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रविवार, 24 जुलाई 2016

डिग्री का अटेस्टेशन - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

एक बार मैनपुरी दौरे के दौरान, एक छात्र ने मुलायम सिंह जी से शिकायत की : "सर जी, आप ने मैनपुरी को कटौती रहित बिजली सप्लाई के आदेश करवाए हुये हैं फिर भी बिजली नहीं आती ... हम लोगों की पढ़ाई नहीं हो पाती ... कुछ जुगाड़ हो जाती तो ..."

मुलायम सिंह जी : "हम नितीश कुमार जी से कह के कुछ इंतजाम करवाते हैं।"

छात्र: "बिजली का?"

मुलायम सिंह जी : "नहीं, तुम्हारी डिग्री का।"

छात्र: "वो तो ठीक है पर डिग्री केजरीवाल जी से अटेस्ट जरूर करवा देना, बाद में कोई लफड़ा नहीं चाहिए मुझे ... जैसा स्मृति जी या मोदी जी के साथ हुआ !!"

(कृपया लतीफ़े को लतीफ़ा समझ कर ही आनंद लें ... राजनीतिक भावनाओं के आहात होने की स्थिति में आप स्वंय जिम्मेदार होंगे !!)

सादर आपका

7 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

राजनीति में होना और भावना भी होना कुछ अटपटा नहीं है क्या ? और राजनीति में नहीं होना और आहत हो लेना ज्यादा अच्छा नहीं है क्या ? :) :)

सुन्दर प्रस्तुति ।

Sadhana Vaid ने कहा…

सुन्दर सार्थक बुलेटिन ! मेरी पोस्ट 'एक कहानी' को आज के बुलेटिन में सम्मिलित करने के लिये धन्यवाद एवं आभार आपका शिवम जी !

Archana Chaoji ने कहा…

मुझे शामिल करने के लिए आभारी हूँ

yashoda Agrawal ने कहा…

वाह..
आप मुझसे ज़ियादा पढ़ते हैं
आपकी चुनी रचनाएँ सटीक हैं
बाकी भी पढूँगी..
सादर

Jyoti Dehliwal ने कहा…

बहुत बढिया लतिफा। मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, शिवम्‌ जी।

कविता रावत ने कहा…

जुगाड़ पर जुगाड़ ..बहुत अच्छी सामयिक प्रस्तुति के साथ बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

शानदार लिंक्स हैं शिवम. बधाई.

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