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शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

२२ जुलाई - राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

 
भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी। इसे १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व २२ जुलाई, १९४७ को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था। इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं , जिनमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात २:३ है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें २४ अरे होते हैं। इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है व रूप सम्राट अशोक की राजधानी सारनाथ में स्थित स्तंभ के शेर के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले की तरह होता है।
सरकारी झंडा निर्दिष्टीकरण के अनुसार झंडा खादी में ही बनना चाहिए। यह एक विशेष प्रकार से हाथ से काते गए कपड़े से बनता है जो महात्मा गांधी द्वारा लोकप्रिय बनाया था। इन सभी विशिष्टताओं को व्यापक रूप से भारत में सम्मान दिया जाता हैं भारतीय ध्वज संहिता के द्वारा इसके प्रदर्शन और प्रयोग पर विशेष नियंत्रण है।
 
पूरा आलेख पढ़ने के लिए यहाँ जाएँ ... राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस - २२ जुलाई
 
सादर आपका
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कांशीराम ने तब नरेंद्र मोहन की बेटी मांगी थी , अब इन को दयाशंकर सिंह की बेटी बहन दोनों चाहिए

जिंदगी मुबारक !

"वो कमरा बात करता था ..."

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

4 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

झंडा कहाँ है
झंडे दिखते हैं
तिरंगे के रंग
बाँट लिये
हाथ में डंडे
दिखते हैं ।

सुन्दर प्रस्तुति शिवम जी ।

Asha Lata Saxena ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी अपने राष्ट्र ध्वज की दी है बहुत लोगों को इसकी पूर्ण जानकारी नही है |
मेरी रचना चाह को शामिल करने के लिए आभार शिवम् जी |

कविता रावत ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी के साथ सार्थक बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

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