सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
भगवती चरण वोहरा का जन्म 4 जुलाई 1903 में आगरा में हुआ था। उनके पिता शिव चरण वोहरा रेलवे के एक उच्च अधिकारी थे। बाद में वे आगरा से लाहौर चले आये। उनका परिवार आर्थिक रूप से सम्पन्न था। भगवती चरण की शिक्षा-दीक्षा लाहौर में हुई। उनका विवाह भी कम उम्र में कर दिया गया। पत्नी का नाम दुर्गा था। बाद के दौर में उनकी पत्नी भी क्रांतिकारी कार्यो की सक्रिय सहयोगी बनी। उन को क्रान्तिकारियो द्वारा दिया गया " दुर्गा भाभी " सन्बोधन एक आम सन्बोधन बन गया।
लाहौर नेशनल कालेज में शिक्षा के दौरान भगवती चरण ने रुसी क्रान्तिकारियो से प्रेरणा लेकर छात्रो की एक अध्ययन मण्डली का गठन किया था। राष्ट्र की परतंत्रता और उससे मुक्ति के प्रश्न पर केन्द्रित इस अध्ययन मण्डली में नियमित रूप से शामिल होने वालो में भगत सिंह , सुखदेव आदि प्रमुख थे। बाद में चलकर इन्ही लोगो ने नौजवान भारत सभा की स्थापना की। पढाई के दौरान 1921 में ही भगवती चरण गांधी जी के आह्वान पर पढाई छोडकर असहयोग आन्दोलन में कूद पड़े थे। साभार - अमर शहीद भगवती चरण वोहरा जी की ११३ वीं जयंती
आज भारत के महान क्रांतिकारी और अमर शहीद भगवती चरण वोहरा जी 113वीं जयंती पर पूरा देश उन्हें याद करते हुए...विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते है। सादर।।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर....
धरोहर और गफलत
संसार का पहला चिड़ियाघर किसने और कहां बनवाया था?
प्रमोशन और साहित्य का संकट
दवा भी है पानी
डाक्टर हेगड़े जैसे चिकित्सक चाहिए
प्रकृति, पर्यावरण और हम : इन्सान ही प्रश्न और इन्सान ही उत्तर
नजरिया सुधारिये सरकार, सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह, पेंशन बोझ नहीं है
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की कहानी 'टॉमी पीर'
गाँव की बारिश
बंगलादेश में विदेशी अब सुरक्षित रहेंगे
स्वामी विवेकानंद जी की ११४ वीं पुण्यतिथि
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे, तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर...अभिनन्दन।।
भगवती चरण वोहरा का जन्म 4 जुलाई 1903 में आगरा में हुआ था। उनके पिता शिव चरण वोहरा रेलवे के एक उच्च अधिकारी थे। बाद में वे आगरा से लाहौर चले आये। उनका परिवार आर्थिक रूप से सम्पन्न था। भगवती चरण की शिक्षा-दीक्षा लाहौर में हुई। उनका विवाह भी कम उम्र में कर दिया गया। पत्नी का नाम दुर्गा था। बाद के दौर में उनकी पत्नी भी क्रांतिकारी कार्यो की सक्रिय सहयोगी बनी। उन को क्रान्तिकारियो द्वारा दिया गया " दुर्गा भाभी " सन्बोधन एक आम सन्बोधन बन गया।
लाहौर नेशनल कालेज में शिक्षा के दौरान भगवती चरण ने रुसी क्रान्तिकारियो से प्रेरणा लेकर छात्रो की एक अध्ययन मण्डली का गठन किया था। राष्ट्र की परतंत्रता और उससे मुक्ति के प्रश्न पर केन्द्रित इस अध्ययन मण्डली में नियमित रूप से शामिल होने वालो में भगत सिंह , सुखदेव आदि प्रमुख थे। बाद में चलकर इन्ही लोगो ने नौजवान भारत सभा की स्थापना की। पढाई के दौरान 1921 में ही भगवती चरण गांधी जी के आह्वान पर पढाई छोडकर असहयोग आन्दोलन में कूद पड़े थे। साभार - अमर शहीद भगवती चरण वोहरा जी की ११३ वीं जयंती
आज भारत के महान क्रांतिकारी और अमर शहीद भगवती चरण वोहरा जी 113वीं जयंती पर पूरा देश उन्हें याद करते हुए...विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते है। सादर।।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर....
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2 टिप्पणियाँ:
मेरा ब्लॉग सम्मीलित करने के लिए धन्यवाद!!
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
भगवती चरण वोहरा जी को विनम्र श्रद्धांजलि!
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