नवरात्री मे अष्टमी का सर्वाधिक महत्व है| इसी दिन काली, महाकाली, भद्रकाली, दक्षिणकाली तथा बिजासन माता का पूजन किया जाता है| वास्तव मे इन्हे कुल की देवी माना जाता है|
ऐसा भी माना जाता है कि अष्टमी और नवमी के बदलाव वाले समय मे माँ दुर्गा अपनी शक्तियों को प्रगट करती है जिसके लिए एक विशेष प्रकार की पूजा की जाती है| जिसे चामुंडा की सांध्य पूजा के नाम से जाना जाता है|
“या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: “|| मंत्र के साथ आइये हम भी गौरी की आराधना करें, उनका श्रृंगार करें ताकि हमारे जीवन में सौंदर्य रहे, सुख रहे, शक्ति का संचार होता रहे ...
एक बात स्मरण रहे, शक्ति हताशा से ही उभरती है
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कविता "जीवन कलश": किंकर्तव्यविमूढ
अपना सारा कुछ
ऊँगलियों को
बाँट दिया..
और..ऊँगलियों ने
धीरे-धीरे
सब कुछ
निकालकर
डायरी के पन्नों में
डाल दिया..
अब बाँटने जैसा
कुछ भी नहीं है
मेरे पास
तुम्हें दे सकूँ
ऐसा कुछ भी
नहीं है मेरे पास ..
ऊँगलियों को
बाँट दिया..
और..ऊँगलियों ने
धीरे-धीरे
सब कुछ
निकालकर
डायरी के पन्नों में
डाल दिया..
अब बाँटने जैसा
कुछ भी नहीं है
मेरे पास
तुम्हें दे सकूँ
ऐसा कुछ भी
नहीं है मेरे पास ..
"और ये त्रिशूल "
"और इस त्रिशूल से उनको सबक सिखाना जो तुम्हारे साथ बदतमीजी करते हैं। जानती हो, महिषासुर राक्षस का वध माता सरस्वती ने ही किया था।"
"हाँ, अवश्य मारूँगी उन्हें..." एक दृढ़ शक्ति झाँक रही थी उसकी आँखों में
"और इस त्रिशूल से उनको सबक सिखाना जो तुम्हारे साथ बदतमीजी करते हैं। जानती हो, महिषासुर राक्षस का वध माता सरस्वती ने ही किया था।"
"हाँ, अवश्य मारूँगी उन्हें..." एक दृढ़ शक्ति झाँक रही थी उसकी आँखों में
जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा शिवा क्षमा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते
जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतापहारिणि ।
जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते
महिषासुरनिर्नाशि भक्तानां सुखदे नमः ।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
विजयदशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें।
प्रभु श्रीराम और माँ दुर्गा से राष्ट्र कल्याण की कामना है।
प्रभु श्रीराम और माँ दुर्गा से राष्ट्र कल्याण की कामना है।