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बुधवार, 14 दिसंबर 2016

2016 अवलोकन माह नए वर्ष के स्वागत में - 30




वर्ष का अवलोकन अपने परचम फहरा रहा हो और गुंजन झांझरिया चुनिया सी न दिखें, इस रंगमंच को मंजूर नहीं था, तो आ गई चुनिया अपने अंदाज में, 
... 
लड़कियाँ होती हैं पायल सी 
रुनझुन रुनझुन संगीत सी 
सरगम सी घर के प्यानों पर मचलती हैं 
उनकी गुनगुनाहट से घर अंगड़ाइयाँ लेता है 
कोई मुसाफिर रुक जाता है 
यह देखने को 
इस घोसले में कौन सी गौरैया है 

मिलिए


Gunjan Jhajharia से 
ये लड़कियां ,
जो चिड़िया सी चहचहाती हैं,
जो नखरें दिखाती हैं,
लटके-झटके दिखा कर,
यूँही मुस्कुराती हैं,
चिढ़ती हैं,
उधम मचाती हैं,
मुँह बना-बना कर,
सबकी परेशानी बढाती हैं।
ये लड़कियां,
वही हैं,
जो बहुत सुंदर है,
लड़कों का जी-चुराती हैं,
अपनी बात बड़े तर्क के साथ कहती हैं,
ये समाज बदलने की बात करती हैं,
पुरानी रीतियों को ख़त्म करने का आगाज़ करती हैं,
ये लड़कियां,
जो बहुत नाज़ुक सी दिखती हैं,
बड़े-बड़े मसलों को चुटकियों में उड़ाती हैं,
समाज का अचार डाल,
चटखारे भरती हैं,
ये सड़क पर गोल-गप्पे खाती है,
लेकिन हैण्ड-सैनिटाइजर भी लगाती हैं,
अधिकारों की बात बताती हैं,
आगे होकर खुद अपने निर्णय सुनाती हैं,
बहस करती हैं,
फैशन करती हैं,
रोती हैं, धोती हैं,
लिप्-बाप पानी संग पीती हैं,
इन्हें शॉट्स पसंद हैं,
रात भर सड़कों पर यूँही घूमना पसंद है,
खुद को शीशे में निहारना पसंद है,
ये हिलेरी -ट्रम्प की बात करती हैं,
पड़ोसन की बकवास सुनती हैं,
ये हर महीने के 5 दिन दर्द सहती हैं,
ये गजब की लड़कियां हैं,
हिम्मत की परिभाषा,
सुन्दरता की मूरत हैं,
हील्स पर नाचती गुड़िया हैं,
ये लड़कियां,
चोको फिल वाले बिस्किट के जैसे,
भीतर से मीठी-नरम,
बाहर से क्रंची कुरकुरी सी हैं,
ये लड़कियां,
उड़ना जानती हैं,
उड़ाना भी,
प्रेम जानती हैं,
डराना भी,
हुड़दंग जानती हैं,
मासूमियत भी,
परफ्यूम लगाती हैं,
काजल भी,
ये लड़कियां रंग वाली रौशनी हैं,
चमकती भी हैं,
बिखरती भी हैं,
बस टूटती नहीं,
झुकती नहीं हैं ये लड़कियां।

4 टिप्पणियाँ:

गुंज झाझारिया ने कहा…

धन्यवाद दी।।।। :*

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

वाह ।

Asha Joglekar ने कहा…

Wah ye ladkiyan hoti hain Kamal ki,
Baten karti hain,Samj ke Har Hal ki,
Apani,tumhari,iski,uski,jagki,Ghar ki Gali mohlle ki
Khabar rakhti hain ameer ki kanga ki,
Ye ladiyan..

Asha Joglekar ने कहा…

Wah ye ladkiyan hoti hain Kamal ki,
Baten karti hain,Samj ke Har Hal ki,
Apani,tumhari,iski,uski,jagki,Ghar ki Gali mohlle ki
Khabar rakhti hain ameer ki kanga ki,
Ye ladiyan..

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