Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 14 सितंबर 2017

हिन्दी ध्वजा फहराने का, दिल में एक अरमान रहे - ब्लॉग बुलेटिन

नमस्कार दोस्तो,
आज, १४ सितम्बर, हिन्दी दिवस मनाया जा रहा है। हमारे देश में आज के दिन हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है, ये आप सबको पता है (अच्छे से पता होगा क्योंकि हर साल दिवस, सप्ताह, पखवाड़ा, माह के नाम पर अच्छे से रटवा दिया जाता है), हमें भी पता है। जब पता ही है तो फिर इस पर चर्चा नहीं। अब आज के दिन यदि हिन्दी पर ही चर्चा नहीं तो किस पर चर्चा? तो चर्चा न करते हुए हिन्दी पर स्व-रचित कविता.... आप सबके लिए। पढ़िए इसे और आनंद लीजिये आज की बुलेटिन का।


++
  
अपनी धरती, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा का अभिमान रहे।
हिन्दी ध्वजा फहराने का, दिल में एक अरमान रहे।।

दिव्य-दिव्य कंठों से मुखरित,
संस्कृत की संस्कृति से पल्लवित,
युगों-युगों से जो है सुरभित,
जन-जन में है जो प्रतिष्ठित,
उस गौरव गाथा का, पल-पल हमको भान रहे।
हिन्दी ध्वजा फहराने का, दिल में एक अरमान रहे।।

वाणी सूर कबीर तुलसी की,
दिव्य ज्ञान है आज भी देती,
प्रसाद निराला और महादेवी,
हैं कितने ही भाषा के प्रहरी,
हिन्दी भाषी आभामण्डल, बना सदा दैदीप्यमान रहे।
हिन्दी ध्वजा फहराने का, दिल में एक अरमान रहे।।

धर्म कर्म ज्ञान योग में समृद्ध,
वैभव निज भाषा का उन्नत,
सोचो क्यों कर बैठे विस्मृत,
बिन निजता क्या होंगे विकसित,
संस्कार और मर्यादा की, बनी हमेशा शान रहे।
हिन्दी ध्वजा फहराने का, दिल में एक अरमान रहे।।

ज्ञानदायिनी उनकी भाषा
दुष्प्रचार में लगे हुए हैं,
जिससे सीखा सकल विश्व ने
उस भाषा को भुला रहे हैं,
ओढ़ आवरण गैरों का हम
खुद अपने को मिटा रहे हैं,
लिए खड़े हैं बैशाखी और
धोखा है कि दौड़ रहे हैं,
एक राष्ट्र और एक निशान की, अपनी एक पहचान रहे।
हिन्दी ध्वजा फहराने का, दिल में एक अरमान रहे।।

++++++++++













6 टिप्पणियाँ:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

अरमान पूरा करने को हम सब कटिबद्ध रहें

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह ... बहुत सुन्दर रचना और आज का बुलेटिन ...

विकास नैनवाल 'अंजान' ने कहा…

रुचिकर लिंक्स को संकलित किया है। आभार।
duibaat.blogspot.com

कविता रावत ने कहा…

हिंदी दिवस पर बहुत अच्छे लिंक्स...

संगीता पुरी ने कहा…

हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं।

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार