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गुरुवार, 15 दिसंबर 2016

2016 अवलोकन माह नए वर्ष के स्वागत में - 31




फिरकी सी दिन भर घूमती माँ 
नहीं थकती 
अपने बच्चे के सपनों के लिए 
नहीं ऊबती उनके सवालों से 
बड़बड़ाती ज़रूर है 
पर उनकी हर लापरवाही को 
सहेजकर रखती जाती है 
माँ से कहने की देर है 
वह अलादीन के चिराग से निकले
 जिन्न से भी अधिक तेज होती है 

हाहा चाचा चौधरी से भी तेज :)

अवलोकन की इस सीढ़ी पर हैं प्रियदर्शिनी तिवारी 



मां ,कहां से शुरू करूं ..कुछ समझ में नहीं आ रहा ..तुम्हारे बारे में कुछ लिखना बहुत मुश्किल है ..तुम क्या हो ..सिर्फ़ वही लोग जान सकते है ..जो तुमसे किसी न किसी रूप मै जुडे हुए है ..तुम जैसा दूसरा कोई है ही नहीं .जब तुम्हारे बारे में सोचती हूं ,तो समझ ही नहीं पाती हूं .कैसे तुमने हम सब को इतने लाड-प्यार से पाला..तुम आठ-आठ घंटे स्कूल संभालती..घर संभालती. और हमारे यहां के मेहमान,रोज़ के  जुलने वाले .कितने लोग आते थे ..तुम सब का कितना खयाल करतीं ,आवभगत करतीं .जो अभी भी कर रही हो ..और हम सब की देखभाल के बारे में क्या कहूं सबकुछ कितने प्यार और अनुशासित तरीके से किया है तुमने ..हमने कभी तुम्हें किसी पर खीझते,डांटते-फ़टकारते नहीं देखा .बडे से बडी समस्या मुस्कुराते हुए तुमने हल की है ...
         तुम्हारी अपनी परेशानी क्या है .चाहे वो शारीरिक ,मानसिक या आर्थिक ..कैसी भी हो तुमने कभी हम पर जाहिर नहीं होने दी ...हमने कभी तुम्हे थका हुआ ,निराश या परेशान नहीं देखा ..बचपन से लेकर आज तक ,जब भी मै किसी तकलीफ़ में होती हूं बस ..तुम्हें बता देती हूं .जानती हो तुम्हें बताते ही मेरी हर तकलीफ़ गायब हो जाती है ...तुम हमारे लिये किसी जादुई परी से कम नहीं, .ईश्वरसे बढकर भी कह सकती हूं ..उससे तो प्रार्थना भी करनी पडती है ...
          जानती हो मां,तुम बहुत ज्यादा खूबसूरत हो ..मै यह सब इसलिये नहीं लिख रही .क्योंकि मै तुम्हारी बेटी हूं.,नहीं ..तुम सच में दुनिया की सबसे खूबसूरत मां हो ..जब हम छोटे थे..,तुम स्कूल से घर वापस लौटतीं थीं ..हम दूर से तुम्हें आते हुए देखते थे ..लंबा कद ,चमकदार गोरा रंग..,लंबे बाल.,बडी लाल बिंदी..सलीके से.पहनी हुई साडी..और गर्वीली चाल..तुम्हें देखकर हमें अपनेआप पर गर्व होने लगता था.
          हमने कभी भी तुम्हें एक पल के लिये .किसी पर आश्रित होते नहीं देखा..गजब का आत्मविश्वास और साहस है तुममें ..तुम्हारे जैसे स्वभाव का कोई भी व्यक्ती मज़बूरीवश ,पलभर के लिये भी..किसी की मदद लेता है ..,तो हम सब समझते हैं ..ऐसा करने में उसे कितनी तकलीफ़ होती है ...और यह सब देखने में हमें भी बहुत तकलीफ़ होती है ..
        मां ,तुम हमेशा जैसी हो वैसी ही रहना ..भले ही मदर्स डे आज हो ..पर हम सब रोज़ ही तुम्हारे लिये प्रार्थना करते हैं ...हैप्पी मदर्स डे ..मम्मा.......

4 टिप्पणियाँ:

priyadarshini ने कहा…

आभारी हूँ , .. शुक्रिया।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

हैप्पी मदर्स डे । बहुत खूब ।

कविता रावत ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति ..

आनन्द वर्धन ओझा ने कहा…

बहुत मर्मस्पर्शी...

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