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सोमवार, 26 फ़रवरी 2018

वीर सावरकर और ब्लॉग बुलेटिन

सभी हिन्दी ब्लॉगर्स को सादर नमस्कार। 
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विनायक दामोदर सावरकर (अंग्रेज़ी:Vinayak Damodar Savarkar, जन्म- 28 मई, 1883, भगूर गाँव, नासिक; मृत्यु- 26 फ़रवरी, 1966, मुम्बई, भारत) न सिर्फ़ एक क्रांतिकारी थे बल्कि एक भाषाविद, बुद्धिवादी, कवि, अप्रतिम क्रांतिकारी, दृढ राजनेता, समर्पित समाज सुधारक, दार्शनिक, द्रष्टा, महान् कवि और महान् इतिहासकार और ओजस्वी आदि वक्ता भी थे। उनके इन्हीं गुणों ने महानतम लोगों की श्रेणी में उच्च पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया।

वीर सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था। अंग्रेज़ी सत्ता के विरुद्ध भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले विनायक दामोदर सावरकर साधारणतया वीर सावरकर के नाम से विख्यात थे। वीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को नासिक के भगूर गाँव में हुआ। उनके पिता दामोदरपंत गाँव के प्रतिष्‍ठित व्यक्तियों में जाने जाते थे। जब विनायक नौ साल के थे तभी उनकी माता राधाबाई का देहांत हो गया था। विनायक दामोदर सावरकर, 20वीं शताब्दी के सबसे बड़े हिन्दूवादी थे। उन्हें हिन्दू शब्द से बेहद लगाव था। वह कहते थे कि उन्हें स्वातन्त्रय वीर की जगह हिन्दू संगठक कहा जाए। उन्होंने जीवन भर हिन्दू हिन्दी हिन्दुस्तान के लिए कार्य किया। वह अखिल भारत हिन्दू महासभा के 6 बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। 1937 में वे 'हिन्दू महासभा' के अध्यक्ष चुने गए और 1938 में हिन्दू महासभा को राजनीतिक दल घोषित किया था। 1943 के बाद दादर, मुंबई में रहे। बाद में वे निर्दोष सिद्ध हुए और उन्होंने राजनीति से सन्न्यास ले लिया।


आज वीर सावरकर जी की 52वीं पुण्यतिथि पर हम सब उन्हें शत शत नमन करते हैं।


~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~












आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।

5 टिप्पणियाँ:

Anita ने कहा…

विनायक दामोदर सावरकर को सादर श्रद्धांजलि ! सुंदर सूत्रों से सजा बुलेटिन..आभार !

कविता रावत ने कहा…

बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ...

Prabhat Singh Rana 'bhor' ने कहा…

बुलेटिन में कविता को स्थान देने हेतु आभार!

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

शुक्रिया भाई ।

Vinay ने कहा…

thanks, ek se ek links!

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