Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 30 जनवरी 2018

दूल्हे का फूफा खिसयाना लगता है ...

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज-कल जिनके घर शादी होती है वो भी अलग WhatsApp ग्रुप बनाने लगे हैं और इन ग्रुप में होती हैं कुछ मज़ेदार बातें ... आइये जानें क्या - क्या होता है ...

चाय बन गयी है, सब आ जाओ।

फेरे चालू हो गए, जल्दी पहुँचों।

मौसा जी आप कहाँ हो मंडप में पहुंचो।

मामा जी, दूल्हे का कोट कहाँ है?

और इसी बीच फूफा जी ने ग्रुप छोड़ दिया।

क्योंकि उनको किसी ने अभी तक पूछा ही नहीं है।

सादर आपका

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

6 टिप्पणियाँ:

Manish Kumar ने कहा…

हा हा मजेदार !

Dr Kiran Mishra ने कहा…

आभार।

Sadhana Vaid ने कहा…

रोचक बुलेटिन ! आज के इस बुलेटिन में मेरी 'उलझन' को सम्मिलित करने के लिए आभार शिवम् जी !

कविता रावत ने कहा…

बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ..

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

फूफा और जवाई, इनसे बच कर रहना भाई !

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति।

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार