस्तता व भागमभाग वाली दिनचर्या के कारण दिन में भूख लगने पर वह जहा किसी जगह खाने-पीने की दुकान देखते हैं, वहीं कुछ खा लेते हैं। लगभग दो साल से वह इसी दिनचर्या पर अमल कर रहे थे कि एक दिन मोटर साइकिल चलाते वक्त उनके पेट में तेज दर्द उठा। उन्होंने डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने उन्हें पेट में एसीडिटी व गैस बनने की शिकायत बतायी। डॉक्टर की राय में उन को खानपान में चिकनाईयुक्त व गरिष्ठ खाद्य पदार्र्थो से परहेज करना चाहिए और उन्हें हल्का व पाचक भोजन ग्रहण करना चाहिए। हाँ कभी-कभार बाहर खाने की बात अलग है।
इन बातों पर करें अमल
-मार्केटिंग या फिर दिनभर भाग-दौड़ से सबधित व्यवसाय से जुड़े लोगों को ब्रेक फास्ट पर खास ध्यान देना चाहिए। ब्रेकफास्ट में दलिया या फिर दही, सब्जी व रायता के साथ पराठा ले सकते हैं। कुल मिलाकर नाश्ता अच्छी तरह से करने के बाद ही घर से निकलें।
-ऐसे लोगों को भागदौड़ के कारण पसीना कुछ ज्यादा निकलता है। इसलिए इन लोगों को नींबू पानी, नारियल पानी आदि तरल पदार्थ पर्याप्त मात्रा में लेते रहना चाहिए।
- इन लोगों को अपने पास स्नैक्स, केला, भुना चना और बिस्किट्स आदि अपने पास किसी बॉक्स में ढंग से रखना चाहिए। वैसे भी मौजूदा मौसम में इधर-उधर का खाना खाने से डायरिया या पेट से सबधित अन्य बीमारियों के होने का जोखिम बढ़ जाता है।
-चिकनाईयुक्त व अत्यधिक वसायुक्त खाद्य वस्तुओं से परहेज करें।
-डिब्बाबद वस्तुओं से परहेज करें।
-खीरा, ककड़ी आदि मौसमी फलों को ग्रहण करें।
-मौजूदा मौसम में आवले का मुरब्बा व गुलकंद का सेवन लाभप्रद है। स्वच्छतापूर्वक तैयार की गयी लस्सी व गन्ने का रस पीना लाभप्रद है।
अब काम काज तो तभी ठीक से चलेगा न जब हम खुद ठीक से चलेंगे ... है कि नहीं ?
सादर आपका
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
20 टिप्पणियाँ:
बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
इंडिया दर्पण की ओर से शुभकामनाएँ।
शिवम् जी , बहुत सुन्दर प्रस्तुति...मेरी रचना को शामिल करने के लिए कोटि-कोटि धन्यवाद
वाह बढिया बुलेटिन लगाए……… आभार
आपने मेरे ब्लॉग को स्थान दिया। अच्छा लगा। आभार।
मिसर जी । असल में तो बुलेटिन की सार्थकता आपके मास्टर स्ट्रोक से ही बनती है जब आप प्रस्तावना में हर बार बहुत ही उपयोगी जानकारी ,सूचना आदि पाठकों के साथ साझा करते हैं । तिस पर सुंदर लिंकों का चयन तो सोने पर सुहागा जैसा होता है । बहुत खूब जमाए रहिए और बुलेटिन बांचते चलिए ।
"फ़ेसबुक " की पोस्ट को स्थान देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया और आभार
बढ़िया बुलेटिन ,.....
MY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...
काम की बातें और रोचक लिंक्स .बढ़िया बुलेटिन.
व्यवसायिक लोगों के लिए सही सलाह । हालाँकि बाकि सभी पर भी लागु होती है ।
बढिया बुलेटिन....
बढिया बुलेटिन बढिया लिंक्स
शिवम जी,
मेरे ब्लॉग की पोस्ट 'क्या बनेँ पलायनवादी या आशावादी' को अपने ब्लॉग पर स्थान देने हेतु आपका शुक्रिया।
हम भी घर से अच्छी तरह से खाकर ही निकलते हैं।
आप सब का बहुत बहुत आभार !
आभार व्यक्त करने के पहले .... मेरा तो इन्तजार कर लेते भाई .... :O
अब काम काज तो तभी ठीक से चलेगा न जब हम खुद ठीक से चलेंगे ... बिल्कुल सही भाई .... :)
bahut sunder links......sath hi dhanybad bhi.
एक सेहत हज़ार नियामत!! अच्छी जानकारी!!
बहुत ज्ञानवर्धक जानकारियों के लिए ब्लॉग बुलेटिन का आभार और मेरी रचना को स्थान देने के लिए भी कोटि कोटी आभार ।
शुक्रिया शुक्रिया
Shivam ji, thanks for providing lovely links...
bahut gyanwardhak bulletin sajaya hai ,saath hi manoranjak bhi .
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